दूसरा चरण | मरीज की दवा शुरू करवाई जाती है, खून में वायरस की मात्रा के आधार पर दवा का कोर्स तय किया जाता है। जिसके बाद मरीज को तीन महीने की दवा दी जाती है।
>दवाहर महीने दी जाती है। हर महीने अस्पताल में मरीज के खून की फ्री जांच होती है।
तीसरा चरण | दवा का कोर्स खत्म होने पर अगले तीन महीने बाद मरीज को अस्पताल आने को कहा जाता है। तीन महीने बाद मरीज का फिर डाक्टर लाल पैथ लेब से टैस्ट करवाया जाता है, जिसके लिए अस्पताल से स्लिप मिलने से मुफ्त में ही सस्टेनेबल वायरस रिस्पांस टैस्ट होता है।
>अगरखून में वायरस है तो उसे पीजीआई चंडीगढ़ अगले टेस्ट और इलाज के लिए भेजा जाएगा। वहां इलाज फ्री होगा।
>आखिरी जांच में खून में वायरस नहीं मिलता तो मरीज को सर्टिफिकेट दिया जाता है कि वह हेपेटाइटिस-सी मुक्त है।
पहला चरण | हेपेटाइटिस-सी है तो मरीज को सिविल अस्पताल के मेडिसन विभाग में जाकर अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी होगी। सिविल में डा. कटारिया के पास अपना नाम रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।
>मेडिसनविभाग मरीज का अलाइजा टेस्ट करवाता है, जिसमें पता चलता है कि मरीज नेगेटिव है या पॉजिटिव।
>रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज का आईडी कार्ड बनता है। उसे स्लिप मिलती है और मरीज का डाक्टर लाल पैथ लेब से वायरल लोड टेस्ट करवाया जाता है। जिस पर मरीज को 2100 रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
मुफ्त सुविधा का लाभ उठाएं मरीज : सीएस
^मरीजको हेपेटाइटिस-सी का पता ब्लड टेस्ट या फिर लीवर में खराबी के बाद ही पता पता चलता है। इस संबंधी जानकारी के लिए लोग टोल फ्री नंबर 104 पर कॉल कर सकते हैं। जिले में मरीजों की संख्या अधिक है। दवा महंगी होने के कारण कई मरीज इलाज नहीं करवा पाते। मगर लोग सिविल अस्पताल नवांशहर में आकर हेपेटाइटिस-सी के मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ ले सकते हैं। -सिविलसर्जन डा. रीटा भारद्वाज
पीलिया में क्या-क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, एक गंभीर सवाल हो सकता है। इस बीमारी में खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है, क्योंकि जॉन्डिस लीवर को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। इससे लीवर डैमेज का खतरा बन सकता है (1)। दरअसल पीलिया, रक्त और शरीर की कोशिकाओं में बिलीरुबिन (पीला रंगद्रव) के बढ़ जाने की वजह से होता है। इससे पीड़ित मरीज की त्वचा और आंखें पीली पड़ जाती हैं (2)। इस लेख में हम जॉन्डिस के लिए सटीक डाइट और खान-पान से जुड़ी सावधानियों को बारे में बताने जा रहे हैं। इसका पालन कर पीलिये से जल्द उबरा जा सकता है। आइए, उससे सबसे पहले जॉन्डिस डाइट के बारे में जान लेते हैं।
विषय सूची
- जॉन्डिस डाइट – Jaundice Diet in Hindi
- पीलिया में क्या खाएं – Food for Jaundice (Piliya) in Hindi
- पीलिया (जॉन्डिस) में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to Avoid in Jaundice in Hindi
- पीलिया के लिए नमूना आहार चार्ट – Sample Diet Chart for Jaundice in Hindi
- पीलिया के लिए कुछ और डायट टिप्स – Other Tips for Jaundice (Piliya) in Hindi
जॉन्डिस डाइट – Jaundice Diet in Hindi
