इसे सुनेंरोकेंउदाहरण के लिए, इस बारे में सोचें कि एक बच्चा अपने माता-पिता को एक-दूसरे पर कैसे देखता है और फिर इन कार्यों का अनुकरण करता है। दूसरों की देखभाल और नकल करने की इस प्रक्रिया के माध्यम से सीखने की जबरदस्त मात्रा होती है। मनोविज्ञान में , इसे अवलोकन सीखने के रूप में जाना जाता है। अवलोकन प्रक्रिया में कितने चरण होते हैं? इसे सुनेंरोकेंअल्बर्ट
बंडुरा ने अवलोकन संबंधी (या सामाजिक) सीखने की अवधारणा की एक प्रक्रिया जिसमें चार चरण होते हैं जो एक के बाद एक होते हैं. बच्चों का अवलोकन कैसे करें? इसे सुनेंरोकेंजब बच्चे का अवलोकन : एक महत्त्वपूर्ण सहायक पद्धति बच्चों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का सबसे सामान्य तरीका है उन्हें देखना और सुनना । सभी शिक्षक उन बच्चों का अवलोकन करते हैं जिनके साथ वे काम करते हैं। ये अवलोकन अनौपचारिक हो सकते हैं या सहज प्रवृत्त हो सकते हैं या व्यवस्थित, सुनियोजित और विषय-केन्द्रित हो
सकते हैं। इसे सुनेंरोकेंजब अवलोकन का कार्य अवलोकनकर्ता के एक समूह द्वारा किया गया हो तो उसे सामूहिक अवलोकन कहा जाता है। इसमें अवलोकनकर्ता का समूह अलग-अलग रूप से किसी घटनाक्रम या सामूहिक व्यवहार का निरीक्षण करता है। सामूहिक अवलोकन नियंत्रित एवं अनियंत्रित अवलोकन का मिश्रित रूप है। अधिगम से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंसीखना या अधिगम (जर्मन: Gernen, अंग्रेज़ी: learning) एक व्यापक सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलनेवाली महत्वपूर्ण
प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म के उपरांत ही सीखना प्रारंभ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण से समायोजित करने का प्रयत्न करता है। अवलोकन कर्ता कौन होता है? इसे सुनेंरोकेंएक वैषयिक अध्ययनकर्ता के रूप में वह समूह के क्रियाकलापों को दूर से ही तटस्थ होकर अवलोकन करता रहता है। वह समूह में इतना घुलता-मिलता नहीं है कि वह समूह के सदस्यों की धड़कने उसकी धड़कने बन जाएं। इस प्रकार असहभागी अवलोकन मे अवलोकनकर्ता समूह के जीवन मे भाग लिए बिना दूर
से ही उस समूह की क्रियाओं का अवलोकन करता है।अवलोकन अधिगम क्या है?
अवलोकन के दो प्रकार क्या है?
बच्चों का आकलन कैसे करें?
इसे सुनेंरोकेंआकलन की प्रक्रिया में प्रत्येक बच्चे के सीखने के तरीके, उसकी गति और उत्तर देने की शैली को भी समान महत्त्व देना आवश्यक है। बच्चों की विविध विषयों एवं अन्य क्षेत्रों में सीखने, संबंधी प्रगति जानने के लिए एक ही तरीका काफी नहीं होता अपितु विविध तरीकों को इस्तेमाल करना आवश्यक है।
कक्षा अवलोकन के दौरान आपको कौन कौन सी गतिविधियां प्रभावी लगी?
इसे सुनेंरोकेंवर्ष के अवलोकन में वे, बच्चे कैसे सीखते हैं, सीखने के दौरान बच्चों को कहाँ-कहाँ किस तरह की कठिनाइयाँ आती है व क्यों आती है तथा उसके लिए क्या किया जा सकता है इस पर समझ बनाने का प्रयास करेंगे तथा नियमित विचार कर उसका सतत् आकलन करते हुए आगे बढ़ेंगे।
विषयसूची
कक्षा अवलोकन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंवर्ष के अवलोकन में वे, बच्चे कैसे सीखते हैं, सीखने के दौरान बच्चों को कहाँ-कहाँ किस तरह की कठिनाइयाँ आती है व क्यों आती है तथा उसके लिए क्या किया जा सकता है इस पर समझ बनाने का प्रयास करेंगे तथा नियमित विचार कर उसका सतत् आकलन करते हुए आगे बढ़ेंगे।
साला अनुभव से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंशाला अनुभव कार्य का मुख्य उद्देश्य छात्राध्यापक का शालेय गतिविधियों की समझ विकसित करने के साथ-साथ कि बच्चों की विशिष्टता एवं वैयक्तिक अंतर को समझकर एक ऐसी कक्षा का निर्माण करने हेतु सक्षम बनाना है जहां सभी को अपने तरीके से सीखने का अवसर प्राप्त हो तथा छात्राध्यापक में यह विश्वास उत्पन्न हो सभी बच्चे सीख सकते हैं।
शाला प्रोफाइल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंशाला अनुभव कार्यक्रम के दौरान प्रथम वर्ष में शासकीय एवं अशासकीय दोनों प्रकार की शालाओं का आवंटन करना चाहिए। शालाओं की संख्या का निर्धारण छात्राध्यापकों की संख्या के आधार पर किया जाना चाहिए। प्रत्येक छात्राध्यापक को एक शासकीय और एक अशासकीय शाला का आवंटन करना है।
इसे सुनेंरोकेंबच्चों के लिए पढ़ना सीखना एक महत्वपूर्ण कौशल हासिल करना है और सोचने वाली बात यह है कि हमारे स्कूलों के अधिकतर बच्चे पाँचवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी समझकर पढ़ने का कौशल हासिल नहीं कर पाते। इसका परिणाम यह होता है कि वे आगे की कक्षाओं में अन्य विषयों में भी पिछड़ जाते हैं।
अवलोकन कैसे किया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंअवलोकन अध्ययन की वह विधि है जिसमें अध्ययन विषय एवं घटना का अति सूक्ष्म तथा गहन अध्ययन किया जाता है। इसमे घटनाओं की वास्तविक प्रकृति, उनकी गम्भीरता, विस्तार एवं परस्पर सम्बन्धों का सूक्ष्म अवलोकन करके ही वास्तविक तथ्यों का संकलन किया जाता है।
शिक्षण कार्य में कक्षा अवलोकन क्या है?
