हमारे तलवे और हथेलियां सीधे तौर से धन और ताकत से सम्बन्ध रखती हैं. तलवों से व्यक्ति की यात्राओं के बारे में भी जाना जा सकता है और तलवों को ठीक रखकर धन की समस्याओं और स्वास्थ्य को भी ठीक किया जा सकता है. जहां हथेलियों के चिह्न साधारण होते हैं, वहीं तलवों के चिह्न बहुत ज्यादा विशेष होते हैं.
लम्बे तलवे से क्या पता चलता है?
- लम्बे तलवे होना कहीं-कहीं पर मूर्खता की निशानी माना जाता है
- लेकिन वास्तव में ये ईश्वर की विशेष कृपा का लक्षण है
- लम्बे तलवे वाले आलसी होने के बावजूद जीवन में सफलता प्राप्त कर लेते हैं
छोटे तलवे
- जरूरत से ज्यादा छोटे तलवे व्यक्ति को मानसिक चिंता में डाल देते हैं
- ऐसे लोग काफी संघर्ष के बाद ही जीवन में कुछ पा सकते हैं
- आम तौर पर जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे चीजें बेहतर होती हैं
सामान्य तलवे
- सामान्य तलवे ज्यादा कुछ सूचना नहीं देते
- इसके लिए सामान्य तलवे के पैर के अंगूठे को देखना होगा
- तलवे के पास अंगूठे की रेखा अच्छी हो तो सामान्य तलवे भी अच्छे प्रभाव देते हैं
क्या कहती हैं तलवे और पैरों की अंगुलियां?
- पैरों का अंगूठा, अगर बगल वाली अंगुली से छोटा हो तो यह भाग्य में वृद्धि करता है
- अगर पैर की सबसे छोटी अंगुली काफी छोटी हो, या इसमें नाखून बहुत ही छोटा हो तो वैवाहिक जीवन खराब होता है
- अगर पैर की सबसे छोटी अंगुली लम्बी हो तो व्यक्ति को धन का अभाव नहीं होता
- अगर पैरों की अंगुलियाँ टेढ़ी मेढ़ी हो तो व्यक्ति की किस्मत में दो विवाह का योग बन जाता है
- अगर पैर का अंगूठा ज्यादा ही बड़ा हो तो यह बीमारी का लक्षण होता है
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क्या कहता है तलवे का रंग?
- तलवे का रंग स्वाभाविक और साफ हो तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है
- तलवे का रंग एक समान न हो तो व्यक्ति धूर्त होता है
- तलवे के रंग में गुलाबीपन का होना बताता है कि व्यक्ति अत्यंत समृद्ध और सम्पन्न है
- अगर तलवे का रंग पीलापन लिए हुए हो तो व्यक्ति को खराब दाम्पत्य जीवन का सामना करना पड़ता है
तलवे की रेखाओं का क्या है अर्थ?
- अगर तलवे में अंगूठे से एक सीधी रेखा नीचे जाए तो यह व्यक्ति को अत्यंत बुद्धिमान बनाती है
- तलवे में जितनी कम रेखाएं होंगी व्यक्ति उतना ही ज्यादा भाग्यवान होगा
- तलवे में रेखाओं का जाल हो तो व्यक्ति को आजीविका के लिए भटकना पड़ता है
- तलवों में शंख या चक्र का होना अत्यंत दुर्लभ है, और यह महापुरुषों के पैरों में ही पाया जाता है
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तलवे के साथ जुड़े हुये लक्षण क्या कहते हैं?
