Myjyotish Expert Updated 23 Mar 2022 05:59 PM IST
किस दिन कौन सा कार्य आरंभ करना होता है शुभ - फोटो : google
किस दिन कौन सा कार्य आरंभ करना होता है शुभ
ज्योतिषशास्त्र बहुत ही लाभदायक साबित होता है जब कार्य इसके अनुसार किए जाते हैं। ज्योतिषशास्त्र में बहुत सारी जानकारियां उपलब्ध है। उसी में से आज हम आपके लिए एक जानकारी लेकर आए हैं जिसमें हम आपको बताएंगे कि यदि आप भी कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं तो वह किस दिन करें। जब कोई शुभ काम शुभ समय में किया जाता है तो उसके बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं और वह कार्य बिना किसी बाधा के पूरा हो जाता है। वही कई बार ऐसा होता है कि कोई खास काम गलत दिन शुरू कर दिया जाता है जिसके कारण उस कार्य में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको बताएंगे की किस दिन कौन सा कार्य आरंभ करना शुभ रहता है।
सबसे पहले बात रविवार के दिन की। रविवार के दिन दवाइयों का सेवन आरंभ करना, सवारी, वाहन, नौकरी, पशु खरीदी, यज्ञ, पूजन, अस्त्र शस्त्र को खरीदना, धातु को खरीदना, वस्त्र की खरीदारी करना या किसी वाद विवाद के लिए सलाह लेना शुभ माना गया है। यदि आप रविवार के दिन इन सभी चीजों से जुड़ा कोई भी कार्य आरंभ करते हैं तो वह आपको सकारात्मक परिणाम देता है।
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सोमवार का दिन कृषि से संबंधित कार्य जैसे कि बीज बोना, बगीचे में फल लगाना, पशुपालन, कृषि से संबंधित यंत्र खरीदने के लिए शुभ माना गया है। साथ ही आप सोमवार के दिन भ्रमण यात्रा, कला कार्य, नए वस्त्र रत्न या आभूषण धारण करते है तो यह आपके लिए बहुत शुभ साबित होते हैं। मंगलवार के दिन आप अपना ऋण चुका सकते हैं परंतु मंगलवार के दिन ऋण लेना शुभ नहीं होता है। मंगलवार के दिन आप जासूसी कार्य, भेद लेना, गवाही देना, सेना-युद्ध और नीती से संबंधित कार्य, अग्नि से संबंधित कार्य और साहसिक कार्यों के लिए मंगलवार का दिन शुभ माना गया। वही यदि आपका कहीं कोई वाद विवाद चल रहा है तो मंगलवार के दिन उसका निर्णय करना आपके पक्ष में साबित होगा।
यदि आप किसी को ऋण देते हैं तो आप बुधवार के दिन दे। बुधवार का दिन छात्रों के लिए बहुत ही अच्छा रहता है। इस दिन छात्रों को अपने शिक्षा से संबंधित कार्य करने चाहिए। यदि आप किसी नई विद्या की शुरुआत करने जा रहे हैं तो आपको उस के लिए बुधवार का दिन
चयनित करना चाहिए। बुधवार का दिन निर्माण कार्य, शिल्पकार्य, नोटिस देना, गृह प्रवेश करना हिसाब करना, बहीखाता बनाना और राजनीति से संबंधित कार्यों के लिए शुभ होता है।
गुरुवार का दिन नया पद ग्रहण करने के लिए, आभूषण धारण करने के लिए, नए वाहन को चलाने के लिए या फिर औषधि का सेवन की शुरुआत करने के लिए शुभ रहता है। गुरुवार के दिन ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा और कला से संबंधित शिक्षा लेने के लिए अच्छा माना गया है। गुरुवार के दिन आप चाहें तो आप यज्ञ, अनुष्ठान भी कर सकते हैं इससे आपकी मनोकामना पूरी होंगी।
