पक्षियों के लिए पिंजरे में रखे मैदा के व्यंजनों से बेहतर क्या है *? - pakshiyon ke lie pinjare mein rakhe maida ke vyanjanon se behatar kya hai *?

विषयसूची

  • 1 नीले नभ की सीमा पाने वाक्य में नभ शब्द का सही अर्थ क्या है?
  • 2 पक्षियों के लिए पिंजरे में रखी मैदा से बेहतर क्या है?
  • 3 बंद पिंजरे में पक्षियों को कौन कौन सी सुविधाएं प्राप्त होती है?
  • 4 नीले नव की सीमा पाने वाक्य में नव शब्द का सही अर्थ क्या है?
  • 5 पक्षी अपने उड़ने के अधिकार को बचाने के लिए क्या क्या देने को तैयार हैं?
  • 6 पक्षी क्यों व्यथित हैं answer?
  • 7 पिंजरे में बंद पक्षी और एक स्वच्छंद पक्षी दोनों के जीवन शैली में क्या समानता और अंतर होगा लिखिए?
  • 8 क्या आपको लगता है कि पक्षी भी मनुष्य की तरह भाव को महसूस करते हैं कैसे?

नीले नभ की सीमा पाने वाक्य में नभ शब्द का सही अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकें’नभ की सीमा पाने’ शब्दों का क्या आशय है? (क) तेज़ी से उड़ने की (ख) आकाश की ऊँचाइयाँ छूने की (ग) आकाश के पार जाने की (घ) नभ पर जाकर रहना। 3. ‘लाल किरणों-की सी चोंच’ से क्या तात्पर्य है? (क) लाल चोंच (ख) सूर्य की किरणों जैसी लंबाई लिए चोंच (ग) जैसे सूर्य की किरणें लालिमा लिए होते हैं वैसे ही उनकी चोंच भी लाल होती है।

पक्षियों के लिए पिंजरे में रखी मैदा से बेहतर क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर- पंछी नदी और झरनों का बहता जल पीना पसंद करते हैं। प्रश्न-4 पंछियों के लिए पिंजरे में रखे मैदा से बेहतर क्या है? उत्तर- पंछियों के लिए पिंजरे में रखे मैदा से बेहतर नीम के फल हैं।

पिंजरे में रहकर पक्षी क्या नहीं कर पाएंगे *?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: पिंजरे में रहकर पक्षी अपनी आजादी का अनुभव नहीं कर पाते हैं। वे उड़ भी नहीं पाते हैं।

बंद पिंजरे में पक्षियों को कौन कौन सी सुविधाएं प्राप्त होती है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- पक्षी उन्मुक्त होकर वनों की कड़वी निबोरियाँ खाना, खुले और विस्तृत आकाश में उड़ना, नदियों का शीतल जल पीना, पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर झूलना और क्षितिज से मिलन करने की इच्छाओं को पूरी करना चाहते हैं।

नीले नव की सीमा पाने वाक्य में नव शब्द का सही अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकें(घ) Page 4 हम पंछी उन्मुक्त गगन के ऐसे थे अरमान कि उड़ते नीले नभ की सीमा पाने, लाल किरण-सी चोंच खोल चुगते तारक-अनार के दाने। (पृष्ठ 1) शब्दार्थ : अरमान-इच्छा। नभ-आसमान।

नभ की सीमा पाने पंक्ति का क्या आशय है *?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: इस काव्यांश में पक्षी अपनी यह इच्छा प्रकट करते हैं कि हमें खुले आकाश में उड़ान भरने की स्वतंत्रता दी जाए।

पक्षी अपने उड़ने के अधिकार को बचाने के लिए क्या क्या देने को तैयार हैं?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: पक्षी की न तो घोंसला की इच्छा है और न टहनी का आश्रय। इन्हें भले ही छीन लिया जाए। पक्षी अपने उड़ने के अधिकार को बचाने के लिए क्या-क्या देने को तैयार हैं? तैयार हैं, लेकिन अपने उड़ने के अधिकार को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।

पक्षी क्यों व्यथित हैं answer?

