- BY:RF Temre
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अति लघुउत्तरीय प्रश्न
प्रश्न-1 कविता
के अनुसार किन बातों से दूर रहने की प्रेरणा मिलती है?
उत्तर - कविता के अनुसार छल, दम्भ, द्वेष, पाखण्ड, झूठ और अन्याय से दूर रहने की प्रेरणा मिलती है।
प्रश्न-2 प्रार्थना कविता के चित्र में बच्चे क्या कर रहे हैं?
उत्तर - प्रार्थना कविता के चित्र में बच्चे प्रार्थना कर रहे हैं।
प्रश्न-3 कविता में 'दयानिधे' किसे कहा गया है?
उत्तर - कविता में 'दयानिधे' ईश्वर को कहा गया है।
लघुउत्तरीय प्रश्न
प्रश्न-4 'शक्ति' शब्द से क्या आशय है?
उत्तर - 'शक्ति' शब्द से आशय वह ऊर्जा या कृपा से है जिससे हम अपने कर्तव्य को पूरा कर सकें।
प्रश्न-5 'निज आन मान मर्यादा .............. अभिमान रहे' पंक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए?
उत्तर - 'निज आन मान मर्यादा ........ अभिमान रहे' पंक्ति का अर्थ-
हे ईश्वर हमें स्वयं की मान-मर्यादा (इज्ज़त) और अपने स्वाभिमान (गौरव) का सदैव ध्यान रहना चाहिए।
प्रश्न- 6 कविता के अनुसार हमारा जीवन कैसे सफल होगा?
उत्तर - कविता के अनुसार हमारा जीवन दूसरों की सेवा और उनकी भलाई अर्थात उपकार करने से सफल होगा।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न-7 विद्यालय के प्रति आपके क्या कर्त्तव्य है?
उत्तर - विद्यालय के प्रति हमारे कर्तव्य निम्नानुसार हैं-
(1) विद्यालय प्रारम्भ होने से पहले सभी विद्यार्थी एक साथ मिलकर ईश्वर की प्रार्थना करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
(2) विद्यालय की
साफ-सफाई में हम एक दूसरे का सहयोग और सहायता करें। विद्यालय को सदैव स्वस्थ रखें।
(3) हम मन लगाकर खूब पढ़ाई करें, जो बातें गुरु जी द्वारा सिखाई जाएँ उन्हें सीखें।
(4) जो विद्यार्थी गरीब हैं उनकी सदैव सहायता करें।
(5) ऐसे विद्यार्थी जो विद्यालय नहीं आते हैं और यहाँ-वहाँ खेलते रहते हैं, उन्हें समझा कर अपने साथ विद्यालय लाएँ।
(6) हम अपने गुरुजी और मित्रों से कभी भी झूठ न बोले।
(7) विद्यालय में अपने सहपाठियों को घमण्ड न दिखाएँ और न ही उनके साथ अन्याय करें।
(8) हम अपने सहपाठियों
से द्वेष, ईर्ष्या एवं घृणा न करें।
(9) हमारा व्यवहार शुद्ध और सरल हो।
(10) हम सभी मित्रों के साथ प्रेंम पूर्वक बात करें।
(11) हमें अपनी, अपने गुरुओं और मित्रों की मान मर्यादा का सदैव ध्यान रखना होगा।
मूल्यांकन - 01
अतिलघुउत्तरीय प्रश्न
प्रश्न- 1 'सुधा' शब्द का समानार्थी शब्द लिखिए?
उत्तर - सुधा' = अमृत
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न-2 हमें किनकी सहायता करनी चाहिए?
उत्तर - हमें
दीन-दुखी, दीन-हीन और भूले-भटके लोगों की सहायता करनी चाहिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न- 3 अपने देश के बारे में दस वाक्य लिखिए?
उत्तर - (1) हमारे देश का नाम भारत है।
(2) उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत है।
(3) भारत के दक्षिण में हिन्द महासागर है।
(4) भारत में कुल राज्य 29 और 9 केन्द्र शासित प्रदेश हैं।
(5) भारत के बीचों-बीच में हमारा प्यारा मध्य प्रदेश है।
(6) मेरे देश में हरे-भरे जंगल, पर्वत पठार एवं मनोरम घाटियाँ हैं।
(7)
गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा भारत की पवित्र नदियाँ हैं।
(8) नर्मदा और बैनगंगा मध्य प्रदेश की पवित्र नदियाँ हैं।
(9) हमारे देश की शक्तिशाली सेना भारत की सीमाओं पर रक्षा करती है।
(10) मुझे मेरे देश पर गर्व है।
इन👇 पाठों को भी पढ़े।
1. पाठ 1 'प्रार्थना - "वह शक्ति हमें दो दयानिधे" प्रसंग संदर्भ सहित व्याख्या एवं बोध प्रश्न
2.
