खिलौने वाले के आने पर बच्चे की क्या प्रतिक्रिया होती थी? - khilaune vaale ke aane par bachche kee kya pratikriya hotee thee?

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Short Note

खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?

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Solution

खिलौनेवाले के आने पर बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठते थे। बच्चों का झुंड खिलौनेवाले को चारों तरफ़ से घेर लेता था। वे पैसे लेकर खिलौने का मोलभाव करने लगते थे। खिलौने पाकर बच्चे खुशी से उछलने - कूदने लगते थे।

Concept: गद्य (Prose) (Class 7)

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Chapter 5: मिठाईवाला - कहानी से [Page 30]

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NCERT Class 7 Hindi - Vasant Part 2

Chapter 5 मिठाईवाला
कहानी से | Q 4 | Page 30

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Solution : खिलौने वाले की मधुर और सुरीली आवाज सुनकर बच्चों में हलचल मच जाती थी। वे अपने खेलों को छोड़कर घरों, गलियों और उद्यानों से उसके पास खिंचे चले आते थे। इस हड़बड़ी में किसी की टोपी गिर जाती थी तो किसी के जूते उद्यान में ही छूट जाते थे।

Q.

मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे ?

Q.

कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लगा? चालीस-पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।

Q.

इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों?

Q.

लेखक को अपनी दादी माँ की याद के साथ-साथ बचपन की और किन-किन बातों की याद जाती है?

Q.

किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था ? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया ?

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मिठाईवाला

Exercise : Solution of Questions on page Number : 30

प्रश्न 1: मिठाईवाला अलग-अलग चीज़ें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?

उत्तर : बच्चे एक चीज़ से ऊब न जाएँ इसलिए मिठाईवाला अलग – अलग चीज़ें बेचता था। बच्चों में उत्सुकता बनाए रखने के लिए वह महीनों, बाद आता था। साथ ही चीज़ें न मिलने से बच्चे रोएँ, ऐसा मिठाई वाला नहीं चाहता था।

प्रश्न 2: मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे ?

उत्तर : निम्नलिखित कारणों से बच्चे तथा बड़े मिठाईवाले की ओर खिंचे चले आते थे-
(i) मिठाई वाला मादक – मधुर ढंग से गाकर अपनी चीज़ों को बेचता था।
(ii) वह कम लाभ में बच्चों को खिलौने तथा मिठाइयाँ देता था।
(iii) उसके हृदय में बच्चों के लिए स्नेह था, वह कभी गुस्सा नहीं करता था।
(iv) हर बार नई चीज़ें लाता था।

प्रश्न 3: विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं ?

उत्तर : एक ग्राहक के रूप में विजय बाबू अपना तर्क पेश करते हुए कहते है कि तुम लोगों को झुठ बोलने की आदत होती है। सबको एक ही भाव से सामान बेचते हो ग्राहक को अधिक दाम बताकर उलटा ग्राहक पर ही एहसान का बोझ लाद देते हो।
एक विक्रेता के रूप में मुरलीवाला अपना तर्क पेश करता हुआ कहता है – आपको चीज़ों की असली लागत का अंदाजा नहीं है इसलिए दुकानदार चाहे हानि उठाकर ही चीज़ें क्यों न बेचे पर ग्राहक को हमेशा यही लगता है कि हम उन्हें लूट रहे हैं। ग्राहक को दुकानदार पर विश्वास नहीं होता है। मुरलीवाला कहता है कि असली दाम – दो पैसा ही है, मैंने पूरी एक हज़ार बनवाई थी।

प्रश्न 4: खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी ?

उत्तर : खिलौनेवाले के आने पर बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठते थे। बच्चों का झुंड खिलौनेवाले को चारों तरफ़ से घेर लेता था। वे पैसे लेकर खिलौने का मोलभाव करने लगते थे। खिलौने पाकर बच्चे खुशी से उछलने – कूदने लगते थे।

प्रश्न 5: रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया ?

उत्तर : मुरलीवाला भी खिलौनेवाले की तरह ही गा-गाकर खिलौने बेच रहा था। रोहिणी को खिलौने वाले का स्वर जाना पहचाना लगा इसलिए उसे खिलौनेवाले का स्मरण हो आया।

प्रश्न 6: किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था ? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया ?

उत्तर : रोहिणी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया। इस तरह के जीवन में उसे अपने बच्चों की झलक मिल जाती है। उसे ऐसा लगता है कि उसके बच्चे इन्हीं में कहीं हँस – खेल रहे हैं। यदि वो ऐसा नहीं करता तो उनकी याद में घुल-घुलकर मर जाता, क्योंकि उसके बच्चे अब जिंदा नहीं थे। इसी कारण उसने इस व्यवसाय को अपनाया।

प्रश्न 7: ‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा ?

