घर में शिव परिवार की पूजा कैसे करें? - ghar mein shiv parivaar kee pooja kaise karen?

‘शिवस्तु कल्याणकारक:।’ इस वचन के अनुसार शिव शब्द का अर्थ कल्याणकारक होता है। श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी लिखते हैं, इच्छित फल बिनु शिव अवराधे अर्थात् इच्छा के अनुसार फल प्रदान करने वाले...

Mon, 10 Sep 2012 08:25 PM

हमें फॉलो करें

ऐप पर पढ़ें

‘शिवस्तु कल्याणकारक:।’ इस वचन के अनुसार शिव शब्द का अर्थ कल्याणकारक होता है। श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी लिखते हैं, इच्छित फल बिनु शिव अवराधे अर्थात् इच्छा के अनुसार फल प्रदान करने वाले देवता हैं भगवान शिव। बिना शिव की आराधना के साधक को उसकी इच्छानुसार फल की प्राप्ति नहीं हो सकती। शिव ही एक ऐसे देवता हैं, जिन्हें आशुतोष कहा जाता है। आशु अर्थात् शीघ्र तथा तोष का मतलब प्रसन्न होना कहा गया है। ऐसे भगवान शिव की पूजा करने जब हम बैठते हैं तो नन्दी इत्यादि अन्य सभी परिकर याद आते हैं, जो भगवान शिव के साथ सदैव रहते हैं। उनका क्रम इस प्रकार पाया जाता है-
सबसे पहले नन्दी भगवान का पूजन किया जाता है, क्योंकि बिना नन्दीश्वर की उपासना के भगवान शिव का दर्शन नहीं मिलता, इसलिये सबसे पहले ‘श्री नन्दीश्वराय नम:’ कह कर हमें नन्दी जी की पूजा करनी चाहिये। इसके अनन्तर वीरभद्र जी का पूजन ‘भद्रं कण्रेभि:स’ मन्त्र से या ’श्री वीरभद्राय नम:’ कह कर किया जाता है। उसके बाद सेनापति श्री कार्तिकेय जी का उपलब्ध सामग्रियों से पूजन किया जाता है। इनके पूजन के लिये वैदिक मन्त्र ‘यदक्रन्द:’ का प्रयोग किया जाता है या नाम मन्त्र ‘श्री कार्तिकेयाय नम:’ का प्रयोग किया जाता है। उसके बाद धनाध्यक्ष कुबेर की वैदिक मन्त्र से या ‘श्री कुबेराय नम:’ इस नाम मन्त्र से पूजा करनी चाहिये। तत्पश्चात् कीर्तिमुख का पूजन किया जाता है। नागराज जी का पूजन कर श्रीसाम्बसदाशिव का पूजन किया जाता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये शुक्लयजुर्वेद से आठ अध्यायों का एकत्र संग्रह, जिसे रुद्राष्टाध्यायी कहा जाता है, का पाठ उत्तम माना गया है। हालांकि प्रत्येक वेदों की अलग-अलग रुद्राष्टाध्यायी है, परन्तु उत्तर भारत में शुक्लयजुर्वेद की रुद्राष्टाध्यायी का प्रचलन अधिक देखा जाता है।

अगला लेख पढ़ें

दिसंबर के महीने में होंगी SSC, SBI, BPSC, IBPS समेत ये सरकारी परीक्षाएं, देखें तारीखें

अगला लेखदिसंबर के महीने में होंगी SSC, SBI, BPSC, IBPS समेत ये सरकारी परीक्षाएं, देखें तारीखें

शिव परिवार पूजा का शास्त्रीय क्रम क्या है?