- पैर के तलवे में तिल हो तो व्यक्ति को खूब यात्रा और धन का वरदान मिलता है
- अगर पैर और तलवे बार-बार फटते हैं तो समझना चाहिए कि शरीर में विटामिन और मिनरल्स कम हैं
- अगर तलवे ठंढे रहते हैं तो समझना चाहिए कि हार्मोंस असंतुलित हैं
- तलवों में लगातार रूखेपन का होना बताता है कि आपको त्वचा की समस्या हो सकती है
कई बार हाथ-पैरों में इतनी ज्यादा खुजली होती है कि बर्दाश्त से बाहर होने लगती है. हाथ-पैरों में खुजली ड्राई स्किन, सोरायसिस, एक्जिमा व डायबिटीज के कारण हो सकती है. हाथ-पैरों में होने वाली खुजली के इलाज के तौर पर कोल्ड कंप्रेस, टॉपिकल क्रीम, स्किन को मॉइश्चराइज करने से मदद मिल सकती है.
आज इस लेख में आप हाथ-पैरों में खुजली के कारण और इलाज के बारे में जानेंगे -
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- हाथ-पैरों में खुजली के कारण
- ड्राई स्किन
- सोरायसिस
- एक्जिमा
- स्केबीज
- एलर्जी
- डायबिटीज
- सिरोसिस
-
हाथ-पैरों में खुजली का इलाज
- कोल्ड कंप्रेस
- टॉपिकल कॉर्टिकोस्टेरॉइड
- टॉपिकल दवाइयां
- स्किन में नमी
- अल्ट्रावॉयलेट लाइट थेरेपी
- एंटीहिस्टामाइन
- ओटमील बाथ
- सारांश
हाथ-पैरों में खुजली के कारण व इलाज के डॉक्टर
हाथ-पैरों में खुजली के कारण
अगर ठंड के मौसम में हाथ-पैरों में खुजली हो रही है, तो इसकी वजह ड्राई स्किन हो सकती है. इसके अलावा, सोरायसिस, एक्जिमा, एलर्जी व डायबिटीज के कारण भी हाथ-पैरों मे खुजली हो सकती है. आइए, हाथ-पैरों में खुजली के कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -
ड्राई स्किन
कई बार हाथ-पैरों में इतनी ज्यादा खुजली होती है कि रुकने का नाम नहीं लेती. ऐसा अमूमन सर्दियों के मौसम में देखा जाता है, लेकिन कई बार गर्मी के मौसम में जब व्यक्ति एसी में बहुत ज्यादा रहता है और स्किन को मॉइश्चराइज नहीं करता है, तो भी ड्राई स्किन की समस्या हो जाती है. ऐसे में हाथ-पैरों में खुजली होना आम बात है.
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सोरायसिस
जब स्किन के सेल्स बहुत तेजी से ग्रो करते हैं और स्किन की सतह पर जम जाते हैं, तो इसे सोरायसिस कहा जाता है. सोरायसिस की स्थिति में इन पर लाल रंग के पैचेज भी हो जाते हैं और कई बार तो इनमें पस भी भर जाता है. इस तरह की स्थिति में हाथ-पैरों में बहुत ज्यादा खुजली होती है.
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एक्जिमा
यह ऐसी अवस्था है, जिसमें स्किन में सूजन हो जाती है. इसे डिहाइड्रोटिक डर्मेटाइटिस कहा जाता है. इसके होने पर हाथ और पैरों में बहुत ज्यादा खुजली होती है. एक्जिमा के होने के कारण का पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है, लेकिन यह एलर्जी रिएक्शन और फंगल इंफेक्शन से हो सकता है.
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स्केबीज
एलर्जी
किसी चीज को छूने से स्किन एलर्जी हो सकती है, जिसे एलर्जिक कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस कहा जाता है. इसके लक्षण तुरंत नहीं नजर आते, लेकिन कुछ समय बाद हाथ और पैरों में खुजली होने शुरू हो जाती है. लैटेक्स, खुशबू, टॉपिकल दवाइयां व पौधे आदि से एलर्जी होने पर हाथ-पैरों में खुजली हो सकती है.
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डायबिटीज
डायबिटीज के शुरुआत में हाथ-पैरों पर खुजली होना आम बात है. ऐसा तब होता है, जब डायबिटीज आउट ऑफ कंट्रोल रहती है और डायबिटीज के मैनेज होते ही यह खुजली अपने आप खत्म हो जाती है.
