हिंदी वर्णमाला के भाग कौन से हैं? - hindee varnamaala ke bhaag kaun se hain?

वर्णमाला

वर्णों के व्यवस्थित समूह को 'वर्णमाला' कहते हैं।

वर्ण

भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि है। इस ध्वनि को 'वर्ण' कहते हैं।

वर्ण किसे कहते हैं?

किसी भाषा की लघुत्तम सार्थक ध्वनियों को वर्ण कहते हैं।

वर्ण के कितने प्रकार है?

दो

व्याख्या - वर्ण के दो प्रकार होते हैं- 1. स्वर, 2. व्यंजन। ध्वनि के बोले और लिखे रूप को 'वर्ण' कहते हैं। जैसे - क, ई

मानक हिन्दी वर्णमाला

मूलतः हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण (10 स्वर + 35 व्यंजन) एवं लेखन के आधार पर 52 वर्ण (13 स्वर + 35 व्यंजन + 4 संयुक्त व्यंजन) हैं।

Hindi Varnamala Chart (हिंदी वर्णमाला चार्ट)

varnamala in hindi

hindi varnamala letters हिंदी वर्णमाला अक्षर

अ (a) आ (aa) इ (e)
ई (i) उ (u) ऊ (oo)
ऋ (ri) ए (a) ऐ (ae)
ओ (o) औ (ao) अं (am)
अः (a:) क (k) ख (kh)
ग (g) घ (gha) ङ (nga)
च (ca) छ (chha) ज (ja)
झ (jha) ञ (nya) ट (ta)
ठ (thh) ड (da) ढ (dh)
ण (n) त (t) थ (tha)
द(d) ध (dha) न (na)
प (p) फ (fa) ब (b)
भ (bha) म (ma) य (y)
र (r) ल (la) व (v)
श (sha) ष (shha) स (sa)
ह (ha) क्ष (ksh) त्र (tra)
ज्ञ (jna)

वर्णमाला में मात्रा का अर्थ है?

'अ' को छोड़कर प्रत्येक स्वर की मात्रा होती हैं। जब स्वरों को व्यंजनों के साथ प्रयोग किया जाता है, तो उनकी मात्रा का प्रयोग किया जाता हैं जो चिह्न व्यंजनों के अन्त में जोड़े जाते हैं, मात्राएँ कहलाती है।

हिंदी वर्णमाला दो भागों में विभक्त है-

  1. स्वर
  2. व्यंजन

स्वर

  • अ आ इ ई उ ऊ (ऋ) ए ऐ ओ औ (अं) (अः)

[कुल =10+(3) = 13]

व्यंजन

  • क वर्ग - क ख ग घ ङ
  • च वर्ग - च छ ज झ ञ
  • ट वर्ग - ट ठ ड (ड़) ढ (ढ) ण [द्विगुण व्यंजन- ड़ ढ़]
  • त वर्ग - त थ द ध न
  • प वर्ग - प फ ब भ म
  • अंतःस्थ - य र ल व
  • ऊष्म - श ष स ह  [कुल 33+(2)=35]

संयुक्त व्यंजन

  • क्ष (क्+ष)
  • त्र (त्+र)
  • ज्ञ (ज्+ञ)
  • श्र (श्+र)

[कुल =4]

नोट

  • वर्गों की गणना दो आधार पर की जाती है उच्चारण व लेखन। उच्चारण के आधार पर की गई वर्ण गणना को ज्यादा उपयुक्त माना जाता है।
  • उच्चारण के आधार पर हिन्दी में वर्गों की कुल संख्या 47 [10 स्वर + 37 व्यंजन (35 हिन्दी के मूल व्यंजन +2 आगत व्यंजन (ज़, फ)]} हैं। क्ष त्र ज्ञ श्र एकल व्यंजन नहीं है, ये संयुक्त व्यंजन है।
  • लेखन के आधार पर हिन्दी में वर्गों की कुल संख्या 55 है। इसमें उन सभी पूर्ण वर्णों को शामिल किया जाता है जो लेखन या मुद्रण में प्रयोग में आते हैं।