पीलिया की रोकथाम में एक व्यक्ति का आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लीवर भोजन को पचाने, ऊर्जा को स्टोर करने और विषाक्तता को दूर करने में मदद करता है (3)। एक स्वस्थ शरीर के लिए लीवर की कार्यप्रणाली सही तरीके से चलना बहुत जरूरी है। पीलिया से पीड़ित लोगों को ऐसे खाद्य और पेय पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है, जो पाचन और मेटाबॉलिजम को बेहतर बनाने में मदद करें। साथ ही लीवर को ज्यादा नुकसान न पहुंचे।
पीलिया और जॉन्डिस डाइट के बारे में जानने के बाद अब नीचे जानिए पीलिया में क्या खाएं।
पीलिया में क्या खाएं – Food for Jaundice (Piliya) in Hindi
1. नारियल पानी
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि लीवर से जुड़े रोग की वजह से पीलिया हो सकता है और गंभीर स्थिति में लीवर तक खराब हो सकता है। ऐसे में नारियल पानी आपकी मदद कर सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, नारियल पानी से बना विनेगर सूजन को कम कर और एंटीऑक्टीडेंट प्रभाव को बढ़ाकर लीवर डैमेज के जोखिम को कम कर सकता है (4)।
2. गन्ने का जूस
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जॉन्डिस के लिए गन्ने का जूस लाभकारी माना जाता है। गन्ने का रस स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देने के साथ-साथ लीवर की कार्यप्रणाली में मदद करता है। इसके लिए आप एक गिलास गन्ने के जूस में कुछ बूंदे नींबू के रस की मिलाकर पी सकते हैं। बेहतर परिणाम के लिए आप इस उपाय को रोजाना दो बार कर सकते हैं (5)।
3. नींबू पानी
पीलिया के इलाज में नींबू पानी भी कारगर है। नींबू एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है। यह पीलिया के उपचार में मदद कर सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, नींबू पित्त नलिकाओं को खोलने का काम करता है, जिस वजह से यह पीलिया के लिए प्रभावी घरेलू उपाय बन जाता है (5)।
4. दही और छाछ
पीलिया के मरीज के लिए दही और छाछ भी प्रभावी उपाय हो सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास छाछ में चुकटी भर काली मिर्च के साथ एक चौथाई से भी कम फिटकरी (थोड़ी गर्म की हुई) मिलाकर पी सकते हैं। बेहतर परिणाम के लिए एक दिन में तीन बार इस उपाय को किया जा सकता है (5)। वहीं, दही भी लीवर के लिए फायदेमंद हो सकता है। वैज्ञानिक शोध में इस बात की पुष्टि की गई है कि दही नॉन अल्कोहलिक फैटी एसिड डिजीज के मरीजों में लीवर में जमने वाले फैट (hepatic steatosis) और लीवर एंजाइम में सुधार कर सकता है (6)।
5. हरी सब्जियां
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पीलिया के मरीजों को कुछ चुनिंदा साग-सब्जियों का सेवन कराना चाहिए। इसमें गाजर, चुकंदर, ब्रोकली, केल, पत्ता गोभी व स्वीट पोटैटो आदि को शामिल किया जा सकता है। ये सभी सब्जियां लीवर को स्वस्थ रखने का काम करेंगी (7)।
6. मूली का जूस
पीलिया के लिए मूली का जूस लाभकारी हो सकता है। इसके लिए आप आधा गिलास ताजे मूली के जूस में 10 से 15 तुलसी के पत्तों के पेस्ट को मिलाकर पी सकते हैं। जॉन्डिस के लिए इस उपाय को रोजाना दो से तीन हफ्तों तक किया जा सकता है। इसके अलावा, पीलिया के मरीज को मूली के पत्तों का जूस (आधा लीटर) भी पिलाया जा सकता है। यह उपाय 10 दिन तक लगातार दोहराने से मरीज को आराम मिल सकता है (5)।
7. पपीता
एक चम्मच पपीते के पत्तों के पेस्ट में एक बड़ा चम्मच शहद मिलाएं। इसे नियमित रूप से लगभग एक या दो सप्ताह तक खाएं। यह पीलिया के लिए प्रभावी घरेलू इलाज साबित हो सकता है (5)।
8. टमाटर का जूस
पीलिया के लिए टमाटर फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आप एक गिलास टमाटर के रस में चुटकी भर नमक और काली मिर्च मिलाकर सुबह खाली पेट पी सकते हैं (5)।
