स्टोरी हाइलाइट्स
- पीरियड्स मिस होने के 1 हफ्ते बाद ही टेस्ट करें
- पीरियड्स से पहले के लक्षण और प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण दोनों एक जैसे ही होते हैं
- ज्यादा शारीरिक और मानसिक दवाब है एक कारण
पीरियड्स मिस होना एक महिला के दिल की धड़कनों को बढ़ा देता है. या तो वो उम्मीद से भर जाती है या फिर उसके मन में एक तरह का डर पैदा होने लगता है. ऐसे में प्रेग्नेंसी टेस्ट ही इस उलझन का समाधान दे सकता है. पर सवाल यह है कि अगर ऐसा हो कि टेस्ट भी नेगिटिव आए और महसूस प्रेग्नेंसी जैसा ही हो रहा हो, तब क्या?
बता दें कि पीरियड्स से पहले के लक्षण और प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण दोनों एक जैसे ही होते हैं. थकान, सूजन, घबराहट, पेट फूलना, मूड स्विंग्स, क्रेविंग आदि सारी बातें दोनों ही स्थिति में एक जैसी ही सामने आती हैं. पीरियड्स जितनी देरी से होता है , ये सब उतना ही ज्यादा महसूस होता है, और अगर आप प्रेग्नेंट होना चाहती हैं तो इन चीजों पे ध्यान ज्यादा ही जाएगा.
कई बार ऐसा भी होता है कि घर पर प्रेग्नेंसी टेस्ट का पॉजिटिव रिजल्ट आने के बावजूद भी कैमिकल प्रेग्नेंसी के चांसेज होते हैं. इसमें 30% फर्टिलाइज्ड एग फैलोपिन ट्यूब से गर्भाशय में जाते-जाते कुछ ही दिनों में नष्ट हो जाते हैं. इसमें शुरुआती दौर में तो पॉजिटिव रिजल्ट दिखता है पर कुछ दिनों बाद पीरियड्स शुरु हो जाते हैं.
इसी वजह से पीरियड्स मिस होने के 1 हफ्ते बाद टेस्ट करने की सलाह दी जाती है. पर क्या अगर तब भी टेस्ट नेगिटिव आए पर महसूस प्रेग्नेंसी जैसा ही हो रहा हो. आइए जानते हैं ऐसा क्यों होता है? क्या है इसके पीछे की वजह.
स्ट्रेस
स्ट्रेस हमारी बॉडी पर बहुत ज्यादा असर डालता है. अगर लाइफ में बहुत ज्यादा शारीरिक और मानसिक दवाब रहता है तब दिमाग में यही सोच पनपती है कि अभी बच्चा नहीं करना है और परिणामस्वरूप ओवुलेट नहीं होता है और अगर ओवुलेशन नहीं होता है तो पीरियड्स भी नहीं होते हैं, पर प्रेग्नेंसी के लक्षण जरूर शुरू होने लगते हैं.
दवाइयां
दवाइयों का मासिक साइकल पर बहुत प्रभाव रहता है. Steroid दवाइयां बहुत ही हानिकारक होती हैं. इससे पीरियड मिस होने के बहुत चांसेज रहते हैं. थायरॉइड या डायबिटीज
की दवाइयों का भी असर रहता है.
प्री-मेनोपॉज
लगभग 52 साल की उम्र के आसपास मेनोपॉज की स्थिति पैदा होने लगती है. कई महिलाओं में यह उनके 40 की उम्र में भी दिखने मिलता है. प्री-मेनोपॉज में पीरियड्स का सही समय पर न होना बहुत आम है. ऐसे में हार्मोंस बहुत बदलते हैं और कई बार प्रेग्नेंसी जैसे लक्षण महसूस होते हैं जैसे मूड में बदलाव या ब्रेस्ट का कोमल होना, आदि.
