नगरीय भूगोल की प्रकृति एवं विषय क्षेत्र के बारे में विस्तार से वर्णन करें - nagareey bhoogol kee prakrti evan vishay kshetr ke baare mein vistaar se varnan karen

यह मानव भूगोल के अधिवास भूगोल की एक शाखा हैं। जिसके अन्तर्गत शहरों एवं नगरों का अध्ययन, उनकी उत्पति, स्थिति, कार्यात्मक प्रतिरुप, विकास आदि को ध्यान में रखकर किया जाता है।

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नगरीय भूगोल की प्रकृति क्या है?

यह मानव भूगोल के अधिवास भूगोल की एक शाखा हैं। जिसके अन्तर्गत शहरों एवं नगरों का अध्ययन, उनकी उत्पति, स्थिति, कार्यात्मक प्रतिरुप, विकास आदि को ध्यान में रखकर किया जाता है। यह भूगोल से सम्बंधित लेख एक आधार है।

नगरीय भूगोल के जनक कौन हैं?

हार्टशॉर्न ने भूगोल को एक ऐसे विज्ञान के रूप में परिभाषित किया जो क्षेत्रीय विभिन्नताओं का अध्ययन करता है। वर्तमान भूगोलवेत्ता प्रादेशिक उपागम और क्रमबद्ध उपागम को विरोधाभासी की जगह पूरक उपागम के रूप में देखते हैं

विषय ki प्रकृति एवं क्षेत्र क्या है?

4 मानव भूगोल के मूल सिद्धांत 2022-23 इसे सुस्पष्ट करने वाले उपागमों में परिवर्तन आया है। उपागमों में यह गत्यात्मकता विषय की परिवर्तनशील प्रकृति को दर्शाती है। पहले विभिन्न समाजों के बीच अन्योन्यक्रिया नगण्य थी और एक-दूसरे के बारे में ज्ञान सीमित था।

नगरीय भूगोल का अध्ययन क्या है?

मानव बस्ती का अध्ययन मानव भूगोल का मूल है क्योंकि किसी भी क्षेत्र में बस्तियों का रूप उस क्षेत्र के वातावरण से मानव का संबंध दर्शाता है। एक स्थान जो साधारणतया स्थायी रूप से बसा हुआ हो उसे मानव बस्ती कहते हैं।

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