9. तरबूज
पीलिया के लिए तरबूज का सेवन किया जा सकता है और इसका जूस भी पिया जा सकता है। यह प्राकृतिक जूस लीवर को स्वस्थ रखने का काम करता है (7)।
10. क्रेनबेरी
क्रेनबेरी जूस पीलिया के इलाज के लिए कारगर साबित हो सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (मूत्र प्रणाली के किसी भी हिस्से में संक्रमण) का पीलिया के साथ संबंध पाया गया है। यहां क्रेनबेरी जूस की अहम भूमिका देखी जा सकती है, क्योंकि यह यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण को दूर करने का काम कर सकता है (8), (9)। इस प्रकार क्रेनबेरी जूस के सेवन से पीलिया के जोखिम से बचा जा सकता है।
11. आंवला
पीलिया के लिए आंवला का जूस फायदेमंद हो सकता है। यह विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है, जो जॉन्डिस के लक्षणों को दूर करने का काम कर सकता है (5)।
12. ताजे फल
जॉन्डिस से छुटकारा पाने के लिए आप ताजे फल जैसे केला, तरबूज, एवोकाडो, नींबू, पपीता, अंजीर व अनार आदि का सेवन करें। ताजे फल लीवर को स्वस्थ रखने में आपकी मदद करेंगे (7)।
13. हल्दी
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जॉन्डिस के लिए हल्दी एक कारगर घरेलू उपचार हो सकती है। इसके लिए आप एक गिलास गर्म पानी में चुटकी भर हल्दी मिलाकर पिएं। बेहतर परिणाम के लिए यह उपाय रोजाना तीन से चार बार किया जा सकता है।
[ पढ़े: हल्दी के 25 फायदे, उपयोग और नुकसान ]
14. केला
पीलिया के लिए आप केले को घरेलू उपचार के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप एक केले को मैश करें और उसमें थोड़ा शहद मिलाकर सेवन करें। बेहतर परिणाम के लिए रोजाना दो बार यह उपचार किया जा सकता है (5)।
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15. बीन्स और मसूर की दाल
पीलिया के मरीजों के आहार में बीन्स और मसूर की दाल भी शामिल की जा सकती है। ये पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। इनके सेवन से मरीज को जल्द ठीक होने में मदद मिलेगी। ध्यान रहे कि इन्हें बनाने के लिए तेल-मसालों का प्रयोग न करें (5)।
पीलिया में क्या क्या खाना चाहिए जानने के बाद अब नीचे जानिए पीलिया में क्या नहीं खाएं।
पीलिया (जॉन्डिस) में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to Avoid in Jaundice in Hindi
1. अंडे और मांस
पीलिया के मरीजों को अंडे और मांस का सेवन बिना तले और सीमित मात्रा में करना चाहिए। अगर इन्हें तल कर और मसालों के साथ बनाया गया, तो ये लीवर के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं (8)।
2. जंक फूड्स
पीलिया के मरीजों को जंक फूड्स का सेवन करने से बचना चाहिए। इस प्रकार के भोजन में हाइजीन और पोषक तत्वों की कमी होती है, जो आपके स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं (5)।
3. फैट फूड्स
एक वैज्ञानिक शोध में लीवर फैटी डिजीज के बारे में बात की गई है। इस बीमारी में लीवर में फैट बढ़ने लगता है (9)। इसलिए, पीलिया के मरीज को हाई फैट युक्त भोजन से भी बचना चाहिए।
4. कैफीन
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पीलिया के मरीजों को कॉफी से दूर रहने की सलाह दी जाती है (5), क्योंकि इसमें कैफीन होता है, जो पीलिया के मरीज के लिए घातक हो सकता है।
5. प्रोटीन फूड्स
कुछ प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फ्राइड अंडे और चिकन का सेवन पीलिया के दौरान नहीं किया जाना चाहिए (8)।
6. तले हुए भोजन