स्वर

स्वतंत्र रूप से बोले जानेवाले वर्ण 'स्वर' कहलाते हैं। परंपरागत रूप से इनकी संख्या 13 मानी गई है। उच्चारण की दृष्टि से इनमें केवल 10 ही स्वर हैं- अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ।

स्वरों का वर्गीकरण

मात्रा/उच्चारण-काल के आधार पर

  1. ह्रस्व स्वर : जिनके उच्चारण में कम समय (एक मात्रा का समय) लगता है (अ इ उ)।
  2. दीर्घ स्वर : जिनके उच्चारण में ह्रस्व स्वर से अधिक समय (दो मात्रा का समय) लगता है (आ ई ऊ ए ऐ ओ औ ऑ)।
  3. प्लुत स्वर : जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय लगता है, किसी को पुकारने में या नाटक के संवादों में इसका प्रयोग किया जाता है सुनोऽऽ, राऽऽम, ओऽऽम्।

जीभ के प्रयोग के आधार पर

  1. अग्र स्वर: जिन स्वरों के उच्चारण में जीभ का अग्र भाग काम करता है (इ ई ए ऐ)।
  2. मध्य स्वर : जिन स्वरों के उच्चारण में जीभ का मध्य भाग काम करता है (अ)।
  3. पश्च स्वर : जिन स्वरों के उच्चारण में जीभ का पश्च भाग काम करता है (आ उ ऊ ओ औ ऑ)।

मुख-द्वार (मुख-विवर) के खुलने के आधार पर

  1. विवृत (Open) : जिन स्वरों के उच्चारण में मुख-द्वार पूरा खुलता है (आ)।
  2. अर्ध-विवृत (Half-Open) : जिन स्वरों के उच्चारण में मुख-द्वार आधा खुलता है (अ, ऐ, औ, ऑ)।
  3. अर्ध-संवृत (Half-close) : जिन स्वरों के उच्चारण में मुख-द्वार आधा बंद रहता है (ए, ओ)।
  4. संवृत (Close) : जिन स्वरों के उच्चारण में मुख-द्वार लगभग बंद रहता है (इ, ई, उ, ऊ)।

ओंठों की स्थिति के आधार पर

  1. अवृतमुखी : जिन स्वरों के उच्चारण में ओंठ वृतमुखी या गोलाकार नहीं होते हैं (अ आ इ ई ए ऐ)।
  2. वृतमुखी : जिन स्वरों के उच्चारण में ओंठ वृतमुखी या गोलाकार होते हैं (उ ऊ ओ औ ओं)।

हवा के नाक व मुँह से निकलने के आधार पर

  1. निरनुनासिक/मौखिक स्वर : जिन स्वरों के उच्चारण में हवा केवल मुँह से निकलती है (अ आ इ आदि)।
  2. अनुनासिक स्वर : जिन स्वरों के उच्चारण में हवा मँह के साथ-साथ नाक से भी निकलती है (अँ आँ इँ आदि)।

घोषत्व के आधार पर

घोष का अर्थ है स्वरतंत्रियों में श्वास का कंपन। स्वरतंत्री में जब कंपन होता है तो ‘सघोष' ध्वनियाँ उत्पन्न होती हैं। सभी स्वर ‘सघोष' ध्वनियाँ होती हैं।

हिन्दी वर्णमाला में मूल स्वर कितने है?

हिन्दी में मूल स्वर चार है अ, इ, उ तथा ऋ।

व्यंजन

स्वर की सहायता से बोले जानेवाले वर्ण 'व्यंजन' कहलाते हैं। प्रत्येक व्यंजन के उच्चारण में 'अ' स्वर मिला होता है। अ के बिना व्यंजन का उच्चारण संभव नहीं। परंपरागत रूप से व्यंजनों की संख्या 33 मानी जाती है। द्विगुण व्यंजन ड़ ढ़ को जोड़ देने पर इनकी संख्या 35 हो जाती है।

व्यंजनों का वर्गीकरण

1. स्पर्श व्यंजन : जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा फेफड़ों से निकलते हुए मुँह के किसी स्थान विशेष- कंठ, तालु, मूर्धा, दाँत या होंठ- का स्पर्श करते हुए निकले।

किस क्रम में स्पर्श-संघर्षी व्यंजन है?

