मानव अधिकारों का उल्लंघन
- 09 Dec 2021
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प्रिलिम्स के लिये:
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, स्वास्थ्य का अधिकार
मेन्स के लिये:
मानव अधिकारों का उल्लंघन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों में मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित आँकड़े राज्यसभा में सार्वजनिक किये।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा पिछले तीन वित्तीय वर्षों में (31 अक्तूबर 2021 तक) प्रतिवर्ष दर्ज किये गए मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में से लगभग 40% उत्तर प्रदेश से संबंधित थे।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- मानवाधिकारों का उल्लंघन विचार और आंदोलन की स्वतंत्रता की अस्वीकृति है जिस पर सभी मनुष्यों का कानूनी रूप से अधिकार है।
- जबकि व्यक्ति इन अधिकारों का उल्लंघन कर सकते हैं, नेतृत्वकर्त्ता या सरकार अक्सर हाशिये पर रहने वाले व्यक्तियों को कम आँकती है।
- यह हाशिये पर रहने वाले व्यक्तियों को गरीबी और उत्पीड़न के चक्र में डाल देता है। जो व्यक्ति जीवन को इस दृष्टिकोण से देखते हैं कि सभी मानव जीवन समान मूल्य के नहीं हैं, वे इस चक्र को बनाए रखते हैं।
- उदाहरण:
- लोगों को उनके घरों से ज़बरन बेदखल करना (पर्याप्त आवास का अधिकार)।
- दूषित जल (स्वास्थ्य का अधिकार)
- मानवीय जीवन के लिये पर्याप्त न्यूनतम मज़दूरी सुनिश्चित करने में विफलता (काम का अधिकार)
- देश में सभी क्षेत्रों और समुदायों में भुखमरी को रोकने में विफलता (भूख से मुक्ति)।
- मानवाधिकार उल्लंघन के प्रकार:
- प्रत्यक्ष या जानबूझकर:
- उल्लंघन या तो राज्य द्वारा जानबूझकर किया जा सकता है और या
राज्य द्वारा उल्लंघन को रोकने में विफल रहने के परिणामस्वरूप हो सकता है।
- जब कोई राज्य मानवाधिकारों के उल्लंघन में संलग्न होता है, तो पुलिस, न्यायाधीश, अभियोजक, सरकारी अधिकारी और अन्य जैसे विभिन्न अभिनेता शामिल हो सकते हैं।
- उल्लंघन प्रकृति में शारीरिक रूप से हिंसक हो सकता है, जैसे कि पुलिस की बर्बरता, जबकि निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार जैसे अधिकारों का भी उल्लंघन किया जा सकता है, जहाँ कोई शारीरिक हिंसा शामिल नहीं है।
- उल्लंघन या तो राज्य द्वारा जानबूझकर किया जा सकता है और या
राज्य द्वारा उल्लंघन को रोकने में विफल रहने के परिणामस्वरूप हो सकता है।
- अधिकारों की रक्षा करने में राज्य की विफलता:
- यह तब होता है जब किसी समाज के भीतर व्यक्तियों या समूहों के बीच संघर्ष होता है।
- यदि राज्य कमज़ोर लोगों और समूहों में हस्तक्षेप करने एवं उनकी रक्षा करने के लिये कुछ नहीं करता है, तो यह प्रतिक्रिया उल्लंघन मानी जाएगी।
- अमेरिका में राज्य श्वेत अमेरिकियों की रक्षा करने में विफल रहा जब देश भर में अक्सर लिंचिंग होती रही।
- प्रत्यक्ष या जानबूझकर:
- भारत में वर्तमान परिदृश्य:
- कुल उल्लंघन:
- भारत में NHRC द्वारा दर्ज़ अधिकारों के उल्लंघन के मामलों की कुल संख्या 2018-19 में 89,584 से घटकर 2019-20 में 76,628 और 2020-21 में 74,968 हो गई।
- 2021-22 में 31 अक्तूबर (2021) तक 64,170 मामले दर्ज़ किये गए।
- भारत में NHRC द्वारा दर्ज़ अधिकारों के उल्लंघन के मामलों की कुल संख्या 2018-19 में 89,584 से घटकर 2019-20 में 76,628 और 2020-21 में 74,968 हो गई।
- जाति-आधारित भेदभाव और हिंसा:
- पिछले वर्ष जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2009 से 2018 तक दलितों के खिलाफ अपराधों में 6% की वृद्धि हुई, जिसमें 3.91 लाख से अधिक घटनाएँ देखी गई।
- सांप्रदायिक और जातीय हिंसा:
- कई लोगों पर गोरक्षा समूहों द्वारा हमला किया गया था और प्रभावित लोगों में से कई अल्पसंख्यक समूह के थे।
- अफ्रीकी देशों के लोगों को भारत में नस्लवादऔर भेदभाव का सामना करना पड़ा।
- संघ की स्वतंत्रता:
- सरकार द्वारा कई नागरिक समाज संगठनों के पंजीकरण को निरस्त कर दिया गया, जो विशेष रूप से उन्हें विदेशी धन प्राप्त करने से रोकते थे, भले ही संयुक्त राष्ट्र (United Nations-UN) ने दावा किया कि यह कार्यवाही अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप नहीं थी।
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता:
- कई लोगों को सरकार की नीतियों के प्रति असहमति व्यक्त करने के लिये राजद्रोह कानून के तहत गिरफ्तार किया गया और कई भारतीयों को फेसबुक पर टिप्पणी करने पर गिरफ्तार किया गया था।.