उत्तर : कहानी के अंत में रोहिणी द्वारा मिठाई के पैसे मिठाईवाले ने लेने से मना कर दिया क्योंकि चुन्नू और मुन्नू को देखकर उसे अपने बच्चों का स्मरण हो आया। उसे ऐसा लगा मानो वो अपने बच्चों को ही मिठाई दे रहा है।

प्रश्न 8: इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?

उत्तर : आज भी कुछ औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं जैसे- ग्रामीण महिलाएँ तथा कुछ मुस्लिम परिवारों की महिलाएँ भी ऐसा करती हैं क्योंकि उनमें पर्दा प्रथा का प्रचलन आज भी है। आज के समाज में पर्दा प्रथा सही नहीं है। इसका प्रचलन धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। क्योंकि इससे महिलाओं का संकोच पता चलता है जो उनकी प्रगति में बाधक है।

प्रश्न 1: मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधर पर एक और कहानी बनाइए?

उत्तर : मिठाईवाला एक प्रतिष्ठत तथा सुखी सम्पन्न व्यापारी था। दुर्घटनावश किसी दिन उनकी पत्नी और उनके दोनों बच्चों की मृत्यु हो गई। पत्नी और बच्चों के न होने के कारण व्यापारी को अपना अस्तित्व और अपनी सम्पत्ति व्यर्थ लग रही थी। अतः इसी कारण मिठाईवाले ने अपने दुःख को भुलाने के लिए दूसरे बच्चों की खुशी में अपनी खुशी को ढूढ़ने की चेष्टा की। इसमें उसे काफी हद तक सफलता भी मिली।

प्रश्न 2: हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन सी चीज़ें आपको सबसे ज़्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने-बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।

उत्तर : हाट-मेले, शादी में निम्नलिखित चीज़ें हमारा ध्यान आकर्षित करती हैं। जैसे- मिठाइयाँ, खिलौने, झूले, चाट, पकौड़े आदि। मिठाइयाँ हलवाई द्वारा बनाए जाते हैं, खिलौने कारीगरों द्वारा बनाए जातें हैं तथा झूले एक से अधिक श्रमिक मिल कर लगाते हैं। उनके चेहरे में परिश्रम और उनकी व्यस्तता स्पष्ट झलकती है।

Exercise : Solution of Questions on page Number : 31

प्रश्न 1:
मिठाईवाला बोलनेवाली गुड़िया
•ऊपर ‘वाला’ का प्रयोग है। अब बताइए कि-
(क) ‘वाला’ से पहले आने वाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में से क्या हैं?
(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है?

उत्तर : (क) ‘वाला’ से पहले आनेवाले शब्द जैसे – मिठाई, बोलना ये संज्ञा हैं।
(ख) ये शब्द किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में है।

प्रश्न 2: आपके माता-पिता के ज़माने से लेकर अब तक फेरी की आवाज़ों में कैसा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए।

उत्तर : वक्त के साथ फेरी के स्वर भी बदल गए हैं। जैसे – पहले फेरी वाले गाकर या कविता के माध्यम से मधुर स्वर में अपने उत्पाद के गुणों को लोगों तक पहुँचाते थे परन्तु आज के फेरीवालों के स्वर में वैसी मधुरता सुनने को नहीं मिलती। साथ ही लाउडस्पीकर जैसे उपकरणों का भी प्रयोग होने लगा है।

खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया थी?

खिलौनेवाले के आने पर बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठते थे। बच्चों का झुंड खिलौनेवाले को चारों तरफ़ से घेर लेता था। वे पैसे लेकर खिलौने का मोलभाव करने लगते थे। खिलौने पाकर बच्चे खुशी से उछलने - कूदने लगते थे।

खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया िी थी मिठाईवाला पाठ के अधार पर स्पष्ट कीजिए?

उत्तर: खिलौने वाले के आने पर बच्चे खुश हो जाते थे। बच्चे अति उत्साहित हो जाते थे। उन्हें खेलकूद भूलकर अपने सामान, जूते-चप्पल आदि का ध्यान नहीं रहता। वे अपने-अपने घर से पैसे लाकर खिलौने का मोल-भाव करने लग जाते थे।

मिठाई वाले के बच्चे कैसे थे?

मिठाई वाले के बच्चे कैसे थे? Solution : मिठाई वाले के बच्चे सरल स्वभाव के एवं सुन्दर थे। वे देखने में सोने के सजीव खिलौने जैसे लगते थे।]

बच्चे मिठाई वाले से प्रेम क्यों करते थे?

Answer: बच्चे एक चीज़ से ऊब न जाएँ इसलिए मिठाईवाला अलग – अलग चीज़ें बेचता था। बच्चों में उत्सुकता बनाए रखने के लिए वह महीनों, बाद आता था। साथ ही चीज़ें न मिलने से बच्चे रोएँ, ऐसा मिठाई वाला नहीं चाहता था।

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