अक्सर दुर्बल नर्वस सिस्टम और कमजोर हड्डियों वाले व्यक्ति की नस पर नस चढ़ जाती है। कुछ लोगों को यह आधी रात में सोते समय परेशान करती है। उस वक्त कलेजा मुंह को आ जाता है कि कैसे उसे सामान्य किया जाए। फिजियोथेरेपी एक्यूप्रेशर में इसका अचूक इलाज बताया गया है। आइए आप भी जान लीजिए ताकि भविष्य में यह परेशानी आपको हो तो आप तुरंत इलाज कर सकें।
जिस पैर की नस चढ़ी है उसी तरफ के हाथ की बीच वाली अंगुली के नाखून के नीच वाले भाग को तेजी से दबाएं और छोड़ें, ऐसा लगातार करें जब तक कि नस ठीक न हो जाए। आपको अचरज होगा कि 2 मिनट से ज्यादा नहीं लगेंगे और नस तुरंत सामान्य हो जाएगी।
By उस्मान | Published: November 18, 2019 03:06 PM2019-11-18T15:06:45+5:302019-11-18T15:06:45+5:30
नस पर नस चढ़ जाये तो तुरंत करें ये 12 काम, मिनटों में मिलेगा दर्द से छुटकारा
नस चढ़ना एक आम समस्या है। बहुत से लोगों के साथ अक्सर होता है कि रात को सोते समय या फिर बैठे-बैठे अचानक पैर या कमर में नस पर नस चढ़ जाती है। नस चढ़ने से मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता हैं, जिसके कारण असहनीय दर्द होता है। कई बार इसके कारण सूजन भी आ जाती है और पीड़ित का चलना-फिरना यहां तक कि उठना-बैठना भी हराम हो जाता है। कई बार नस चढ़ने पर कोई दवा या मलहम भी काम नहीं करता।
नस चढ़ने के कारण
वेबएमडी के अनुसार, नस चढ़ने के कई कारण हैं जिनमें मुख्यतः पैरों में रक्त संचार का खराब होना, व्यायाम करते समय काफ मसल्स पर बहुत भार पड़ना, स्ट्रेचिंग की कमी, ज्यादातर समय गर्म तापमान में रहना, मांसपेशियों की थकान, डिहाइड्रेशन, मैग्नीशियम या पोटेशियम की कमी, रीढ़ की हड्डी में चोट, गर्दन या पीठ में नर्व पिन और गुर्दे की बीमारी शामिल हैं। इनके अलावा डायबिटीज, अधिक शराब पीना, किसी बिमारी के कारण कमजोरी, कम भोजन या पौष्टिक भोजन ना लेने से भी नस पर नस चढ़ जाती है।
एक्सपर्ट के अनुसार, गलत तरीके से बैठना,-उठना, सोफे या बेड पर अर्ध लेटी अवस्था में ज्यादा देर तक रहना, उलटे सोना, दो–दो सिरहाने रख कर सोना, बेड पर बैठ कर ज्यादा देर तक लैपटॉप या मोबाइल का इस्तेमाल करना, ज्यादा सफर करना, ज्यादा टाइम तक खड़े रहना या जायदा देर तक एक ही अवस्था में बैठे रहना आदि भी इसके कुछ कारण हैं।
नस चढ़ने की समस्या से ऐसे पायें राहत
- इसके लिए आप स्ट्रेचिंग कर सकते हैं। अपने शरीर का वजन प्रभावित पैर पर रखें और अपने घुटने को थोड़ा मोड़ लें। या, अपने पैर को सीधा करके बैठें या लेट जाएं और अपने पैर के शीर्ष को अपने सिर की ओर खींचें।
- दूसरा तरीका यह है कि अपने आप को स्थिर करने के लिए एक कुर्सी पर पकड़ें और अपने पैर को अपने नितंब की ओर वापस खींच लें।
- आप प्रभावित हिस्से की बर्फ से मसाज कर सकते हैं या फिर नमक के पानी से बाथ ले सकते हैं।
- सोते समय पैरों के नीचे मोटा तकिया रखकर सोएं तथा पैरों को ऊंचाई पर रखें।
- धीरे-धीरे ऐंठन वाली पेशियों, तंतुओं पर खिंचाव दें, आहिस्ता से मालिश करें।
- वेरीकोज वेन के लिए पैरों को ऊंचाई पर रखे, पैर में इलास्टिक पट्टी बांधे जिससे पैरों में खून जमा न हो पाए।
- शराब, तंबाकू, सिगरेट, नशीले तत्वों का सेवन नहीं करें।
- सही नाप के आरामदायक, मुलायम जूते पहनें।
- अपना वजन घटाएं। रोज सैर पर जाएं या जॉग करें। इससे टांगों की नसें मजबूत होती हैं।
- विटामिन और मैग्नीशियम से भरपूर चीजों का खूब सेवन करें और पर्याप्त पानी पियें।
- भोजन में नीबू-पानी, नारियल-पानी, फलों, विशेषकर मौसमी, अनार, सेब, पपीता केला आदि शामिल करें।
- सब्जियों में पालक, टमाटर, सलाद, फलियां, आलू, गाजर आदि का खूब सेवन करें।
- दिन में 2-3 अखरोट, 2-5 पिस्ता, 5-10 बादाम, 5-10 किशमिश खायें और इसके अलावा देशी का उपयोग करना चाहिए।
डॉक्टर के पास कब जाएं?
ज्यादातर मामलों में, आप खुद एक पैर की ऐंठन का ख्याल रख सकते हैं। इस तरह की ऐंठन कुछ मिनटों में खत्म हो जाती है। लेकिन अगर आप अक्सर और बिना किसी स्पष्ट यह समस्या होती रहती है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।