पाठ 2 'मैं हूँ नीम' पाठ का सारांश एवं अभ्यास
3. पाठ - 3 श्रवण कुमार - पाठ का सारांश एवं सम्पूर्ण पाठ, अभ्यास- बोध प्रश्न एवं भाषा अध्ययन
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(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank
you.
R F Temre
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(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 1 प्रश्न-अभ्यास
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
उत्तर:
1. (ख), 2. (क), 3. (घ), 4. (ग)
(ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर काव्य पंक्तियाँ पूर्ण कीजिए
1. अपने सुख-दुख को ……………. सहें हम। (चुपचाप/सहष)
2. थके हुए के लिए ……………. सदा बहे हम। (दवा की तरह/हवा की तरह)
3. बैठे आँखों में ……………. भरने को। (आशा/आँसू)
4. माँ! इन नन्हें हाथों को बस यह ……………. दो अपना। (प्रभार/प्रसाद)
उत्तर
1. चुपचाप
2. दवा की तरह
3. आँसू
4. प्रसाद।
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 1 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए
(क) कवि अपनी मुट्ठी में क्या बाँधना चाहता है?
उत्तर
कवि अपनी मुट्ठी में तकदीर बाँधना चाहता है।
(ख) हम सीना
तानकर किस प्रकार खड़े हों?
उत्तर
हम पर्वत की तरह सीना तानकर खड़े हों।
(ग) कवि नन्हें हाथों में किस प्रसाद को चाहता है?
उत्तर
कवि नन्हें हाथों में ऐसा प्रसाद चाहता है जिससे वह यो कार्य कर सके जिसको लोग सपना मानते हैं।
(घ) इस कविता में ‘माँ’ का संबोधन किसके लिए है?
उत्तर
कवित में ‘माँ’ का संबोधन भारत माता के लिए है।
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए
(क) कबि माँ से क्या-क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर
कवि माँ से प्रार्थना करता है कि वह बुद्धि और बल से श्रेष्ठ बने। उनका सिर पर्वत सा ऊँचा हो ताकि वे सभी मुसीबतों का डटकर मुकाबला करे। हममें इतनी शक्ति हो कि हम जरूरतमंदों की सेवा कर सकें। हम अपने
दुःखों का चुपचाप सहें। वह कार्य भी कर सकें जिसे सब सपना समझते हैं।
(ख) ‘सावन से घिर आएँ’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर
‘सावन से घिर आएँ’ पंक्ति में कवि का तात्पर्य है कि माँ हमें इतनी शक्ति और बुद्धि प्रदान करे कि हम सभी प्यासों की प्यास बुझा सकें तथा हर सूखी और बंजर भूमि को तृप्त कर सकें।
(ग) कवि नन्हें हार्यों को कहाँ तक पहुँचाना चाहता है?
