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हाथ से चलायी जाने वाली गन्ना पेरने की एक छोटी मशीन
गन्ने को पेरने (दबाने से) गन्ने का रस निकलता है। दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, मिस्र, लैटिन अमेरिका और ब्राजील आदि में यह पेय के रूप में प्रयुक्त होता है। गन्ने के रस से गुड़ और चीनी भी बनती है।
गन्ने का रस निकालने के लिये गन्ने को (छिलका निकालकर या बिना छिलका निकाले) एक कोल्हू (मिल) में पेरा (क्रश किया) जाता है। फिर इसे छान कर उसमें बर्फ डालकर व नमक मसाला डालकर पिया जाता है। यह पीलिया के रोगी को फायदा करता है। यह स्वाद में मीठा होता है।
गन्ने का रस
रस का ख़लल
नैनों का रस
गन्ने की फाँदी
रस का बींधा
रस-रस
सौ गन्ने न एक पौंडा
एक अच्छ्াी चीज़ सौ मामूली चीज़ों से बेहतर है
आसमाँ-रस
आकाश तक पहुँचने- वाला, गगनस्पर्शी
हाथियों से गन्ने खाना
पंज-रस
सुख़न-रस
बुद्धिमान, सुवक्ता, भाषणपटु, कविता का गुण-दोष समझने वाला, सहृदय, काव्य-मर्मज्ञ
मज्लिस-ए-रस
महफ़िल में उठने बैठने के तौर तरीक़ों का जानकार, महफिल के आदाब जानने वाला
हाँस्या-रस
हक़-रस
इंसाफ़ करने वाला, न्याय प्रिय, रहम करने वाला
पंच-रस
मंज़िल-रस
मंजिल पर पहुँचने वाला, उद्देश्य प्राप्त करने वाला
जुज़-रस
तह तक पहुँचने वाला, सियाना, बुद्धिमान, चालाक, आक़लमंद, समझदार, होशियार
'अर्श-रस
ख़लिया-रस
मु'आमला-रस
मा'ना-रस
जुज़्व-रस
उर्दू में जुज़-रस है
भुत रस
नाच का एक रंग और भाव जिसमें डर और आश्चर्य का भाव चेहरे से प्रकट किया जाता है
ख़ुदा-रस
तान-रस-ख़ाँ
सु'ऊद-रस
मे'दी-रस
ख़ाना-रस
घर में पकाया हुआ फल, पाल का मेवा।।
इंतिहा-रस
शांत-रस
सिंगार-रस
श्रींगार-रस, साहित्य शास्त्र के ९ रसों में पहला रस, हिन्दी काव्य का एक प्रकार जिसमें औरत-ओ-मर्द के मिलन का विवरण लिखा जाये, आशिक़ाना नज़म
हज़्मी-रस
(जीवविज्ञान) पाचन किण्वन
फ़रियाद-रस
फ़रियाद सुननेवाला, न्यायकर्ता, इंसाफ़ करने वाला
ज़ूद-रस
तेज़ दिमाग़, जो किसी बात की तह तक तुरंत ही पहुँच जाए, कुशाग्रबुद्धि, बुद्धिमान
रंग-ओ-रस
पिच-रस
ऐसी धातु जिसमें कई और धातुओं की मिलावट हो, एक मिश्रित धात जिसके घंटे बंते हैं, एक प्रकार का कांसा
तोप-रस
मोच-रस
सेंमल के पेड़ की गोंड जो यूनानी औषधि में उपयोग होती है
नौ-रस
हिन्दी साहित्य में, श्रृंगार, करुण, हास्य, रौद्र, वीर, भयानक, वीभत्स, अद्भुत और शांत ये नौ प्रकार के रस
रस-चोब
रस-जस
बल, ज़ोर ताक़त, जोश और उत्साह
मेघ-रस
बारिश, बरसात, बरसात के मौसम के बजाया जाने वाला राग मल्हार
बे-रस
जिस में रस न हो, रसहीन
अमृत-रस
अमृत (लाक्षणिक) प्रियतम के मुख का लार
रस-बल
रस से भरा हुआ, रसीला
सब-रस
हर किस्म का निचोड़, तत्व, इतर
दक़ीक़ा-रस
बात की तह को पहुँच जाने वाला, कुशाग्रबुद्धि, तीव्रप्रतिभ
श्रंगार-रस
साहित्य शास्त्र के ९ रसों में पहला रस, साहित्य के अनुसार नौ रसों में से एक रस जो सबसे अधिक प्रसिद्ध है और प्रधान माना जाता है
गत-भंग-रस
(पशु चिकित्सा) घोड़े का एक रोग, जिसमें कभी एक कभी दो और कभी चारों पैरों में सूजन अधिक और कोमल होती है तथा इस सूजन पर गांठें प्रकट होती हैं, फ़ील पाँव, गजचरण
रस की बतियाँ
दर्द-रस
दर्द जानने वाला, दुख से परिचित
दाद-रस
न्याय करने वाला, फ़र्याद सुनने वाला, काम बनाने वाला, दुःख सुनने वाला
पेश-रस
वह फल जो पेड़ में सबसे पहले पके