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अनाज भंडार भरने के लिए शुक्रवार का दिन सबसे उत्तम दिन माना गया है। शुक्रवार के दिन आप पारिवारिक कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। यदि आप किसी गुप्त बात पर विचार करना चाहते हैं तो उसके लिए शुक्रवार का दिन अच्छा रहेगा। यदि कोई व्यक्ति इत्र, नाटक, फ़िल्म या संगीत से संबंधित कार्य करता है
तो उसकी शुरुआत लिए शुक्रवार का दिन सबसे शुभ रहता है।
अब बात सप्ताह के अंतिम दिन शनिवार की। शनिवार का दिन भगवान शनिदेव का दिन माना गया है। भगवान शनिदेव न्याय के देवता हैं इसलिए आप इस दिन किसी की गवाही दे सकते हैं और अपने पुराने चल रहे वाद विवाद का निपटारा कर सकते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि शनिवार के दिन लोहे से संबंधित चीजें नहीं खरीदनी चाहिए परंतु शनिवार के दिन आप धातु मशीनरी से संबंधित कार्य या वाहन खरीद सकते हैं ये आपके लिए शुभ फलदायी रहेंगे। शनिवार के दिन आप नए घर में प्रवेश करना चाहते
हैं तो यह आपके लिए उत्तम रहेगा। वहीं शनिवार के दिन कृषि से संबंधित कार्य कभी भी प्रारंभ नहीं करने चाहिए।
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1- सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, गुरुपुष्यामृत और रविपुष्यामृत योग वारों का विशेष नक्षत्रों से सम्पर्क होने से ये योग बनते हैं । जैसा कि इन योगों के नामों में ही शुभ मुहूर्त समाहित हैं, इसलिए इन योगों में कोई भी नया काम आरम्भ किया जाय, वह बिना किसी बाधा के सफल होता ही हैं । नये कार्यों का शुभारंभ, यात्रा, गृह प्रवेश, आदि सभी कार्यों के लिए ये सभी तिथिया लाभकारी सिद्ध होती हैं ।
2- अमृतसिद्धि तिथि योग- अमृतसिद्धि योग रवि को हस्त, सोम को मृगशिर, मंगल को अश्विनी, बुध को अनुराधा, गुरु को पुष्य नक्षत्र का सम्बन्ध होने पर रविपुष्यामृत-गुरुपुष्यामृत नामक योग बनता है, जो कि अत्यन्त ही शुभ माना गया है । इस तिथि में शुरू किये सभी कार्य सफल होने से कोई नहीं रोक सकता ।
3- रवियोग तिथि योग- रवियोग सभी कार्यों के लिए शुभ हैं, शास्त्रों में कहा गया है कि जिस तरह हिमालय का हिम सूर्य के उगने पर गल जाता है और सैकड़ों हाथियों के समूहों को अकेला सिंह भगा देता है उसी तरह से रवियोग भी सभी अशुभ योगों को भगा देता है, अर्थात् इस योग में सभी कार्य निर्विघ्न रूप से पूर्ण हो जाते हैं ।
4- त्रिपुष्कर और द्विपुष्कर योग- त्रिपुष्कर और द्विपुष्कर योग विषेश बहुमूल्य वस्तुओं की खरीददारी करने के लिए माने जाते हैं, इन योगों में खरीदी गई वस्तु नाम अनुसार भविष्य में दुगुनी व तिगुनी हो जाती है । अतः इन योगों में बहुमूल्य वस्तु खरीदनी चाहिये । इन योगों के रहते कोई वस्तु बेचनी नहीं चाहिये क्योंकि भविष्य में वस्तु दुगुनी या तिगुनी बेचनी पड़ सकती है । धन या अन्य सम्पत्ति के संचय के लिए ये योग अद्वितीय माने गए हैं । इन योगों के रहते कोई वस्तु गुम हो जाये तो भविष्य में दुगुना या तिगुना नुकसान हो सकता है, अतः इस दिन सावधान रहना चाहिए । इस दिन मुकद्दमा दायर नहीं करना चाहिए और दवा भी नहीं खरीदनी चाहिए ।