पैरा कमांडो बनने के लिए क्या क्या करना पड़ता है? - paira kamaando banane ke lie kya kya karana padata hai?

भारतीय सेना में शामिल होकर देश के लिए सेवा देना गर्व की बात होती है। भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट की स्पेशल फाॅर्स की यूनिट को पैरा कमांडो कहते हैं। पैरा कमांडो ने कई सफल ऑपरेशन्स कर देश का नाम रौशन किया है। आइए बताते हैं कि para commando kaise bane और कैसे देश के लिए दें योगदान।

This Blog Includes:

  1. पैरा कमांडो कौन होते हैं?
  2. पैरा कमांडो कैसे बनते हैं?
  3. पैरा कमांडो सिलेक्शन प्रोसेस 2022
  4. पैरा कमांडो योग्यता 2022
  5. टॉप इंस्टीट्यूट
  6. पैरा कमांडो ट्रेनिंग शेड्यूल
  7. पैरा कमांडो के फेमस ऑपरेशन
  8. पैरा कमांडो की सैलरी
  9. FAQs

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पैरा कमांडो कौन होते हैं?

पैरा कमांडो भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट की स्पेशल फोर्सेज यूनिट होती है। पैरा कमांडो को स्पेशल ऑपरेशन्स, डायरेक्ट एक्शन, होस्टेज प्रॉब्लम, एंटी टेररिस्ट ऑपरेशन्स, अनकन्वेंशनल अटैक्स, स्पेशल सैनिक प्रशिक्षण, आदि जैसे सबसे मुश्किल काम को अंजाम देते हैं। पैरा कमांडो की तरह नेवी के पास भी MARCOS और एयर फाॅर्स के पास गरुड़ कमांडो होते हैं। यह देश के कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन्स को सफलतापूर्वक पूरा कर चुके हैं।

पैरा कमांडो कैसे बनते हैं?

Source – Bootcamp and Military Fitness Institute

पैरा कमांडो भारत की सबसे खतरनाक सेना की यूनिट में से एक है। इस यूनिट का गठन 1 जुलाई 1966 को हुआ था। इनका मुख्य उद्देश केवल देश में आंतरिक रूप से तथा बाहर से हमले करने वाले आतंकवादियों से देश को सुरक्षा प्रदान करना है। पैरा कमांडो एक ऐसी सेना की टुकड़ी है जो पैराशूट लेकर चलती है। भारतीय सेना में पैरा कमांडो के लगभग 9 बटालियन है। वर्तमान समय में पैराशूट रेजिमेंट के वर्तमान कर्नल लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह संघा हैं।

Source – Foujiadda

पैरा कमांडो बनने के लिए आपको भारतीय सेना की किसी भी बटालियन में एक जवान के रूप में शामिल होना होता है। जिसके बाद आपको पैरा कमांडो के अधिकारियों द्वारा चयनित किया जाता है। पैरा कमांडो में भर्ती होने के लिए आपके पास दो विकल्प होते हैं। जिनमें पहला विकल्प सीधी भर्ती और दूसरा विकल्प भारतीय सेना द्वारा होता है।

डायरेक्ट रिक्रूटमेंट के द्वारा केवल सेना की रैलियों का आयोजन करके योग्य उम्मीदवारों को ही ट्रेनिंग के लिए चयनित किया जाता है। इसके लिए उम्मीदवारों को शारीरिक रूप से बेहद मजबूत होना आवश्यक है। जबकि भारतीय आर्मी में जवान के पद पर रहते हुए पैरा कमांडो में शामिल होने के लिए उम्मीदवार को पहले अपने रेजिमेंट के कमांडर से एक लेटर ऑफ़ रेकमेंडेशन (LOR) लिखवाना होता है। जिसके बाद आप पैरा कमांडो के लिए चयनित किए जा सकते हैं।

जब आपका एक बार पैरा कमांडो के रूप में चयन हो जाता है। तो उसके बाद आपको ट्रेनिंग के दौर से गुजरना होता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सेना की ट्रेनिंग बेहद ही कठिन होती है, किंतु जब आप एक पैरा कमांडो बनते हैं तब आपकी ट्रेनिंग और भी खतरनाक हो जाती है। इस ट्रेनिंग के दौरान केवल 10% ही उम्मीदवार पैरा कमांडो के लिए योग्य होते हैं। पैरा कमांडो को ट्रेनिंग के लिए कुल 3 महीने कमांडो सेंटर पर गुजारने होते हैं। लेकिन पैरा कमांडो स्पेशल फोर्स की ट्रेनिंग के लिए 6 महीने का समय लगता है। आइए आपको पैरा कमांडो के प्रत्येक दिन किए जाने वाले कार्यों के विषय में जानकारी देते हैं।