जिन व्यंजनों के उच्चारण में स्पर्श का समय अपेक्षाकृत अधिक होती है और उच्चारण के बाद वाला भाग संघर्षी हो जाता है, वे स्पर्श संघर्षी कहलाते हैं। जैसे- च, छ, ज, झ।

नोट

1. कुछ विद्वान च वर्ग को स्पर्श-संघर्षी भी मानते हैं।

2. घोषत्व के आधार पर : घोष का अर्थ है स्वरतंत्रियों में ध्वनि का कंपन।

  • अघोष : जिन ध्वनियों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कंपन न हो (हर वर्ग का 1 ला और 2 रा व्यंजन)।
  • सघोष/घोष : जिन ध्वनियों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कंपन हो (हर वर्ग का 3रा, 4था और 5वाँ व्यंजन)।

3. प्राणत्व के आधार पर : यहाँ प्राण का अर्थ हवा से है।

  • अल्पप्राण : जिन व्यंजनों के उच्चारण में मुख से कम हवा निकले (हर वर्ग का 1ला, 3रा और 5वाँ व्यंजन)।
  • महाप्राण : जिन व्यंजनों के उच्चारण में मुख से अधिक हवा निकले, जिन व्यंजनों के उच्चारण में हकार की ध्वनि विशेष रुप से सुनाई दे (हर वर्ग का 2रा और 4था व्यंजन)।

2. अन्तःस्थ व्यंजन : जिन वर्णों का उच्चारण पारंपरिक वर्णमाला के बीच अर्थात् स्वरों व व्यंजनों के बीच स्थित हो।

वर्गउच्चारण-स्थान
य तालव्य तालु सघोष,
अल्पप्राण
र वर्त्स्य दंतमूल/मसूढ़ा
ल वर्त्स्य दंतमूल/मसूढ़ा
व दंतोष्ठ्य ऊपर के दाँत + निचला ओंठ

नोट

  • य, व - अर्द्धस्वर (ध्वनि जो कभी स्वर हो कभी व्यंजन)
  • र - लुंठित (जिसके उच्चारण में जीभ तालु से लुढ़ककर स्पर्श करें)
  • ल - पार्श्विक (जिसके उच्चारण में हवा जीभ के पाव/ बगल से निकल जाए)

3. ऊष्म/संघर्षी व्यंजन : जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय वायु मुख में किसी स्थान-विशेष पर घर्षण/रगड़ खा कर निकले और ऊष्मा/गर्मी पैदा करे।

वर्गउच्चारण-स्थान
श तालव्य तालु अघोष,
महाप्राण
ष मूर्धन्य मूर्धा
स वर्त्स्य दंतमूल/मसूढ़ा
ह स्वरयंत्रीय स्वरयंत्र (कंठ के भीतर स्थित)-सघोष, महाप्राण सघोष, महाप्राण

4. उत्क्षिप्त व्यंजन (ड़ ढ़)

जिनके उच्चारण में जीभ पहले ऊपर उठकर मूर्धा का स्पर्श करे और फिर झटके के साथ नीचे को आये।

नोट :

ड़ ढ़ हिन्दी के विकसित व्यंजन हैं। ये संस्कृत में नहीं थे।

  • ड़ - मूर्धन्य, सघोष, अल्पप्राण
  • ढ़ - मूर्धन्य, सघोष, महाप्राण

5. संयुक्त व्यंजन

वे वर्ण जो दो व्यंजन के मेल से बने हैं, संयुक्त व्यंजन कहलाते हैं। ये कुल चार हैं, जैसे

  • क्ष = क् + ष (K-SH)
  • त्र = त् + र (T-RA)
  • ज्ञ = ज् + ञ (J-YN)
  • श्र = श् + र (SH-R)

6. कण्ठ्य व्यंजन

जिन व्यंजन ध्वनियों के उच्चारण में जिह्वा के पिछले भाग से तालु का स्पर्श होता है, उसे कण्ठ्य ध्वनियाँ कहते हैं।

7. तालव्य व्यंजन

जिन व्यंजनों के उच्चारण में जिह्वा का अग्र भाग तालु को स्पर्श करता है, तालव्य व्यंजन कहलाते हैं।

