लेखक के अनसु ार अच्छा अति थि कौन होता है? - lekhak ke anasu aar achchha ati thi kaun hota hai?

विषयसूची

  • 1 अच्छा अतिथि कौन होता है?
  • 2 अतिथि देवो भव उक्ति की व्याख्या करें तुम कब जाओगे अतिथि पाठ के आधार पर लिखिए?
  • 3 अतिथि सदैव देवता क्यों नहीं होता है?
  • 4 लेखक के अनसु ार अच्छा अति थि कौन होता है?
  • 5 3 अतिथि रिस्की भव आज के समय में कितना सही है?
  • 6 अतिथि को देवता कहा जाता है पर देवता की क्या विशेषता होती हैं?

अच्छा अतिथि कौन होता है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 2. अच्छा अतिथि कौन कहलाता है? उत्तरः वास्तव में अच्छा अतिथि तो वही होता है जो पहले से अपने आने की सूचना देकर आए और एक या दो दिन की मेहमानी कराकर विदा ले।

अतिथि देवो भव उक्ति की व्याख्या करें तुम कब जाओगे अतिथि पाठ के आधार पर लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंप्राचीनकाल में कहा जाता था-‘अतिथि देवो भव’। अतिथि जब विवशता का पर्याय बन जाए तो उसे भाव-विभोर होकर विदा नहीं किया जा सकता। लेखक चाहता था कि जब अतिथि विदा हो तब वह और उसकी पत्नी उसे स्टेशन तक छोड़ने जाएँ। वह उसे सम्मानजनक विदाई देना चाहता था परंतु उसकी यह मनोकामना पूर्ण नहीं हो पाई।

एक अच्छे अतिथि की क्या विशेषता होती है?

इसे सुनेंरोकेंएक अच्छे अतिथि की विशेषता यह है कि कुछ दिन का अतिथ्य कराए और वापस चला जाए। जो लोग बिना किसी सूचना के आ धमकते हैं और कई-कई दिनों तक जाने का नाम नहीं लेते हैं, ऐसे लोग मेजबानों की सरदर्दी का कारण बनते हैं। उनके कारण परिवार का दिवाला निकल जाता है। परन्तु उनके अतिथि को इससे कोई असर नहीं पड़ता।

अतिथि सदैव देवता क्यों नहीं होता है?

इसे सुनेंरोकेंQuestion 2: अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है। उत्तर: एक कहावत है, “अतिथि देवो भव”। इसका मतलब होता है कि अतिथि देवता के समान होता है।

लेखक के अनसु ार अच्छा अति थि कौन होता है?

इसे सुनेंरोकेंExplanation: उत्तरः मेहमान के लम्बे समय तक टिकने व अनचाहा बोझ बनने के कारण। व्याख्यात्मक हल: लेखक का सौहार्द बोरियत में इसलिए बदल गया क्योंकि मेहमान को आए चार दिन हो चुके थे वह जाने का नाम नहीं ले रहा था अब वह एक अनचाहे बोझ के समान लग रहा था जिससे लेखक मुक्त होना चाहता था।

अतिथि देवो भव ये उक्ति वर्तमान परिवेश में कितनी सार्थक है अपने अनुभव के आधार पर विचार व्यक्त कीजिए?

इसे सुनेंरोकें”अतिथि देवो भव” उक्ति का अर्थ है कि अतिथि देवता के समान होता है। यह उक्ति पहले समय में कभी ठीक रही होगी। आधुनिक युग में यह उक्ति उचित प्रतीत नहीं होती। आज लोगों के पास अपने लिए ही समय नहीं है।

3 अतिथि रिस्की भव आज के समय में कितना सही है?

इसे सुनेंरोकेंआज के भौतिकवादी युग में मनुष्य मशीनी जीवन जी रहा है। उसके पास अपने परिवार के लिए समय नहीं रह गया है तो अतिथि के लिए समय कैसे निकाले। इसके अलावा महँगाई के इस युग में जब अपनी जरूरतें पूरी करना कठिन हो रहा तो अतिथि का सत्कार जेब काटने लगता है। ऐसे में मनुष्य को अतिथि से दूर ही रहना चाहिए।

अतिथि को देवता कहा जाता है पर देवता की क्या विशेषता होती हैं?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: (d) लेखक चाहता था कि अतिथि जल्दी चला जाए क्योंकि धोबी कपड़े धोकर देने में कई दिन लगाता है। Question 4. अतिथि को देवता कहा जाता है, पर देवता की क्या विशेषता होती है? (d) देवता किसी के घर नहीं आता।

अतिथि कब राक्षस बन जाता है?

इसे सुनेंरोकेंमित्र जब अतिथि जब दर्शन देकर चले जाए तो वह देवता बना रहता है । परंतु जब यही अतिथि घर पर अधिक समय के लिए रुक जाए तो वह राक्षस बन जाता है ।

लेखक के अनुसार एक अच्छे अतिथि की क्या पहचान होती है?

➲ 'अतिथि तुम कब जाओगे' पाठ के आधार पर अगर कहें तो एक अच्छे अतिथि की यह विशेषता होनी चाहिए कि अतिथि किसी के घर आने से पहले पूर्व सूचना देकर आए। इसके अलावा अतिथि अपने मेजबान के घर बहुत अधिक दिनों तक नहीं कह रहे और जल्दी से जल्दी अपना काम खत्म कर चला जाए।

अच्छा अतिथि कौन होता है?

लेखक को ऐसा अतिथि अच्छा लगता है।

लेखक अति थि को जानेका सकं ेत कैसे दि या लेखक के अनसु ार अच्छा अति थि कौन होता है?

लेखक ने अतिथि को जाने का संकेत देने के लिए कई उपाय किए। उसने अतिथि के सामने रोज-रोज तारीखें बदली, तारीखें बदलते समय इस बात को दोहराया कि आज यह तारीख हो चुकी है। उसने धोबी को कपड़े देने की बजाय लॉण्ड्री में देने का सुझाव दिया ताकि कपड़े जल्दी धुल सके। अन्त में लेखक ने मुस्कराना और बातचीत करना तक बंद कर दिया

अच्छा अतिथि कौन कहलाता है ?' तुमकबजाओगे अतिथि पाठ के आधार पर लिखिए?

Answer: तुम कब जाओगे, अतिथि के आधार पर अच्छा अतिथि वही कहलाता है, जो आने से पहले सूचना देकर आये और जो एक-दो दिन रहकर वापस चले जाये।

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