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नाक का माँस का बढ़ना एक गंभीर समस्या है जब नाक के अंदर श्वसन मार्ग का मांस बढ़ जाता है तो इस स्थिति को नाक का मांस बढ़ना कहते हैं। यह पुरुष एवम महिला किसी को भी हो सकता है। इसका दूसरा नाम नकाड़ा भी होता है। इस कारण सांस लेने में दिक्कत और सूंघने इत्यादि में दिक्कत आने लगती है। यह स्थिति वयस्कों में ज्यादातर पाई जाती है।
नाक का माँस बढ़ना क्या है
हालांकि यह समस्या किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है। नाक के अंदर बढ़ा हुआ यह मांस कैंसर मुक्त और दर्द रहित होता है। यह नाक के अंदर बूंदों में लटका रहता है। दवाओं की मदद से इसे हटा दिया जाता है या फिर छोटा कर दिया जाता है। किसी किसी स्थिति में इसमे सर्ज़री करने की भी जरूरत पड़ती है। सर्जरी के द्वारा नाक के अंदर का मांस हटा फ़िया जाता है लेकिन ये फिर से वापस आ सकते हैं।
किस वजह से नाक का मांस बढ़ने लगता है
नाक का मांस क्यो बढ़ता है इसकी स्पष्ट जानकारी अभी नही प्राप्त की जा सकी है। यह अभी पता नही चल सका है कि नाक में लालिमा और सूजन के बाद अचानक नाक का मांस बढ़ने क्यो लगता है ? नाक का मांस हालांकि किसी भी उम्र में बढ़ सकता है लेकिन यह आमतौर पर युवाओं और वयस्कों में ज्यादा देखने को मिलता है। कभी कभी ऐसा होता हैं कि नाक में लंबे समय तक सूजन और जलन के बाद भी नाक का मांस नही बढ़ता।
लेकिन कभी कभी लालिमा और सूजन, जलन, होने पर नाक का मांस बढ़ने लगता है। इसका कारण पता नही चल सका है कि ऐसा क्यों होता है। वैज्ञानिक अभी भी इस बात का पता लगा रहे हैं। हालांकि कुछ ऐसे प्रमाण जरूर मिले हैं जिसके द्वारा यह पता चला है कि जिन लोगो के नाक का मांस बढ़ जाता है उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया और म्यूकस मेम्ब्रेन में केमिकल उन लोगो से अलग होते हैं जिनका की नाक का मांस नही बढ़ता है। यह ज्यादातर उन क्षेत्रों में होते हैं जहाँ आंख, कान और गाल की हड्डी श्वसन मार्गो के पास से निकला हो।
नाक के मांस बढ़ने पर दिखाई देते है ये लक्षण
यदि नाक पर 10-12 हफ़्तों से लालिमा और सूजन बना हुआ हो तो यह नाक के मांस बढ़े होने का लक्षण हो सकता है। बढ़ा हुआ नाक का मांस बहुत मुलायम होता है। जब यह छोटा होता है तो इसके बढ़े हुवे का कभी कभी पता भी नही चलता है। धीरे धीरे यह बड़ा होता है और श्वसन मार्गो को अवरुद्ध करने लगता है। नाक में हुवे लालिमा की स्थिति को क्रोनिक साइनसाइटिस कहते हैं।
ज्यादातर नाक का मांस बढ़े हुए इस स्थिति की होने की बहुत सम्भावना होती है। इस प्रकार नाक का मांस बढ़ने और साइनसाइटिस होने की संभावनाएं निम्न प्रकार की हो सकती हैं।
- सोते वक्त ज्यादातर खर्राटे आना। इस स्थिति में व्यक्ति ज्यादा खर्राटे लेता है।
- इस स्थिति में सुघने की शक्ति कम या बिल्कुल खत्म हो जाती है। अगर व्यक्ति को यह समस्या आ रही है तो यह स्थिति नाक में बढ़े मांस अथवा साइनसाइटिस के कारण हो सकती है।
- लगातार नाक बहने की समस्या का होना भी साइनसाइटिस और नाक के मांस बढ़ने के लक्षण को दर्शाता है। अगर किसी को लगातार नाक बहने की समस्या है तो यह नाक में मांस का बढ़ा होना अथवा साइनसाइटिस हो सकता है।
- हर वक़्त नाक भरी हुई महसूस करना ये स्थिति भी नाक में मांस का बढ़ जाना अथवा साइनसाइटिस का लक्षण दर्शाता है।
- बहती हुई नाक द्रव बार बार गले में आ जाए तो यह भी बढ़े हुवे नाक के मांस अथवा साइनसाइटिस का लक्षण हो सकता है।
- खाने का स्वाद ना मिल पाना। इस स्थिति में व्यक्ति की सूंघने की शक्ति कम या खत्म हो जाने के कारण उसे खाने के स्वाद खत्म हो जाता है।
- ऊपरी दांतो में दर्द का बना रहना। यदि व्यक्ति के ऊपरी दांतो में लगातार दर्द का बना रहता है तो यह स्थिति नाक के मांस के बढ़ने की हो सकती है।
- अगर चेहरे और माथे के ऊपर दबाव महसूस हो रहा है तो यह भी नाक में मांस बढ़े होने का लक्षण हो सकता है।
डॉक्टर की सलाह कब ले?