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पैरा कमांडो सिलेक्शन प्रोसेस 2022

Source – ForceIndia

पैरा कमांडो सिलेक्शन 2022 को समझने से उम्मीदवारों को यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि पैरा कमांडो में कैसे शामिल हों। उम्मीदवारों के लिए सिलेक्शन प्रोसेस बेहद चुनौतीपूर्ण है और केवल सर्वश्रेष्ठ ही इसे पूरा कर सकते हैं। पैरा रेजिमेंट में आवेदन करने वाले प्रत्येक सैनिक को ऐसा करने का अवसर नहीं मिलता। पैरा कमांडो सिलेक्शन प्रोसेस को प्रेरित सैनिकों की भर्ती के लिए डिज़ाइन किया गया है जो स्वयंसेवा करते हैं। सिलेक्शन प्रोसेस के लिए सभी प्री-टेस्ट रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग कोर्स, या PRTC के अधिकारियों के बोर्ड द्वारा एआरओ स्थान पर आयोजित किए जाते हैं। 

पैरा कमांडो चयन प्रक्रिया 2021 का विवरण दिया गया है:

  • फिजिकल फिटनेस टेस्ट में सफलतापूर्वक 100% और रिटन टेस्ट में कम से कम 50% प्राप्त करने वाले उम्मीदवार पैरा रेजिमेंट में शामिल होने के लिए पात्र हैं। इन उम्मीदवारों को रेजिमेंट में चयन के लिए आगे के परीक्षणों के अधीन किया जाएगा।
  • यदि ये उम्मीदवार पैरा रेजिमेंट के लिए विशेष स्क्रीनिंग टेस्ट में उत्तीर्ण नहीं होते हैं, तो उन्हें पैरेंट रेजिमेंट में शामिल होने का आश्वासन दिया जाता है।

चयनित होने के इच्छुक स्वयंसेवकों को नीचे दिए गए विशेष शारीरिक परीक्षण को उत्तीर्ण करना होगा:

  • 5 किमी दौड़- 20 मिनट
  • चीन अप- 14
  • पुश अप- 1 मिनट में 40 प्रतिनिधि
  • बैठो- 2 मिनट में 80 प्रतिनिधि
  • मीटर फेरबदल- 1 मिनट में 17 बार

इसके बाद चुने गए उम्मीदवारों को PRTC करना होगा। यदि उम्मीदवार PRTC में लक्ष्य मानकों को पूरा करने में असमर्थ हैं तो उन्हें मूल रेजिमेंट में आगे के प्रशिक्षण के लिए स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

पैरा कमांडो योग्यता 2022

Source – SSBCrack

Para commando kaise bane इसके लिए पैरा रेजिमेंट में शामिल होने के संबंध में पहली आवश्यकताओं में से एक यह है कि आपको भारतीय सेना का सदस्य होना चाहिए। वहां के लिए, यदि कोई रिक्तियां उपलब्ध हैं, तो सैनिक पैरा रेजिमेंट के लिए आवेदन कर सकते हैं। पैरा कमांडो बनने के लिए योग्यता इस प्रकार है:

राष्ट्रीयता – उम्मीदवारों को भारत का नागरिक होना चाहिए, या नेपाल या भूटान का विषय होना चाहिए, एक तिब्बती शरणार्थी जो 1 जनवरी, 1962 से पहले भारत में स्थायी रूप से बसने के इरादे से, या भारतीय मूल का व्यक्ति जो प्रवास कर गया हो। भारत में स्थायी रूप से बसने के इरादे से नीचे निर्दिष्ट देशों से।

आयु – उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम स्वीकार्य आयु 16.5 वर्ष है जबकि अधिकतम स्वीकार्य आयु 19.5 वर्ष रखी गई है।

वैवाहिक स्थिति – पैरा कमांडो भर्ती 2021 के लिए पात्र होने के लिए उम्मीदवारों को अविवाहित होना चाहिए। रिक्तियां केवल पुरुष उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हैं।

शारीरिक माप – सेना, नौसेना और नौसेना अकादमी में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों की ऊंचाई कम से कम 157 सेमी और वायु सेना में शामिल होने के लिए कम से कम 162.5 सेमी होनी चाहिए।