उत्तर
कवि नन्हें हाथों को वहाँ तक पहुँचाना चाहता है जहाँ तक लोग मात्र सपना समझते हैं अर्थात हर समय उनके हाथ दूसरों की मदद के लिए
उठे।
(घ) इस कविता का भावार्थ लिखिए।
उत्तर
संपूर्ण कविता में कवि ने बच्चों को प्रार्थना के माध्यम परिपूर्ण बनने का आहान किया है। बच्चे माँ के सामने प्रार्थना करते हैं कि उनकी बुद्धि और बल दोनों श्रेष्ठ हो ताकि वे उन व्यक्तियों की सेवा कर सके जो दुबल एवं क्षीण हैं। अपने दुःखों को सहने तथा दीन-दुखियों की सहायता करने पर बल दिया गया है।
भाषा की बात
प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के सही उच्चारण कीजिए
बुद्धि, आँधी, मुसीबत, तकबीर, लौ, अँधियारे
उत्तर
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
साबन, बुद्धि, पिरसाद, सदेव, परबत, पियासे
उत्तर
शुद्ध-साबुन, बुद्धि, प्रसाद, सदैव, पर्वत, प्यास।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए
पर्वत, सिर, सागर, हवा, धरती, आँख
उत्तर
पर्यायवाची-नग, अचल; समुद्र, जलधि; समुद्र, जलधि, नीर, पवन; धरा, भूमि; नेत्र, लोचन।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए
ऊँचा, कठिन, अँधियारा, सुख, बड़े, बिखराना
उत्तर
विलोम-नीचा, उजियारा/ उजाला, दुःख, छोटे, समेटना।
प्रार्थना कविता का परिचय
1. में कवि ने हमें जागरूक बन कर देश की रक्षा करने के लिए कहा है। हम अपनी शक्ति और बुद्धि का सदुपयोग करें ताकि जीवन में आने वाली प्रत्येक मुसीबत का सामना निर्भय होकर कर सकें। हमें किस्मत के सहारे नहीं बैठना चाहिए बल्कि मेहनत और बल से स्वयं का विकास करना चाहिए।
प्रार्थना संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या
1. तन से, मन से और बुद्धि से
हम सब बहुत बड़े हो
पवर्त-से हो, सिर ऊँचा कर
सीना तान खड़े हो
कोई कठिन काम हो भारी
हम करके दिखला दें ।
आँधी से हों, मुसीबतों को
बादल-सा बिखरा दें।
शब्दार्थ
मुसीबत= कठिनाई,संकट; कठिन = मुश्किल; भारी =बहुत बड़ा, गंभीर; आंधी से हो=आंधी के समान, भयानक।
संदर्भ – प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-1 ‘प्रार्थना’ से ली गई हैं। इसके रचयिता डॉ. जयकुमार जलज हैं
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने हमें चेताया है कि हम अपनी बुद्धि और बल का प्रयोग करके जीवन में ,उत्पन्न मुसीबतों का मुकाबला करें।
व्याख्या- हम सब को अपनी बुद्धि और बल का सदुप्रयोग करके स्वयं का विकास करना चाहिए। फिर चाहे जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाई.या मुसीबत उत्पन्न हो, हम उनका मुकाबला डट कर करें।
विशेष – जीवन की कठिनाइयों से लड़ने और उनसे मुकाबला करने के लिए प्रेरित किया गया है।
2. मुट्ठी में तकदीरें बाँये
हँस कर चलने वाले
अँधियारे में किसी-दिए की
लौ-से जलने वाले
प्यासे को देखें तो हम सब
सावन-से घिर आएँ
सागर में ही नहीं
हयेली गागर में भर जाएँ।
शब्दार्थ – तकदीर=भाग्य, किस्मत; दिए=दीपक।
संदर्भ-पूर्ववत्।
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने किस्मत को स्वयं | बनाने और सबके लिए मार्गदर्शक बनने के लिए आहान किया है।
व्याख्या-हमें अपना भाग्य खुद बनाना चाहिए और स्वयं को इतना मजबूत बना लेना चाहिए कि कमजोर |हमारा सहारा ले सके। प्यासे अपनी प्यास बुझा सके | तथा दूसरों पर निर्भर न होना पड़े।
3. बके हुए के लिए
हवा की तरह सदैव बहें हम
धरती-से हां
अपने सुख-दुख को चुपचाप सहें हम
उठे हमारा हाथ
दीन दुखियों का दुख हरने को
रहे न फुरसत ।
बैठें आँखों में आँसू भरने को।
शब्दार्थ
आँखों में आँसू भरना=रोना, निराश होना।
संदर्भ-पूर्ववत्।
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कमजोर और दीन-दुखियों की रक्षा के लिए जागृत किया है।
व्याख्या-जो व्यक्ति समाज की मुसीबतों से डर जाते हैं, धक जाते हैं, उनको सही राह सुझाएँ। हमें निस्वार्थ होकर दीन-दुखियों की सेवा करनी चाहिए। हमें अपने घावों की चिंता न करके दूसरों के आँसू पोछने चाहिए।
4. माँ! इन नन्हें हाथों को
बस यह प्रसाद दो अपना
ये उस तक भी पहुंचे
जिसको सब कहते हो सपना। .
शब्दार्थ-सपना=स्वप्न, कल्पित लक्ष्य।
संदर्भ-पूर्ववत्
प्रसंग-इसमें बच्चे माँ से आशीर्वाद माँग रहे हैं।
व्याख्या-बच्चे माँ के समक्ष प्रार्थना कर रहे हैं कि वे तन-मन और बुद्धि से इतने पूर्ण हो जाएँ कि सबकी | रक्षा कर सकें।