8. मूर्धन्य व्यंजन

तालू के मध्य भाग को मूर्द्धा कहते हैं। जिह्वा के निचले भाग के मूर्द्धा को स्पर्श करने पर जो ध्वनि उत्पन्न होती है उन्हें मूर्धन्य व्यंजन कहते हैं।

9. दन्त्य व्यंजन

जिन व्यंजनों के उच्चारण में जिह्वा की नोंक ऊपरी दाँतों को स्पर्श करती है, उन्हें दन्त्य व्यंजन कहते हैं।

10. ओष्ठ्य व्यंजन

जिन व्यंजनों के उच्चारण में दोनों ओष्ठों द्वारा श्वास का अवरोध होता है, ओष्ठ्य व्यंजन कहलाते हैं।

'श्, ष, स्, ह' कौन से व्यंजन कहलाते हैं?

जिन व्यंजनों के उच्चारण में दो उच्चारण अवयव इतनी निकटता पर आ जाते हैं कि बीच का मार्ग छोटा हो जाता है तब वायु उनसे घर्षण करती हुई निकलती है। ऐसे संघर्षी व्यंजन है- श्, ष्, स, ह, ख, ज, फ।

अयोगवाह : अनुस्वार (ं), विसर्ग (:)

परंपरानुसार अनुस्वार (ं) और विसर्ग (:) को स्वरों के साथ रखा जाता है किन्तु ये स्वर ध्वनियाँ नहीं हैं क्योंकि इनका उच्चारण व्यंजनों के उच्चारण की तरह स्वर की सहायता से होता है। ये व्यंजन भी नहीं हैं क्योंकि इनकी गणना स्वरों के साथ होती है और उन्हीं की तरह लिखने में इनके लिए मात्राओं [क्रमशः (ं), (:)] का प्रयोग किया जाता है। (दूसरे शब्दों में, अनुस्वार और विसर्ग लेखन की दृष्टि से स्वर एवं उच्चारण की दृष्टि से व्यंजन होते है।) चूँकि इन दोनों का जातीय योग न तो स्वर के साथ और न ही व्यंजन के साथ होता है इसलिए इन्हें 'अयोग' कहा जाता है, फिर भी ये अर्थ वहन करते हैं, इसलिए 'अयोगवाह' (अयोग + वाह) कहलाते हैं।

निम्नलिखित में अयोगवाह किसे कहा गया है?

  • (1) संयुक्त व्यंजन
  • (2) विसर्ग
  • (3) घोष
  • (4) महाप्राण

(2) विसर्ग

व्याख्या

स्वर के बाद आने वाली नासिक्य ध्वनियाँ अनुस्वार कहलाती हैं। अनुस्वार (ं) तथा विसर्ग (:) को अयोगवाह कहा जाता है। क्योंकि यह न तो स्वर तथा न ही व्यंजन में गिने जाते हैं।

शब्दकोश देखने का सही तरीका

शब्दकोश में पहले स्वर बाद में व्यंजन का क्रम आता है।

  • शब्दकोश में अनुस्वार (ं) और विसर्ग (:) का स्वतंत्र वर्ण के रूप में प्रयोग नहीं होता, लेकिन संयुक्त वर्णों के रूप में इन्हें अ आ ......... ओ औ से पहले स्थान मिलता है, जैसे-कं कः क का कि की क क के कै को कौ।
  • शब्दकोश में पूर्ण वर्ण के बाद संयुक्ताक्षर का क्रम आता है, जैसे- कं कः क का ...... को कौ के बाद क्य, क्र, क्ल, क्व, क्ष।
  • शब्दकोश में क्ष त्र ज्ञ का कोई पृथक शब्द-संग्रह नहीं मिलता क्योंकि ये संयुक्ताक्षर होते हैं। अतएव इनसे संबंधित शब्दों को ढूंढ़ने के लिए इन संयुक्ताक्षरों के पहले अक्षर या वर्ण वाले खाने में जाना होता है, जैसे- यदि हमें क्ष (क् + ष) से संबंधित शब्द का अर्थ ढूँढ़ना हो तो हमें क वाले खाने में जाना होगा; इसी तरह त्र (त् + र) के लिए तवाले खाने, ज्ञ (ज् + ञ) के लिए जवाले खाने तथा श्र (श् + र) के लिए श वाले खाने में जाना पड़ेगा।
  • ङ, अ, ण, ड, ढ़ से कोई शब्द शुरू नहीं होता इसलिए ये स्वतंत्र रूप से शब्दकोश में नहीं मिलते।