- महिला के विरुद्ध हिंसा:
- हाल ही में जारी
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey- NFHS) 5, की रिपोर्ट राज्य में महिलाओं के खिलाफ घरेलू और यौन हिंसा के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करती है।
- कर्नाटक में घरेलू हिंसा के मामलों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है, जबकि NFHS-4 में यहाँ घरेलू हिंसा के 20.6% मामले दर्ज किये गए थे और NFHS-5 में यह आँकड़ा 44.4% हो गया है।
- हाल ही में जारी
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey- NFHS) 5, की रिपोर्ट राज्य में महिलाओं के खिलाफ घरेलू और यौन हिंसा के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करती है।
- बच्चों से संबंधित अधिकार:
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau- NCRB) के आंँकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2020 में भारत में बच्चों के खिलाफ कुल 1,28,531 अपराध दर्ज़ किये गए थे, जिसका अर्थ है कि महामारी के दौरान हर दिन औसतन 350 ऐसे मामले दर्ज़ किये गए थे।
- कुल उल्लंघन:
आगे की राह
- दुनिया भर में मानवाधिकारों की रक्षा के लिये एक स्थायी, व्यावहारिक और प्रभावी तरीका अपनाना जो स्थानीय मूल्यों तथा संस्कृति को भी बरकरार रखने में भी सक्षम हो।
- मनुष्य को आपसी मतभेदों की पहचानना चाहिये तथा एक-दूसरे को समझते हुए इन्हें पहचानकर परिवर्तन करने की प्रयास करना चाहिये।
- छोटी-छोटी पहलों की शुरुआत करना, जैसे- बलात्कार, हिंसा और भेदभाव के शिकार लोगों की स्थितियों को समझते हुए दोषपूर्ण संस्कृति से बाहर निकालना। इस प्रकार का विस्तृत दृष्टिकोण इन परिस्थितियों के प्रति अधिक प्रभावशाली साबित हो सकता है।
- इन सबके बाद ही मानवाधिकारों के उल्लंघन के उदाहरण मानवीय दया एवं सहानभूति की मिसाल विकसित कर सकते हैं।
स्रोत: द हिंदू
महिलाओं के अधिकार से आप क्या समझते हैं?
महिलाओं के अधिकार के विषय मे कुछ हक अखंडता और स्वायत्तता शारीरिक करने की आजादी, यौन हिंसा से मुक्ति; मत देने की आजादी; सार्वजनिक पद धारण करने की आजादी; कानूनी कारोबार में प्रवेश करने की आजादी;पारिवारिक कानून में बराबर हक; काम करने की आजादी और समान वेतन की प्राप्ति; प्रजनन अधिकारों की स्वतंत्रता; शिक्षा प्राप्ति का ...
मानवाधिकार से आप क्या समझते हैं?
मानवाधिकार वे अधिकार हैं जो किसी भी व्यक्ति को जन्म के साथ ही मिल जाते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो किसी भी व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और प्रतिष्ठा का अधिकार ही मानव अधिकार है।
महिलाओं के लिए कौन कौन से अधिकार है?
आइए जानते हैं कि ये अधिकार कौन-कौन से हैं..
1-समान मेहनताना का अधिकार ... .
2-गरिमा और शालीनता का अधिकार ... .
3-दफ्तर या कार्यस्थल पर उत्पीड़न से सुरक्षा ... .
4-घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार ... .
5-पहचान जाहिर नहीं करने का अधिकार ... .
6-मुफ्त कानूनी मदद का अधिकार ... .
7-रात में महिला को नहीं कर सकते गिरफ्तार ... .
8-वर्चुअल शिकायत दर्ज करने का अधिकार.
मानवाधिकार का उद्देश्य क्या है?
सही उत्तर शांति और सुरक्षा स्थापित करना है। मानवाधिकारों का मुख्य उद्देश्य शांति और सुरक्षा स्थापित करना है।