यदि निम्न में से कोई भी समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखा कर उनकी सलाह ले।
- आंखों के आस पास सूजन का बढ़ जाना। इस स्थिति में डॉक्टर के पास जाएं।
- तेज़ बुखार का होना, बहुत ज्यादा दर्द का होना, अपने सिर को आगे की तरफ न झुका पाना। इस स्थिति में भी तुरन्त डॉक्टर की सलाह लें।
- हर चीज़ दो दिखाई देना। अगर हर चीज़ दोहरा दिख रहा है तो भी डॉक्टर की सलाह लें।
- आंख को पूरी तरह ना घुमा पाना । हर चीज़ कम दिखाई देना। इस स्थिति में भी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
नाक का माँस बढ़ने से खतरा
नाक का मांस बढ़ने से निम्न खतरे हो सकते हैं।
- अस्थमा- इस स्थिति में श्वसन मार्ग में सूजन और जलन होने लगती है। श्वसन मार्ग भी संकुचित हो जाता है।
- एलर्जिक फंगल साइनसाइटिस- ये हवा के द्वारा फैलने के द्वारा रोग है जिससे कि नाक में जलन और सूजन आ सकती है।
इसके साथ ही नाक का मांस बढ़ जाने से परिवार में अन्य लोगो को भी यह समस्या आ सकती है। प्रतिरक्षा प्रणाली में बदलाव के चलते नाक के मांस बढ़ने के समस्या में इजाफा हो जाता है। इस तरह के कुछ प्रमाण भी प्राप्त किये जा चुके हैं।
Mole on Nose: इंसान के चेहरे पर तिल महज सौंदर्य का प्रतीक ही नहीं होते बल्कि ये व्यक्ति के भविष्य में होने वाली घटनाओं का भी संकेत देते हैं. हमारे शरीर पर जन्मजात के कुछ निशान होते हैं जिन्हें हम तिल का नाम देते हैं. शरीर के अलग-अलग अंगों पर तिल की स्थिति, उनके रंग और आकार के हिसाब से अपने भविष्य का अनुमान भी लगाया जा सकता है. समुद्र शास्त्र में ऐसा बताया जाता है कि यह तिल बहुत विशेष महत्व रखते हैं.
ज्योतिष के अभिन्न अंग सामुद्रिकशास्त्र के अनुसार शरीर के किसी भी अंग पर तिल होना एक अलग संकेत देता है. समुद्र शास्त्र में ऐसा बताया जाता है कि हमारे शरीर पर तिल का बहुत विशेष महत्व हैं. हर व्यक्ति के शरीर पर तिल होते हैं. आज हम जानेंगे माथे पर तिल होने के क्या-क्या मायने हो सकते हैं.
सिर्फ सौभाग्यशाली लोगों के माथे पर इस तरफ होता है तिल, सामुद्रिक शास्त्र में माना जाता है किस्मत का धनी
बायीं ओर हो अगर तिल
जिनकी नाक के बायीं तरफ तिल हो, ऐसे लोग अपने जीवनसाथी के साथ प्रेम-पूर्वक जिंदगी व्यतीत करते हैं. इनका दाम्पत्य जीवन बड़ा ही सुख से बीतता है. इन्हें अच्छे पद पर नौकरी मिलने की भी पूरी संभावना रहती है.
नाक में दाई ओर तिल होना
जिन लोगों की नाक के दाईं तरफ तिल होता है वो बड़े ही सुन्दर और सौभाग्यशाली होते हैं. संतान का सुख भी इन्हें मिलता है. अगर किसी महिला के नाक के दायीं तरफ तिल है तो उसे मायके पक्ष से पूरा साथ मिलता है.
नाक की फ्रंट साइड यानी सामने की तरफ तिल होना
जिन लोगों की नाक के अगले हिस्से पर, यानी फ्रंट साइड पर तिल होता है, वे लोग अनेक कलाओं के जानकार होते हैं. इन्हें नयी-नयी चीज़ें सीखने का बड़ा ही शौक होता है. इन लोगों को पैसे की कमी नहीं होती. ये बड़े ही सौभाग्यशाली भी होते हैं. इसके साथ ही जीवन में इन्हें संतान का भी पूरा सुख मिलता है. लेकिन ये लोग थोड़े से मतलबी भी होते हैं.
आपके शरीर के तिल खोलते हैं भविष्य के सारे राज! आपके होंठ पर भी हैं तिल तो जानें कैसे हैं आप?
नाक के ठीक बीच में तिल
कहते हैं जिस स्त्री की नाक के अग्रभाग पर तिल हो, वह स्त्री धनवान, पुत्रवान, सौभाग्यवान तथा अनेक कलाओं की जानकार होती है और ऐसी स्त्रियां यदि नौकरी करती है तो वह उच्च पद को शीघ्र ही प्राप्त कर लेती है.
तिल के आकार का भी महत्व
तिल के आकार का भी बहुत महत्व होता है. बड़े तिल व्यक्ति के जीवन में खास महत्व रखते हैं. लंबे तिल सामान्य अच्छे परिणाम देते हैं. सिर पर दाईं और तिल हो तो व्यक्ति को ऐश्वर्य और सुख भाग्य की प्राप्ति होती है.
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो किसी भी व्यक्ति के शरीर पर 12 से ज्यादा तिल होना अच्छा नहीं माना जाता है. शरीर पर तिलों को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं. ये भी कहा जाता है कि शरीर के जिस हिस्से पर तिल होता है वो उसके पूर्व जन्म में लगी किसी चोट का होता है.
समुद्र शास्त्र अनुसार तिलों से भी व्यक्ति की लाइफ के बारे में बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है. तिल काले, भूरे और लाल रंग के होते हैं. तिल शुभ है या अशुभ इस बात का पता उसके मौजूदा स्थान से लगाया जा सकता है.