मूंगा रत्न कौन से धातु में पहने? - moonga ratn kaun se dhaatu mein pahane?

रत्‍न शास्‍त्र के अनुसार रत्‍नों की ऊर्जा और सकारात्‍मक प्रभाव से आपके जीवन की समस्‍याएं और संकट दूर हो सकते हैं। किसी भी रत्‍न को पहनने के लिए एक निर्धारित विधि और नियम होते हैं।

नवग्रहों के नौ रत्‍न हैं और हर रत्‍न को धारण करने की एक अलग विधि और धातु होती है। आज इस लेख के ज़रिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस रत्‍न के लिए कौन-सा धातु सर्वश्रेष्‍ठ होता है और उसका पूर्ण फल प्राप्‍त करने के लिए आपको कौन-सा धातु पहनना चाहिए।

नीलम की धातु (Blue sapphire)

नीलम सबसे शक्‍तिशाली और क्रूर कहे जाने वाले शनि ग्रह का रत्‍न है। कुंडली में शनि को बली करने के लिए नीलम रत्‍न पहना जाता है। नीलम रत्‍न को पंचधातु या स्‍टील की अंगूठी में जड़वाकर धारण करना चाहिए। नीलम रत्‍न को कम से कम चार रत्ती का तो धारण करना ही चाहिए। इसे आप अंगूठी या लॉकेट में पहन सकते हैं।

गोमेद की धातु (Gomed)

राहू का रत्‍न है गोमेद और ये स्‍टोन व्‍यापारियों के लिए बहुत लाभप्रद होता है। स्‍टॉक मार्केट से जुड़े लोगों का भी गोमेद लाभ देता है। गोमेद रत्‍न को चांदी या अष्‍टधातु में धारण करना शुभ रहता है। शाम के समय विधि अनुसार राहू की उपासना कर इस रत्‍न की अंगूठी को मध्‍यमा अंगुली में धारण करें। गोमेद कम से कम 6 रत्ती का होना चाहिए।

मा‍णिक्‍य की धातु (Ruby)

माणिक्‍य को अंग्रेजी में रूबी भी कहा जाता है। सूर्य का यह रत्‍न आपको सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंचा सकता है। रूबी स्‍टोन को सोने की अंगूठी में रविवार, सोमवार और गुरुवार के दिन पहनना चाहिए। रूबी पांच रत्ती का पहनें।

लहसुनिया की धातु (Hessonite)

केतु का रत्‍न लहसुनिया भी आपके जीवन की परेशानियों को दूर कर सकता है। केतु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए लहसुनिया रत्‍न धारण किया जाता है। चांदी की धातु में लहसुनिया पहनना शुभ रहता है। इसे शनिवार के दिन पहनना चाहिए।

मोती की धातु (Pearl)

चंद्रमा का रत्‍न है मोती जोकि मन को शीतलता प्रदान करता है। चंद्रमा मन और मस्तिष्‍क का कारक होता है और इसलिए इस रत्‍न को धारण करने से चंचल मन को भी नियंत्रित किया जा सकता है। मोती रत्‍न केवल चांदी की अंगूठी में पहनना चाहिए। आप 2, 4, 6 या 11 रत्ती का मोती पहन सकते हैं।

पीला पुखराज (Yellow sapphire)

पीला पुखराज देवताओं के गुरु बृहस्‍पति का रत्‍न है। बृहस्‍पति के शुभ फल प्राप्‍त करने के लिए पुखराज रत्‍न धारण किया जाता है। इस रत्‍न को सोने की धातु में पहनना सबसे ज्‍यादा शुभ रहता है।

पन्‍ना रत्‍न की धातु (Emerald)

पन्‍ना रत्‍न बुद्धि के कारक बुध का रत्‍न है। जो भी इस रत्‍न को धारण करता है उसे बुद्धि के साथ-साथ सेहत की भी प्राप्‍ति होती है। पन्‍ना रत्‍न चांदी की धातु में सर्वोत्तम रहता है लेकिन आप इसे सोने में भी पहन सकते हैं। चांदी की धातु में पन्‍ना सबसे ज्‍यादा लाभ देता है। पन्‍ना कम से कम तीन रत्ती का तो होना ही चाहिए।

मूंगा रत्‍न (Red Coral)

मंगल का रत्‍न मूंगा है। ये रत्‍न कमजोर और डरपोक लोगों के लिए किसी वरदान से कम नही है। मूंगा रत्‍न को सोने की अंगूठी में धारण करना शुभ रहता है। सोने के अलावा चांदी या तांबे की धातु में भी आप इसे पहने सकते हैं। कम से कम 6 रत्ती का मूंगा धारण करें।

ओपल रत्‍न (Opal)

वैसे तो शुक्र का रत्‍न डायमंड है लेकिन हर कोई डायमंड नहीं खरीद सकता है इसलिए डायमंड के स्‍थान पर शुक्र के लिए ओपल रत्‍न पहनने की सलाह दी जाती है। ओपल को सोने की धातु में पहनना चाहिए। यदि सोने में संभव ना हो तो चांदी या व्‍हाईट गोल्‍ड में इस रत्‍न को जड़वाकर धारण कर सकते हैं।

रत्‍न से जुड़ा नियम (Gemstones Rule)

रत्‍नशास्‍त्र के आधार पर हर रत्‍न का एक विशेष धातु होता है और हर रत्‍न किसी विशेष धातु के लिए ही बना है। इसके अलावा अन्‍य धातु में उस रत्‍न को बनवाने से उसका लाभ कम हो सकता है। अगर आप फिर भी इसमें कोई बदलाव करना चाहते हैं तो इससे पहले ज्‍योतिषीय सलाह जरूर लें।

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मूंगा कौन सी धातु में पहनना चाहिए?

* मूंगा चांदी, तांबा, सोना धातु में स्थितिनुसार पहना जाता है। * मूंगा तर्जनी, मध्यमा, अनामिका अंगुली में धारण किया जाता है। * मूंगा नीलम, हीरा, गोमेद, लहसुनियां के साथ नहीं पहनना चाहिए

मूंगा के साथ क्या नहीं पहनना चाहिए?

पन्ना के साथ पुखराज, मूंगा और मोती न पहने अगर आपने पन्ना पहना हुआ है तो पुखराज, मूंगा और मोती कभी नहीं पहनना चाहिए. ज्योतिषशास्त्र में उल्लेख है कि बुध ग्रह को शांत करने के लिए पन्ना पहना जाता है. लेकिन अगर आप पन्ना के साथ पुखराज, मूंगा और मोती धारण करते हैं तो जीवन में धन हानि का सामना करना पड़ सकता है.

व्यापार में सफलता के लिए कौन सा रत्न धारण करें?

फिरोजा रत्न के फायदे फिरोजा रत्न धारण करने से आपके ज्ञान और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। साथ ही जो लोग लंबे समय से व्यवसाय और नौकरी में असफलताओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें भी फिरोजा रत्न धारण करने के सलाह दी जाती है। इसके अलावा करियर में सफलता हासिल करने में भी इस रत्न के फायदे देखे जा सकते हैं।

मूंगा कितने दिन में असर करता है?

मंगलवार का दिन मंगल ग्रह की उपासना के लिए सबसे शुभ माना जाता है इसलिए मूंगा रत्न को मंगलवार के दिन धारण करना चाहिए। इस रत्न को पहनने के बाद यह 9 दिन के अंदर अपना असर दिखाना शुरू कर देता है और इसका प्रभाव 3 साल तक रहता है।

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