टॉप इंस्टीट्यूट

Para commando kaise bane में देश के टॉप इंस्टीट्यूट के नाम इस प्रकार हैं। 

  • गार्ड कमांडो फोर्स, नई दिल्ली
  • कमांडो ट्रेनिंग अकादमी, हैदराबाद
  • क्वार्टर बैटल ट्रेनिंग
  • एयरफोर्स एकेडमी, डुंडीगाल
  • द काउंटर इंसर्जेंसी एंड जंगल वारफेयर स्कूल, मिजोरम
  • अपरंपरागत कमांडो कॉम्बैट अकादमी

पैरा कमांडो ट्रेनिंग शेड्यूल

पैरा कमांडों ट्रेनिंग शेड्यूल की जानकारी नीचे दी गई है:

Source – इन दिनों
  • किसी भी पैरा कमांडो के दिन की शुरुआत सुबह के 3:00 से 4:00 के बीच हो जाती है। प्रतिदिन उन्हें रोजाना शरीर पर 60 से 65 किलोग्राम का वजन लेकर 20 किलोमीटर तक दौड़ना होता है।
  • जब आप एक पैरा कमांडो मैं पैराट्रूपर्स की ट्रेनिंग के लिए जाते हैं तो आपको आगरा के एयरफाॅर्स ट्रेनिंग स्कूल में ट्रेनिंग दी जाती है। जहां पर जवानों को 33000 फुट से 50 बार जंप लगाने होते हैं।
  • इसके अतिरिक्त पैरा कमांडो को पानी में लड़ने की भी ट्रेनिंग दी जाती है। इसके लिए जवानों को नौसेना के ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल कोच्चि में ट्रेनिंग देनी होती है।
  • लगभग 1 महीने पश्चात उम्मीदवारों को शारीरिक रूप से तैयार करने के बाद जवानों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
  • समय के साथ-साथ कठिन परिस्थितियों से लड़ने एवं लोगों की मदद करने की ट्रेनिंग भी सिखाई जाती है।
  • दुश्मनों से लड़ने के लिए जवानों को ताइकांडो का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
  • बेसिक ट्रेनिंग पूर्ण होने के बाद इन्हें काम और ट्रेनिंग को मिलाकर लगभग साढे 3 साल तक ट्रेनिंग करनी होती है।
  • पैरा कमांडो को दिए जाने वाले हथियार की ट्रेनिंग।
  • जब एक जवान पैरा कमांडो की ट्रेनिंग पूर्ण कर लेता है। तो उसे पैरा कमांडो के विभाग की ओर से हथियार दिए जाते हैं। प्रत्येक पैरा कमांडो के पास निम्न प्रकार के हथियार पाए जाते हैं।
    1. Micro Uzi machine gun
    2. Beretta 2 automatic pistol
    3. PM med9 assault
    4. UK VZ 59L Light Machine Gun
    5. Siphon 12mm Rocket Launcher
    6. PKM Light Machine Gun

पैरा कमांडो के फेमस ऑपरेशन

इंडियन पैरा कमांडो की वीरता के किस्से यूं तो दुनिया में मशहूर हैं, विस्तार से डालते हैं सफल ऑपरेशन्स पर एक नज़र।

  • पैरा कमांडो ने 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी, इंडियन पैरा कमांडो की ताकत के आगे पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों को सरेंडर करना पड़ा था।
  • जुलाई 1999 में कश्मीर में कारगिल की पहाडिय़ों पर पाकिस्तान की फौज ने कब्जा कर लिया था। इस लड़ाई में पाकिस्तान पाकिस्तान की आर्मी और आतंकवादियों के खिलाफ पैरा कमांडो का इस्‍तेमाल हुआ जिसके चलते एक बार फिर पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा था।
  • पैरा कमांडो ने जनवरी 2015 में म्यांमार में घुसकर आतंकवादियों को मारा था।
  • मणिपुर में उग्रवादियों के एक हमले में देश के 18 जवान शहीद हुए थे। पैरा कमांडो को बदला लेने के लिए यह काम सौंपा गया। इन कमांडो ने म्यांमार सीमा में घुसकर 38 उग्रवादियों को ढेर कर दिया। इंडिपेंडेंट इंडिया के इतिहास में यह पहला अवसर था जब इंडियन सोल्जर किसी दूसरे देश की सीमा में घुसकर आतंकियों का सफाया करने में सफल रहे थे।
  • 2016 में आतंकवादियों ने उरी में हमारे कुछ जवानों को मार दिया था हमारे सिपाही की शहादत का बदला लेने के लिए पैरा कमांडो ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और उन्होंने वहां जाकर आतंकवादियों को मार गिराया और आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया था।