दिसंबर के महीने में होंगी SSC, SBI, BPSC, समेत ये सरकारी परीक्षाएं

XAT 2023: आगे बढ़ी आवेदन की तारीख, 11 दिसंबर तक भर सकते हैं फॉर्म

दिल्ली में कल बंद रहेंगे सरकारी स्कूल, MCD इलेक्शन के चलते फैसला

IIT गुवाहाटी के छात्र को मिला 2.4 करोड़ रुपये का सैलरी पैकेज का ऑफर

UPSC: मेन्स रिजल्ट के बाद तैयार रखने होंगे ये डॉक्यूमेंट्स

हाईकोर्ट : अनुदेशकों को केवल एक सत्र के लिए 17 हजार मानदेय मंजूर

मेडिकल कॉलेजों में हर हाल में रोकें रैगिंग- उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक

IIT Bombay Placements 2022: छात्रों को नौकरी के मिले 250 ऑफर

GTET: जल्द समाप्त होगी आवेदन की प्रक्रिया, यहां देखें सैलरी स्ट्रक्चर

  • दिसंबर के महीने में होंगी SSC, SBI, BPSC, IBPS समेत ये सरकारी परीक्षाएं, देखें तारीखें
  • XAT 2023 Registration: आगे बढ़ी आवेदन की तारीख, 11 दिसंबर तक भर सकते हैं फॉर्म
  • MCD Election 2022: कल बंद रहेंगे दिल्ली के सरकारी स्कूल, इस तारीख को एमसीडी स्कूलों में चलेंगी ऑनलाइन क्लासेज
  • IIT गुवाहाटी के छात्र को मिला 2.4 करोड़ रुपये का सैलरी पैकेज का ऑफर
  • UPSC IAS Mains Result 2022: रिजल्ट आने के बाद इंटरव्यू के लिए तैयार रखने होंगे ये डॉक्यूमेंट्स
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट : अनुदेशकों को केवल एक सत्र के लिए 17 हजार मानदेय मंजूर
  • MBBS Classes 2022: मेडिकल कॉलेजों में हर हाल में रोकें रैगिंग- उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
  • IIT Bombay Placements 2022: छात्रों को नौकरी के मिले 250 ऑफर
  • Gujarat TET Salary 2022: जल्द समाप्त होगी आवेदन की प्रक्रिया, यहां देखें सैलरी स्ट्रक्चर
  • शिव परिवार की पूजा कैसे की जाती है?

    ऐसे करें पूजा सुबह-सवेरे नित्‍य कर्मों से निवृत्‍त होकर किसी भी शिव मंदिर में जाएं। वहां शिवलिंग पर सबसे पहले जल चढ़ाएं। इसके बाद भांग मिला हुआ कच्‍चा दूध चढ़ाएं। फिर गन्‍ने का रस चढ़ाएं साथ ही ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप करते रहें।

    शिव परिवार को जल कैसे चढ़ाएं?

    तेजी से न चढ़ाएं जल कभी भी शिवलिंग पर तेजी से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। शास्त्रों में भी बताया गया है कि शिव जी को जल धारा अत्यंत प्रिय है। इसलिए जल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि जल के पात्र से धार बनाते हुए धीरे से जल अर्पित करें। पतली जल धार शिवलिंग पर चढाने से भगवान शिव की विशेष कृपा दृष्टि प्राप्त होती है।

    क्या घर में शिव परिवार की मूर्ति स्थापना?

    भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत है जो उत्तर दिशा में स्थित है। इसीलिए जब भी घर में शिव जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें तो इसे उत्तर दिशा में रखें। घर में कभी भी शिव जी की ऐसी प्रतिमा या मूर्ति स्थापित ना करें जिसमें वह क्रोध मुद्रा में हों। क्योंकि इसे विनाश का प्रतीक माना गया है।

    शिव परिवार घर में रख सकते हैं क्या?

    मान्यता है कि शिव-पार्वती की मूर्ति घर में लगाने से सुख-समृद्धि आती है और वैवाहिक जीवन भी अच्छा रहता है. नंदी बैल को शिव जी की सवारी माना जाता है. इसीलिए मान्यताओं के अनुसार नंदी पर बैठे हुए शिव जी घर के लिए चमत्कारी साबित होते हैं. ध्यानमग्न मुद्रा में बैठे हुए महादेव की मूर्ति को भी घर में रखना अच्छा माना जाता है.

    Toplist

    नवीनतम लेख

    टैग