इसे सुनेंरोकेंक्योंकि वे बंधन में हैं। क्योंकि वे आसमान की ऊँचाइयाँ छूने में असमर्थ हैं। क्योंकि वे अनार के दानों रूपी तारों को चुगने में असमर्थ हैं।

पिंजरे में रहकर पक्षी क्या नहीं कर पाएंगे * 1 Point गा नहीं पाएँगे उड़ नहीं पाएंगे कुछ खा नहीं पाएँगे उपर्युक्त सभी?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: पक्षी इस असीम क्षितिज से होड़ा-होड़ी करना चाहते हैं यानी लंबी उड़ान भरना चाहते हैं। Question 9. पक्षी क्या नहीं चाहते? Answer: पक्षी की न तो घोंसला की इच्छा है और न टहनी का आश्रय।

पिंजरे में बंद पक्षी और एक स्वच्छंद पक्षी दोनों के जीवन शैली में क्या समानता और अंतर होगा लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंपिंजरे में पक्षी खुले आसमान में उड़ान नहीं भर सकते, नदी-झरनों का बहता जल नहीं पी सकते, कड़वी निबौरियाँ नहीं खा सकते, फुदक नहीं सकते, अपने पंख नहीं फैला सकते, अनार के दानों रूपी तारों को चुग नहीं सकते। इसके अतिरिक्त पिंजरे में पक्षियों को वह वातावरण नहीं मिलता, जिसमें रहने के वे आदी हैं।

क्या आपको लगता है कि पक्षी भी मनुष्य की तरह भाव को महसूस करते हैं कैसे?

इसे सुनेंरोकेंबेशक पशु-पक्षी मनुष्य की भांति बोल नहीं सकते लेकिन मानव से अधिक समझदार होते हैं। उनमें भी मनुष्य की तरह दर्द, भावनाएं व प्यार के भाव होते हैं। जानवर भी खुश और दु:खी होते हैं। वे हर बात समझते और महसूस करते हैं।

पिंजरे में पक्षियों को क्या क्या कष्ट है?

इसे सुनेंरोकें(क) पिंजरे में पक्षियों को क्या-क्या कष्ट है? पिंजरे में पक्षी खुले आसमान में उड़ान नहीं भर सकते, नदी-झरनों का बहता जल नहीं पी सकते, कड़वी निबौरियाँ नहीं खा सकते, फुदक नहीं सकते, अपने पंख नहीं फैला सकते, अनार के दानों रूपी तारों को चुग नहीं सकते। पक्षी मनुष्यों से चाहते हैं कि उसे स्वतंत्र होकर उड़ान भरने दें।

पक्षियों के लिए पिंजरे में रखी मैदा से बेहतर क्या है?

हम बहता जल पीनेवाले मर जाएँगे भूखे-प्यासे, कहीं भली है कटुक निबौरी कनक-कटोरी की मैदा से । ऐसे थे अरमान कि उड़ते नीले नभ की सीमा पाने, लाल किरण- सी चोंच खोल चुगते तारक - अनार के दाने ।

पिंजरे में पक्षियों को क्या क्या कष्ट है?

पिंजरे में पक्षी खुले आसमान में उड़ान नहीं भर सकते, नदी-झरनों का बहता जल नहीं पी सकते, कड़वी निबौरियाँ नहीं खा सकते, फुदक नहीं सकते, अपने पंख नहीं फैला सकते, अनार के दानों रूपी तारों को चुग नहीं सकते। इसके अतिरिक्त पिंजरे में पक्षियों को वह वातावरण नहीं मिलता, जिसमें रहने के वे आदी हैं।

पक्षी सोने के कटोरे में मैदा खाने के बदले क्या कहना पसंद है?

इस पंक्ति में पक्षी कहता है कि पिंजरे में बंद रह कर सोने की कटोरी में मैदा खाने से अच्छा है की वह खुले आसमान के नीचे खुली हवा में रह कर कड़वी निबौरी खा ले। कहने का मतलब है पक्षियों को खुले आसमान में उड़ना पसन्द है न की पिंजरे में बंद रहना ,चाहे फिर वो सोने का ही क्यों न हो।

पक्षियों को क्या खाना सबसे अच्छा लगता है class 7?

उत्तर:- पक्षी उन्मुक्त होकर वनों की कड़वी निबोरियाँ खाना, खुले और विस्तृत आकाश में उड़ना, नदियों का शीतल जल पीना, पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर झूलना और क्षितिज से मिलन करने की इच्छाओं को पूरी करना चाहते हैं।

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