पीलिया के मरीजों को तले हुए भोजन का सेवन न करने की सलाह दी जाती है (8)। इस प्रकार के भोजन पाचन और लीवर के लिए कष्टदायक हो सकते हैं।
7. मीठे खाद्य पदार्थ
पीलिया के मरीजों को केक, चॉकलेट, शहद और क्रीम आदि पदार्थों को सेवन सीमित मात्रा में करने की सलाह दी जाती है(5)।
8. अल्कहोल
जॉन्डिस के मरीज अल्कोहल के सेवन से बचें। अल्कहोल को लीवर के लिए घातक माना गया है और इसका अत्यधिक सेवन लीवर रोगों का कारण बन सकता है (9)।
जॉन्डिस में क्या नहीं खाना चाहिए जानने के बाद चलिए आगे जानते हैं पीलिया के लिए आहर चार्ट के बारे में।
पीलिया के लिए नमूना आहार चार्ट – Sample Diet Chart for Jaundice in Hindi
भोजनपीलिया में क्या खाएंसुबह उठते ही- एक गिलास गन्ने, तरबूज या अनार के जूस का सेवन करें।
- साथ में आप वीट ब्रेड में ताजा मक्खन लगाकर खा सकते हैं।
- एक गिलास तरबूज, गन्ने या अनार का जूस पिएं।
- वेजिटेबल सलाद।
- गेंहू की रोटी के साथ बिना तेल-मसालों के हरी सब्जी।
- भोजन के बाद एक गिलास छाछ पी सकते हैं।
के बाद
- क्रेनबेरी का जूस या नींबू पानी।
- सब्जियों का सूप या
- गन्ने का जूस
- टमाटर का सूप
- चावल और हरी सब्जियां मिलाकर खिचड़ी (बिना तेल-मसालों के)।
जॉन्डिस में क्या खाना चाहिए और पीलिया के लिए डाइट चार्ट के बाद अब जानते हैं जॉन्डिस के लिए कुछ अन्य टिप्स।
पीलिया के लिए कुछ और डायट टिप्स – Other Tips for Jaundice (Piliya) in Hindi
मसालेदार भोजन – पीलिया के मरीज तेल और मसालेदार भोजन से दूर रहें। इस प्रकार के भोजन पेट की समस्याओं के साथ लीवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं (5)।
ज्यादा नकम – जॉन्डिस के मरीज भोजन में अत्यधिक नमक का सेवन न करें। नमक में सोडियम होता है, जिसकी अधिक मात्रा मरीज के लिए नुकसानदायक हो सकती है (8)।
स्वच्छ पानी की पर्याप्त मात्रा – पीलिया के मरीज जितना ज्यादा हो सके साफ पानी का सेवन करें। पानी पाचन को बढ़ावा देगा और शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का काम करता है (10)।
अत्यधिक भोजन का सेवन – इस बात का भी ध्यान रखें कि पीलिया का मरीज अत्यधिक भोजन का सेवन न करें। ऐसा करने से पाचन तंत्र बिगड़ सकता है (11)।
उम्मीद है कि अब आप जान गए होंगे कि पीलिया में क्या खाना चाहिए और पीलिया में क्या-क्या नहीं खाना चाहिए। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपना शिकार बना सकती है। इसलिए, जरूरी है कि आप इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी अपने पास रखें और दूसरों के साथ भी साझा करें। पीलिया के मरीज का खान-पान बेहद मायने रखता है, इसलिए लेख में बताए गए खाद्य पदार्थों को जॉन्डिस के मरीज के आहार में जरूर शामिल करें। अगर मरीज का स्वास्थ्य ठीक नहीं हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आशा है कि यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। अपने सुझाव और अन्य सवालों के लिए आप हमसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए संपर्क कर सकते हैं।
और पढ़े:
- यूरिक एसिड डाइट – क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए
- फैटी लिवर डाइट – क्या खाना चाहिए और नहीं खाना चाहिए
- स्वस्थ आहार क्या है, इसके फायदे और डाइट चार्ट
- सोरायसिस (छाल रोग) के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय
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Anuj Joshi
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