प्राचीन काल में संदेश कैसे भेजे जाते थे? - praacheen kaal mein sandesh kaise bheje jaate the?

प्राचीन काल से आज तक प्रचलित संदेश वहन के साधनों की सचित्र सूची तैयार करो।

कबूतर: प्राचीन काल में संदेश पहुँचाने की सुविधाएँ नहीं थी। तब कबूतर ही संदेशवाहक का काम करते थे। संदेश एक चिट्ठी में लिखकर उसे एक नली में रखते और वह नली कबूतर के पैरों में बाँध दी जाती थी। इसके अतिरिक्त कबूतर को आवश्यक निर्देश भी दिए जाते थे। प्रशिक्षित होने के कारण वह रास्ता नहीं भटकता था। युद्ध के दौरान कबूतरों द्वारा ही महत्त्वपूर्ण संदेश हर जगह पहुँचाए जाते थे।
डाक सेवा: भारतीय डाक प्रणाली का इतिहास काफी रोमांचक और पुराना है। पहली डाक व्यवस्था का श्रेय अलाउद्दीन खिलजी को जाता है। उस समय घुड़सवारों द्वारा संदेश लाने ले जाने की व्यवस्था की गई थी। बदलते माहौल के अनुसार इसमें भी परिवर्तन हुआ और भारत में पहला पोस्ट ऑफिस ३१ मार्च, १७७४ को मुंबई में खुला था। धीरे-धीरे भारत के कई राज्यों में डाक सेवाएँ शुरू हो गइर्। इसमें डाकिए चिट्ठियाँ पहुँचाने का कार्य करने लगे। यह सेवा वर्तमान युग में भी जारी है। भारतीय डाक प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। अनेक डाकघरों में बहुउद्देशीय काउंटर मशीनें लगाई गई हैं, जिनके माध्यम से मनीऑर्डर, रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट आदि की सुविधा उपलब्ध हो गई है।
टेलीफोन: टेलीफोन के आने से संदेश भेजना बहुत ही सरल हो गया। इसमें एक-दूसरे से मौखिक रूप से बात करने की सुविधा बनाई गई, जिससे यह संदेश वहन का सबसे सशक्त माध्यम बन गया। टेलीफोन के जरिए दूसरे राज्यों या देशों में रहने वाले लोगों से भी आसानी से संपर्क स्थापित होने लगा।
कंप्यूटर: विज्ञान की प्रगति ने कंप्यूटर का आविष्कार किया, जिससे हम कंप्यूटर के माध्यम से अपने संदेश को ई-मेल द्वारा कहीं पर भी तुरंत भेज सकते हैं। सात समुंदर पार बैठे व्यक्ति से वीडियो चैट द्वारा प्रत्यक्ष रूप से देखते हुए बातें भी कर सकते हैं, परंतु कंप्यूटर संदेशवहन का सबसे महँगा साधन था।
मोबाइल: मोबाइल के आविष्कार ने दुनिया में धूम मचा दी और आज वर्तमान युग में मोबाइल संदेशवहन का सबसे सस्ता साधन बन गया है। मोबाइल में संदेशवहन की सारी सुविधाएँ हैं, जिसके माध्यम से व्यक्ति घर बैठे ही किसी से भी वीडियो कॉल के जरिए आसानी से प्रत्यक्ष रूप से बात कर सकता है। इसमें ऑडियो कॉल की दरें भी बहुत सस्ती हैं। संदेश भेजने के साथ-साथ यह मनोरंजन एवं जानकारी प्राप्त करने का भी साधन बन गया है।

Concept: लेखन (8th Standard)

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विषयसूची

  • 1 प्राचीन काल में संचार के कौन से साधन थे?
  • 2 पिछली शताब्दी में संचार के कौन कौन से साधन थे?
  • 3 संचार का सबसे प्राचीन साधन कौन सा है?
  • 4 आधुनिक काल में संचार के साधन कैसे थे?

प्राचीन काल में संचार के कौन से साधन थे?

इसे सुनेंरोकेंप्राचीनकाल में लोग कबूतरों के द्वारा अपने संदेशों का आदान-प्रदान करते थे। आज कल डाक, तार, टेलीफोन, रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्र- पत्रिकाएँ आदि संचार के मुख्य साधन हैं।

आज के समय में समाचार भेजने के कौन कौन से साधन है?

इसे सुनेंरोकेंवर्तमान समय में इंटरनेट द्वारा ई-मेल से हम अपना संदेश, फोटो आदि दुनिया के किसी भी कोने में तुरंत भेज सकते हैं। () डाकघर मनोरंजन का साधन ( ) टेलीफोन देश-विदेश की खबरें पढ़ने के लिए ( ) टेलीविजन पत्र ( ) समाचार पत्र एस.टी.डी .