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पीरियड्स मिस होना एक महिला के मन में बहुत सारे सवाल खड़े कर देता है। ऐसी स्थिति में प्रेगनेंसी टेस्ट करना ही इसका हल होता है लेकिन कुछ स्थिति में परिणाम नेगेटिव आने के बाद भी प्रेगनेंसी जैसा लगता है तो पीरियड मिस होने के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करने का क्या है उचित समय जिससे सही परिणाम प्राप्त हो।
प्रश्न : पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करे
जैसे ही आपका पीरियड मिस होता है या आपका पीरियड लेट हो गया है तो आप प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हैं। पीरियड्स अनियमित होने पर पिछली बार असुरक्षित यौन संबंध बनाने से लेकर २१ दिन बाद टेस्ट कर सकती है। दिन में किसी भी समय प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा सकता है।
प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए
कुछ ऐसे संकेत भी है जिससे आप जान सकती है की अब आपको प्रेगनेंसी टेस्ट करवाना चाहिए जानते है उनके बारे में।
1) ऐंठन होने पर
मासिक धर्म में जिस तरह की ऐंठन होती है प्रत्यारोपण में भी वैसी ही ऐंठन का अनुभव होता है। जब आपकी गर्भावस्था की प्रारंभिक अवस्था है तब इस परेशानी को आप महसूस कर सकते है। आपको ऐसा भी लगता है की आपके पीरियड्स आने वाले है लेकिन यह नहीं आते।
2) पीरियड्स ना आना
मासिक धर्म का ना आना गर्भावस्था परीक्षण का मुख्य कारण होता है। वैसे तो बहुत से गर्भावस्था परीक्षण एकदम सही होते है जब पीरियड्स मिस होने के बाद गर्भावस्था परीक्षण किया जाता है।
लेकिन कुछ स्थिति में हार्मोन का स्तर सकारात्मक परिणाम को सही साबित नहीं करने देता। अगर आपका मासिक धर्म नहीं आया है और टेस्ट भी नेगेटिव है थोड़े दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट फिर से करे।
3) स्तनों में बदलाव
प्रारंभिक गर्भावस्था में रक्त के प्रवाह में वृद्धि होने की वजह से स्तन बड़े दिखाई दे सकते हैं। उनमें दर्द और सूजन भी महसूस होती है यह मासिक धर्म के पहले भी होता है। हमेशा इसे प्रेग्नेंट होने का संकेत नहीं माना जाता इसलिए ऐसा महसूस होने पर प्रेगनेंसी टेस्ट करवाए।
4) उल्टी और मितली होना
अगर किसी महिला को बिना कारण ही मतली और उल्टी आ रही है और आपके पीरियड्स भी मिस हो गए है तो प्रेगनेंसी टेस्ट करवाना चाहिए। जिसके साथ ही आपको प्रेगनेंसी के दूसरे लक्षण भी दिखाई दे रहे हो तो प्रेगनेंसी से जुड़ी मतली और उल्टी प्रेगनेंसी के दूसरे सप्ताह से होने लगती है और ८ वें सप्ताह के बीच भी शुरू होती है।
5) गर्भनिरोधक विफल
गर्भनिरोधक उपकरण १०० % सुरक्षित नहीं होते जिससे की प्रेगनेंसी की थोड़ी संभावना बनी रहती है फिर चाहे आप कितनी भी सावधानी बरत लें। अगर आप गर्भनिरोधक विफलता को लेकर चिंतित है तो डॉक्टर से परामर्श लें।
6) अलग महसूस होना
अगर आपको कुछ अलग महसूस हो रहा है जैसे बार बार पेशाब आना, थकान होना, जी मिचलाना, तो यह प्रारंभिक गर्भावस्था के कारणों में आता है ऐसे लक्षण दिखने पर प्रेगनेंसी टेस्ट करवाना चाहिए।
7) कम रक्तस्राव
बहुत सी महिलाओं को आरोपण रक्तस्राव जैसा महसूस होता है यह हल्का रक्तस्राव होता है। जब भ्रूण गर्भाशय की दीवार से जुड़ता है तब ऐसा होता है। प्रत्यारोपण रक्तस्राव पीरियड्स में होने वाले रक्तस्राव की तुलना में हल्का और छोटा होता है।
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निष्कर्ष :
बहुत सी महिलाएं पीरियड्स मिस होने पर घबरा जाती है। यदि आपके भी पीरियड्स मिस हो गए है तो समय रहते प्रेगनेंसी टेस्ट करवाना चाहिए। जिससे की मालूम हो जाएगा की आप प्रेग्नेंट है या नहीं आप डॉक्टर से भी सलाह ले सकती है।