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हिंदी वर्णमाला से संबंधित प्रश्न

भाषा की सबसे छोटी इकाई है

  • (a) शब्द
  • (b) व्यंजन
  • (c) स्वर
  • (d) वर्ण

(d) वर्ण

वर्णमाला कहते हैं

  • (a) शब्द-समूह को
  • (b) वर्गों के संकलन को
  • (c) शब्द गणना को
  • (d) वर्गों के व्यवस्थित समूह को

(d) वर्गों के व्यवस्थित समूह को

निम्न में से कंठ्य ध्वनियाँ कौन सी हैं ?

  • (a) क, ख
  • (b) य, र
  • (c) च, ज
  • (d) ट, ण

(a) क, ख

स्थान के आधार पर बताइए कि मूर्धन्य व्यंजन कौन-से हैं ?

  • (a) ग, घ
  • (b) ज, झ
  • (c) ड, ढ
  • (d) प, फ

(c) ड, ढ

निम्न में से 'अल्पप्राण' वर्ण कौन-से हैं ?

  • (a) अ, आ
  • (b) क, ग
  • (c) थ, ध
  • (d) फ, भ

(b) क, ग

निम्न में से 'नासिक्य' व्यंजन कौन-सा है ?

  • (a) ष
  • (b) ञ
  • (c) ग
  • (d) ज

(b) ञ

स्पर्श व्यंजनों को उच्चारण स्थान के आधार पर कितने भागों में बाँटा गया है?

  • (1) तीन
  • (2) चार
  • (3) दो
  • (4) पाँच

(4) पाँच

किस क्रम में तालव्य व्यंजन नहीं है?

  • (1) च
  • (2) घ
  • (3) ज्ञ
  • (4) य

(2) घ

'प' और 'फ' का उच्चारण स्थान क्या है?

  • (1) कंठ्य
  • (2) तालव्य
  • (3) दन्त्य
  • (4) ओष्ठय्

(4) ओष्ठय्

निम्नलिखित ध्वनियों में से बताइये कि कौन-सा वर्ण औष्ठ्य नहीं है?

  • (1) म
  • (2) प
  • (3) फ
  • (4) ब

(4) ब

उच्चारण स्थान की दृष्टि से इनमें से कौन-सा व्यंजन तालव्य है?

  • (1) त
  • (2) प
  • (3) ज
  • (4) व

(3) ज

किस क्रम में तालव्य व्यंजन है?

  • (1) ट, ठ, ड, ढ, ण
  • (2) क, ख, ग, घ, ड
  • (3) च, छ, ज, झ, ञ
  • (4) त, ध, द, थ, न

(3) च, छ, ज, झ, ञ

किस क्रमांक में मूर्धन्य व्यंजन है?

  • (1) च
  • (2) ख
  • (3) प
  • (4) ट

(4) ट

ज और ध का उच्चारण स्थान है?

  • (1) कंठ्य, तालव्य
  • (2) ओष्ठ्य, नासिक्य
  • (3) मूर्धन्य ओष्ठ्य
  • (4) तालव्य, दन्त्य

(4) तालव्य, दन्त्य

'ए', 'ऐ' वर्ण क्या कहलाते हैं?

  • (a) नासिक्य
  • (b) मूर्धन्य
  • (c) ओष्ठ्य
  • (d) कंठ-तालव्य

(d) कंठ-तालव्य

हिन्दी वर्णमाला में 'अयोगवाह' वर्ण कौन-से हैं?

  • (a) अ, आ
  • (b) इ, ई
  • (c) उ, ऊ
  • (d) अं, अः

(d) अं, अः

निम्न में बताइए कि किस शब्द में द्वित्व व्यंजन है ?