पैरा कमांडो की सैलरी

Para Commando Kaise Bane को उनके कार्य के अकॉर्डिंग एक बेहद अच्छी सैलरी दी जाती है। पैरा कमांडो के जवानों को प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख से अधिक की सैलरी मिलती है। इसके अतिरिक्त इन्हें सेना में दिए जाने वाले सभी सुविधाएं एवं लाभ दिए जाते हैं।

FAQs

पैरा कमांडो सैलरी कितनी होती है?

पैरा कमांडो के सैनिक को सालाना लगभग 10 लाख रुपये तक की सैलरी मिलती है तथा इसके अलावा और अन्य सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं।

पैरा कमांडो की ट्रेनिंग कैसे होती है?

प्रतिदिन उन्हें रोजाना शरीर पर 60 से 65 किलोग्राम का वजन लेकर 20 किलोमीटर तक दौड़ना होता है। जब आप एक पैरा कमांडो में पैराट्रूपर्स की ट्रेनिंग के लिए जाते हैं तो आपको आगरा के एयरफर्स ट्रेनिंग स्कूल में ट्रेनिंग दी जाती है। जहां पर जवानों को 33000 फुट से 50 बार जम्प लगाने होते हैं।

आर्मी में पैरा कमांडो क्या होता है?

पैरा कमांडो को आमतौर पर स्पेशल फाॅर्स के रूप में जाना जाता है, जो पैराशूट रेजिमेंट से जुड़ी इंडियन आर्मी की स्पेशल ऑपरेशन यूनिट है।

पैरा SF का सिंहनाद क्या है?

पैरा SF का सिंहनाद “तुम भारत के वीर हो, तुम अपने देश के रक्षक हो” है।

पैरा कमांडो को कितनी छुट्टियां मिलती हैं?

पैरा कमांडो को लगभग 30 दिनों की कैज़ुअल लीव और दो महीने की एनुअल लीव्स मिलती हैं।

आशा करते हैं इस ब्लॉग से आपको para commando kaise bane के बारे में जानकारी प्राप्त हुई होगी। अगर आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट से 1800 572 000 पर कॉन्टेक्ट कर आज ही फ्री सेशन बुक कीजिए।

पैरा कमांडो में जाने के लिए क्या करना पड़ेगा?

पैरा कमांडो बनने के लिए आपको भारतीय सेना की किसी भी बटालियन में एक जवान के रूप में शामिल होना होता है। जिसके बाद आपको पैरा कमांडो के अधिकारियों द्वारा चयनित किया जाता है। पैरा कमांडो में भर्ती होने के लिए आपके पास दो विकल्प होते हैं। जिनमें पहला विकल्प सीधी भर्ती और दूसरा विकल्प भारतीय सेना द्वारा होता है।

Para कमांडो कितनी पढ़ाई चाहिए?

para commando बनने के लिए आपको आगरा के एयरफोर्स ट्रेनिंग स्कूल में ट्रेनिंग दी जाती है इसमें आपको 33000 फुट से 50 जंप लगाने होते हैं. para commando को पानी में लड़ने की भी ट्रेनिंग दी जाती है इसके लिए इन्हें नौसेना के ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल कोचिंग में ट्रेनिंग कराई जाती है.

कमांडो बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?

NSG Commando ke Liye Yogyata आपकी न्यूनतम उम्र 18 वर्ष तथा अधिकतम उम्र 23 वर्ष होना चाहिए. अभ्यर्थी दसवीं कक्षा या बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए. उम्मीदवार की न्यूनतम ऊंचाई (Height) 157 cm होनी चाहिए. एनएसजी कमांडों बनने के लिए भारतीय सेना, केंद्रीय पुलिस या राज्य पुलिस बल में सिपाही बनना होगा.

कमांडो की दौड़ कितनी होती है?

प्रतिदिन कमांडो के दिन की शुरुआत शरीर पर 60 से 65 किलो वजन और 20 किलोमीटर की दौड़ से होती है। एक पैरा कमांडो की ट्रेनिंग काम के साथ-साथ साढ़े तीन साल तक चलती रहती है।

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