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सिरोसिस
यह क्रोनिक लिवर डिजीज का एक कॉम्प्लिकेशन है, जिसके होने पर खुजली होना आम बात है. इसके कारण का पता नहीं लग पाया है, लेकिन यह जरूर है कि ऐसा लाइसोफॉस्फैटिडिक एसिड और बाइल साल्ट के बढ़े हुए स्तर की वजह से होता है.
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हाथ-पैरों में खुजली का इलाज
हाथ-पैरों में खुजली को ठीक करने में कोल्ड कंप्रेस, टॉपिकल क्रीम, अल्ट्रावॉयलेट लाइट थेरेपी, ओटमील बाथ जैसे इलाज से मदद मिलती है. आइए, हाथ-पैरों में खुजली के इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं -
कोल्ड कंप्रेस
हाथ-पैरों में ज्यादा खुजली होने पर कोल्ड कंप्रेस का इस्तेमाल करने पर सूजन में कमी आती है और खुजली भी कम होती है. यदि कोल्ड कंप्रेस न हो, तो इसकी जगह पर आइस पैक का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए एक गीले और ठंडे टॉवल को हाथ-पैरों पर 10 से 20 मिनट तक लपेटने से खुजली से राहत मिलती है. इस टॉवल के अंदर बर्फ के टुकड़े रखकर भी स्किन पर लगाया जा सकता है.
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टॉपिकल कॉर्टिकोस्टेरॉइड
हाथ-पैरों में होने वाली खुजली से राहत दिलाने में टॉपिकल स्टेरॉयड अहम भूमिका निभाते हैं. खासकर, जब समस्या एलर्जी कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस के कारण हो, तो इससे बहुत राहत मिलता है.
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टॉपिकल दवाइयां
स्किन में नमी
यदि हाथ-पैरों में खुजली ड्राई स्किन का नतीजा है, तो इसका मतलब है कि स्किन को सही हाइड्रेशन की जरूरत है. ऐसे में यदि स्किन को अच्छी तरह से मॉइश्चराइज किया जाए, तो इससे ड्राइनेस कम होगी और खुजली से छुटकारा मिलेगा.
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अल्ट्रावॉयलेट लाइट थेरेपी
इसे फोटो थेरेपी भी कहा जाता है, जिसमें प्रभावित स्किन को एक हफ्ते में दो से तीन बार अल्ट्रावायलेट पायलट लाइट दी जाती है. सोरायसिस और एक्जिमा की स्थिति में यह थेरेपी काम आती है.
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एंटीहिस्टामाइन
यदि किसी तरह के एलर्जिक रिएक्शन की वजह से खुजली हो रही है, तो एंटीहिस्टामाइन का इस्तेमाल करने से राहत मिलती है. एंटीहिस्टामाइन दवाइयों के सेवन से एलर्जी की वजह से होने वाली खुजली और सूजन से छुटकारा मिलता है.
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ओटमील बाथ
ओटमील वाले गर्म पानी में हाथ-पैर को डुबोकर रखने से ड्राई स्किन से छुटकारा मिल सकता है. जैसे ही ड्राई स्किन को सूदिंग महसूस होता है, तो खुजली अपने आप कम हो जाती है. ओटमील बाथ को तैयार करने के लिए एक कप ओट्स को फूड प्रोसेसर में पीसकर गर्म पानी में मिला दें. फिर इसी पानी में प्रभावित भाग को 10-20 मिनट तक डुबोकर रखने से खुजली दूर होने में मदद मिल सकती है.
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सारांश
एलर्जिक रिएक्शन, डायबिटीज, सिरोसिस व स्केबीज जैसी कंडीशन की वजह से हाथ-पैरों में खुजली हो सकती है. कोल्ड कंप्रेस, टॉपिकल क्रीम व अल्ट्रावॉयलेट लाइट थेरेपी जैसे इलाज हाथ-पैरों में खुजली को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह के इलाज से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.
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