  • (a) पुनः
  • (b) इलाहाबाद
  • (c) दिल्ली
  • (d) उत्साह

(c) दिल्ली

'श', 'ष', 'स', 'ह' कौन-से व्यंजन कहलाते हैं ?

  • (a) प्रकंपी
  • (b) स्पर्शी
  • (c) संघर्षी
  • (d) स्पर्श-संघर्षी

(c) संघर्षी

निम्नांकित में से बताइये कि नवीन विकसित ध्वनियाँ कौन सी हैं?

  • (a) ख, ग़
  • (b) उ, ऊ
  • (c) ऐ, औ
  • (d) श, स

(a) ख, ग़

निम्न में से कौन-सा घोष वर्ण है?

  • (a) ख
  • (b) च
  • (c) म
  • (d) ठ

(c) म

कौन-सा अमानक वर्ण है?

  • (a) ख
  • (b) ध
  • (c) झ
  • (d) भ

(c) झ

'क', 'ग', 'ज़', 'फ़' ध्वनियाँ किसकी हैं ?

  • (a) संस्कृत की
  • (b) अरबी-फारसी की
  • (c) अंग्रेजी की
  • (d) दक्षिणी भाषाओं की

(b) अरबी-फारसी की

हिन्दी में मूलतः वर्गों की संख्या कितनी है?

  • (a) 50
  • (b) 51
  • (c) 52
  • (d) 53

(c) 52

'क्ष' ध्वनि किसके अन्तर्गत आती है?

  • (a) मूल स्वर
  • (b) घोष वर्ण
  • (c) संयुक्त वर्ण
  • (d) तालव्य

(c) संयुक्त वर्ण

हिन्दी शब्दकोश में 'क्ष' का क्रम किस वर्ण के बाद आता है?

  • (a) क
  • (b) छ
  • (c) त्र
  • (d) ज्ञ

(a) क

'ज्ञ' वर्ण किन वर्गों के संयोग से बना है?

  • (a) ज + ञ
  • (b) ज् + ञ
  • (c) ज + ध
  • (d) ज + न्य

(b) ज् + ञ

अघोष वर्ण कौन-सा है?

  • (a) अ
  • (b) ज
  • (c) ह
  • (d) स

(d) स

'घ' का उच्चारण स्थान कौन-सा है?

  • (a) मूर्द्धा
  • (b) कंठ
  • (c) तालु
  • (d) दंत

(b) कंठ

इनमें संयुक्त व्यंजन कौन-सा है ?

  • (a) ढ़
  • (b) ज्ञ
  • (c) ङ
  • (d) 5

(b) ज्ञ

निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ण उच्चारण की दृष्टि से दंत्य नहीं है?

  • (a) त
  • (b) न
  • (c) द
  • (d) ट

(d) ट

जिन शब्दों के अंत में 'अ' आता है, उन्हें क्या कहते है?

  • (a) अनुस्वार
  • (b) अयोगवाह
  • (c) अंतःस्थ
  • (d) अकारांत

(d) अकारांत

'क्ष' वर्ण किसके योग से बना है?

  • (a) क् + ष
  • (b) क् + च
  • (c) क् + छ
  • (d) क्+ श

(a) क् + ष

हिन्दी वर्णमाला में स्वरों की कुल संख्या कितनी है ?

  • (a) 10
  • (b) 11
  • (c) 12
  • (d) 13

(d) 13

निम्नलिखित में कौन स्वर नहीं है ?

  • (a) अ
  • (b) उ
  • (c) ए
  • (d) ञ

(d) ञ

निम्नलिखित में कौन ट वर्ग नहीं है?

  • (a) ठ
  • (b) ढ
  • (c) ण
  • (d) घर

(d) घर

हिन्दी वर्णमाला में व्यंजनों की संख्या है

  • (a) 32
  • (b) 34
  • (c) 33
  • (d) 36

(c) 33

निम्नलिखित में कौन-सा पश्च-स्वर है?

  • (a) आ
  • (b) इ
  • (c) ज
  • (d) ढ

(a) आ

निम्नलिखित में से कौन अयोगवाह है?