पिछली शताब्दी में संचार के कौन कौन से साधन थे?

इसे सुनेंरोकेंतक संचार का साधन केवल हरकारे (रनर्स) या फिर तेज़ घोड़े रहे हैं। उसके बाद पहिए आए। पर रेलवे और तार से भारी बदलाव आया। तार ने रेलों से भी तेज़ गति से संवाद पहुँचाने का सिलसिला शुरू किया।

इसे सुनेंरोकेंप्राचीन काल में एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने के लिए ‘दूत’ भेजे जाते थे जो प्राय: आवागमन के लिए घोड़ों आदि का प्रयोग करते थे । पक्षियों द्‌वारा संदेश भेजने के भी अनेक उदाहरण मिलते हैं । उस काल में एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने में महीनों लग जाते थे परंतु आज स्थिति पूर्णत: बदल चुकी है ।

संचार की उत्पत्ति कैसे हुई?

इसे सुनेंरोकें’संचार’ शब्द की उत्पत्ति ‘चर’ धातु से हुई है, जिसका अर्थ है-चलना या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचना।

संचार का सबसे प्राचीन साधन कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंतार की खोज के साथ ही संचार के क्षेत्र में क्रांति का प्रारंभ हो गया । इसके द्‌वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक ‘इलेक्ट्रॉनिक’ यंत्रों की सहायता से तार के माध्यम से संकेत प्रेषित किए जाने लगे । इसके पश्चात् ‘दूरभाष’ के आविष्कार ने तो संचार जगत में हलचल ही मचा दी ।

प्राचीन काल से सही संदेशों के आदान प्रदान का माध्यम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपहले के समय में पत्र ही संदेशों के आदान-प्रदान का एकमात्र माध्यम था। पत्र माध्यम जितना प्राचीन काल में लोकप्रियता था। उतना ही आज भी उसकी प्रासंगिकता बनी हुई है। टेलीफोन, टेलीग्राम, कंप्यूटर यह तीनों संदेश प्रदान करने के तकनीक माध्यम हैं, जो आधुनिक समय में विकसित हुए हैं।

आधुनिक काल में संचार के साधन कैसे थे?

इसे सुनेंरोकेंटेलीफोन, रेडियो, समाचार पत्र, टेलिविज़न इत्यादि संचार के ऐसे ही साधन हैं. टेलीफोन ऐसा माध्यम हैं जिसकी सहायता से एक बार में कुछ ही व्यक्तियों से संचार किया जा सकता हैं., किन्तु संचार के कुछ साधन ऐसे भी हैं, जिनकी सहायता से एक साथ कई व्यक्तियों से संचार किया जा सकता हैं.

प्राचीन समय में संदेश कैसे भेजा जाता था?

प्राचीन काल में संदेश पहुँचाने की सुविधाएँ नहीं थी। तब कबूतर ही संदेशवाहक का काम करते थेसंदेश एक चिट्ठी में लिखकर उसे एक नली में रखते और वह नली कबूतर के पैरों में बाँध दी जाती थी। इसके अतिरिक्त कबूतर को आवश्यक निर्देश भी दिए जाते थे

प्राचीन समय में संचार के साधन कौन सा है?

प्राचीन काल में एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने के लिए 'दूत' भेजे जाते थे जो प्राय: आवागमन के लिए घोड़ों आदि का प्रयोग करते थे । पक्षियों द्‌वारा संदेश भेजने के भी अनेक उदाहरण मिलते हैं । उस काल में एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने में महीनों लग जाते थे परंतु आज स्थिति पूर्णत: बदल चुकी है ।

प्राचीन काल में ही संदेशों के आदान प्रदान का माध्यम क्या है?

संचार मराठीत संचार समाज के आरंभ से लेकर अब तक के विकास से जुड़ा हुआ है। प्रसिद्ध संचारवेत्ता डेनिस मैक्वेल के अनुसार, " एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक अर्थपूर्ण संदेशों का आदान प्रदान है।

पुराने समय में सूचना का आदान प्रदान कैसे होता था?

इसमें साथी सैनिकों को सूचित करने के लिए आग और धुयें का प्रयोग किया जाता था। चीन के सैनिक इस तरह के माध्यम का प्रयोग करते थे इसका प्रमाण है । के माध्यम से एक जगह से दूसरे राज्य में संदेश देने के लिए एक हकारे को कोई प्रतिक चिन्ह देकर और लिखाई का अविष्कार होने के बाद पत्र देकर सूचना भेजा जाता था

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