अवलोकन क्या है इसके विभिन्न प्रकारों की विवेचना कीजिए?
अवलोकन के प्रकार
- सहभागी अवलोकन किसी भी घटना का निर्वाचन शुद्ध स्वरूप में करना हो तो उस घटना के बाहरी एवं आंतरिक स्वरूप का पूर्ण ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
- असहभागी अवलोकन
- अर्द्ध-सहभागी अवलोकन
- अनियंत्रित अवलोकन
- नियंत्रित अवलोकन
- व्यक्तिगत अवलोकन
- सामूहिक अवलोकन
सहभागी क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसहभागी अवलोकन पद्धति मानव विज्ञान की सर्वप्रमुख विशेषता है। इसके अंतर्गत मानवविज्ञानी एक निश्चित समय अपने द्वारा अध्ययन किए जा रहे मानव समूह के साथ बिताते हैं। यह समय कम से कम एक वर्ष होता है।
अवलोकन कैसे करें?
इसे सुनेंरोकेंअवलोकन — इस शब्द से तो हम सभी परिचित हैं परंतु शब्द से परिचित होने का अर्थ यह नहीं होता कि हम उसके भाव को संपूर्ण रूप से समझते हों। भाव को समझने के लिए शब्दों की अर्थ गंभीरता को समझ कर उसे जीवन में उतारना होगा। जब ये शब्द जीवन में उतरते हैं तभी उनके रहस्य का अनुभव होता है जो हमारे में उनके भाव को स्पष्ट करता है।
अवलोकन कैसे करते हैं?
छात्र अध्यापकों के अवलोकन का क्या महत्व है?
इसे सुनेंरोकेंइस दौरान छात्राध्यापक केवल अवलोकन करेंगे, उन्हें पढ़ाने के लिए बाध्य न किया जाए, इस बात पर अवश्य चर्चा की जाए। * इस प्रक्रिया का लक्ष्य छात्राध्यापकों को यह समझने में मदद करना है कि विभिन्न शालेय गतिविधियां किस प्रकार संचालित होती हैं एवं इन गतिविधियों के संचालन में एक शिक्षक की भूमिका क्या होती है।
अवलोकन के प्रमुख प्रकार कौन कौन से हैं?
इसे सुनेंरोकें(i) सामाजिक घटना पर नियंत्रण – इस पद्धति में अवलोकन की जाने वाली घटना को नियंत्रित किया जाता है। इसमें शोधकर्ता आर्थिक घटनाओं को सामाजिक परिस्थितियों के अन्तर्गत ही नियंत्रित करने व अध्ययन कार्य को संचालित करने का प्रयत्न करना है। उत्पादकता का अध्ययन, थकान का अध्ययन, समय तथा गति का अध्ययन आदि विशेषरूप से उल्लेखनीय है।
सहभागिता कितने प्रकार की होती है?
2.1 सूचनात्मक सहभागिता
सामाजिक सहभागिता क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसामाजिक सहभागिता का अर्थ है संपूर्ण समाज या समुदाय को स्वयं के विकास के लिए जागरूक करना। यह तभी संभव है जब व्यक्ति, स्थानीय संगठन व सामाजिक संस्थाओं में पूर्ण रूप से भाग लेंगे। आदर्श रूप में, सक्रिय या सही सहभागिता का अर्थ है कि जनता अपनी समस्याओं के प्रति सचेत हो।
अवलोकन के उद्देश्य क्या हैं?
इसे सुनेंरोकें(4) मानव इन्द्रियों का पूर्ण उपयोग- अन्य पद्धतियों की तुलना में इनमें मानव इन्द्रियों का पूर्ण रूप से प्रयोग किया जाता है। इससे सामाजिक घटनाओं को ऑखों से देखकर जॉच-पड़ताल की जा सकती है। (5) विचारपूर्वक एवं सूक्ष्म अध्ययन- अवलोकन एक प्रकार से उद्देश्यपर्ण होता है। कोई भी अवलोकन क्यों न हो, उसका निश्चित उद्देश्य होता है।