  • (a) विसर्ग
  • (b) महाप्राण
  • (c) संयुक्त व्यंजन
  • (d) अल्पप्राण

(a) विसर्ग

'छ' ध्वनि का उच्चारण स्थान है

  • (a) दन्त्य
  • (b) ओष्ठ्य
  • (c) तालव्य
  • (d) वर्त्स्य 

(c) तालव्य

निम्नलिखित में से कौन एक संयुक्त व्यंजन नहीं है?

  • (a) क्ष
  • (b) ष
  • (c) त्र
  • (d) ज्ञ

(b) ष

तालव्य व्यंजन है

  • (a) च, छ, ज, झ
  • (b) ट, ठ, ड, ढ
  • (c) त, थ, द, ध
  • (d) प, फ, ब, भ

(a) च, छ, ज, झ

य, र, ल, व-किस वर्ग के व्यंजन हैं?

  • (a) तालव्य
  • (b) ऊष्म
  • (c) अन्तःस्थ
  • (d) ओष्ठ्य

(c) अन्तःस्थ

अनुनासिक का संबंध होता है

  • (a) केवल नाक से
  • (b) केवल मुँह से
  • (c) नाक और मुँह दोनों से
  • (d) इनमें से कोई नहीं

(c) नाक और मुँह दोनों से

अनुनासिक व्यंजन कौन-से होते हैं?

  • (a) वर्ग के प्रथमाक्षर
  • (b) वर्ग के तृतीयाक्षर
  • (c) वर्ग के चतुर्थाक्षर
  • (d) वर्ग के पंचमाक्षर

(d) वर्ग के पंचमाक्षर

हिन्दी वर्णमाला में स्वरों की संख्या है

  • (a) आठ
  • (b) नौ
  • (C) ग्यारह
  • (d) चौदह

(C) ग्यारह

देवनागरी लिपि में स्वरों की संख्या है?

  • (1) 10
  • (2) 11
  • (3) 12
  • (4) 13

(2) 11

किस क्रम में पश्च स्वर है ?

  • (1) ई
  • (2) उ
  • (3) ए
  • (4) ऐ

(2) उ

किस शब्द में 'ऐ' स्वर नहीं है?

  • (1) वैदिक
  • (2) ऐक्य
  • (3) पैतृक
  • (4) स्नेह

(4) स्नेह

व्याख्या

स्नेह शब्द में 'ए' स्वर है तथा अन्य विकल्पों में 'ऐ' स्वर है। स्नेह = स् +न् + ए + ह् + अ।

निम्न में संयुक्त व्यंजन है

  • (1) श्र
  • (2) ब
  • (3) भ
  • (4) श

(1) श्र

हिन्दी वर्णमाला के कितने भाग है?

वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 52 वर्ण होते हैं। इनमें 11 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर 56 वर्ण होते हैं इसमें 11 स्वर , 41 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।

हिंदी वर्णमाला कितनी होती है?

Varnamala 52 words = स्वर (11) + व्यंजन (33) + संयुक्त व्यंजन (4) + द्विगुण व्यंजन (2) + चंद्रबिंदु (1) + विसर्ग (1) = 52. अभी तक हम लोग निम्न वर्ग के कक्षाओं में हिंदी वर्णमाला के 49 अक्षरों को पढ़ते हुए आ रहे हैं. शायद हम में से कुछ ही लोगों को पता होगा कि हिंदी वर्णमाला में कुल वर्णों की संख्या 52 है.

वर्णमाला किसे कहते हैं और कितने होते हैं?

हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर हैं जैसे अ , आ , इ , ई , उ , ऊ , ऋ , ए , ऐ , ओ , औ आदि। (i) ह्स्व स्वर – हिंदी व्याकरण में जिन वर्णों के उच्चारण में कम समय लगता है उन्हें ह्स्व स्वर कहा जाता है, हिंदी व्याकरण में चार प्रकार के ह्स्व स्वर होते है – अ आ उ ऋ।

हिंदी वर्णमाला के कितने प्रकार हैं 2 points?

और हिंदी वर्णमाला में कुल 44 वर्ण शामिल हैं। इनके उच्चारण एवं प्रयोग के आधार पर हिंदी वर्णमाला में वर्णों के दो प्रकार में बाँटा गया हैं। जिसमे पहला स्वर होता हैं, वहीं दुसरा व्यंजन होता हैं

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