गमले में पौधे लगाने के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें? - gamale mein paudhe lagaane ke lie mittee kaise taiyaar karen?

गार्डनिंग करना आजकल लगभग हर कोई पसंद करता है। जब भी किसी को फ्री टाइम मिलता है वो गार्डन में पौधे लगाते रहते हैं या फिर गार्डन की सफाई करते रहते हैं। लेकिन, कई बार मेहनत करने के बाद भी पौधे की ग्रोथ अच्छी नहीं होती है। पौधे की ग्रोथ इसलिए अच्छी नहीं होती है, क्योंकि गमले की मिट्टी अधिक उपजाऊ नहीं होती है।

अगर आपके भी गार्डन में लगे पौधों में अधिक फूल नहीं निकल रहे हैं तो फिर आपको गमले की मिट्टी पर ध्यान देने की ज़रूरत है। अगर आप 10-20 मिनट तक मिट्टी पर ध्यान देंगे तो मिट्टी उपजाऊ हो सकती है।

इस लेख में हम आपको कुछ टिप्स एंड हैक्स बताने जा रहे हैं जिन्हें फॉलो करके आप गमले की मिट्टी को चंद दिनों में उपजाऊ बना सकते हैं। आइए जानते हैं।

नाइट्रोजन युक्त खाद करें इस्तेमाल 

Atithi Popali

घर में बागवानी करने के शौक़ीन लोगों के लि,ए अतिथि बता रही हैं कि कैसे सही तरीकों से मिट्टी तैयार करके, गमलों में भी साग-सब्जियों का अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है। 

क्या-क्या चाहिए 

1. सामान्य मिट्टी: 

अतिथि कहती हैं कि आपके इलाके में अगर किसी के यहां बोरवेल हो रहा हो या अन्य किसी काम के लिए मिट्टी की खुदाई जारी हो, तो आप वहां से मिट्टी ला सकते हैं। इसके अलावा, आप नर्सरी से भी मिट्टी खरीद सकते हैं। 

2. जैविक खाद: 

कोशिश करें कि आप अपने घर की रसोई से निकलने वाले फल -सब्जियों के छिलके या अन्य जैविक कचरे को फेंकने की बजाय घर में ही इससे खाद बना लें। अगर आपके पास घर की खाद उपलब्ध नहीं है, तो आप नर्सरी से जैविक खाद ले सकते हैं। 

3. कोकोपीट: 

अगर आप चाहें, तो कोकोपीट ऑनलाइन खरीद सकते हैं। लेकिन अगर आपके आसपास कोई नारियल बेचता है, तो आप उनसे नारियल के छिलके (जटाएं) ले आएं और इनका उपयोग करें। 

Soil, Compost, Cocopeat, Dried Leaves, Neem Cake/Neem Leaves, Small stones and Liquid Compost (Rep Image)

4. सूखे पत्ते: 

आपको किसी भी सार्वजनिक पार्क में सूखे पत्ते मिल जायेंगे या फिर सड़क किनारे लगे पेड़ों से भी बहुत से पत्ते गिरते हैं। इन्हें आप इकट्ठा करके रख लें क्योंकि सूखे पत्ते बागवानी में बहुत काम आते हैं। 

5. नीमखली: 

अतिथि कहती हैं कि जरूरी नहीं कि आप नीमखली बाजार से ही खरीदें। अगर आपके आसपास कोई नीम का पेड़ है, तो आप इस पेड़ से गिरने वाले पत्तों, निम्बोली और टहनियों को इकट्ठा करके इस्तेमाल में ले सकते हैं। अगर किसी के घर में नीम का पेड़ नहीं है, तो आप अपने शहर के सार्वजनिक स्थान, जैसे सरकारी अस्पताल, स्कूल या अन्य कोई सरकारी दफ्तर के परिसर में चेक करें, वहां पर एक न एक नीम का पेड़ आपको जरूर मिल जाएगा। 

6. छोटे पत्थर या बजरी: 

गमले या कंटेनर में छोटे पत्थरों या बजरी की एक परत बिछाकर, तले के छेद को ढकना चाहिए। ऐसा करने से पानी गमले में ठहरता नहीं है और पौधे की जड़ें स्वस्थ रहती हैं। याद रहे कि आप इस्तेमाल से पहले पत्थरों या बजरी को अच्छे से धो लें। 

7. जैविक तरल खाद: 

आप प्याज और केले के छिलकों को कुछ दिन पानी में भिगोकर रखें। अब इस पानी को छान लें। आपकी तरल खाद तैयार है, जिसे आप सामान्य पानी में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। 

ऐसे तैयार करें घर पर बागवानी के लिए मिट्टी: 

अतिथि बताती हैं कि आप जो भी गमला लें, उसके तले में ड्रेनेज के लिए छेद अवश्य होना चाहिए। 

1. अब सबसे पहले आप गमले में छोटे पत्थरों या बजरी से दो इंच की परत इस प्रकार बिछाएं कि छेद में से एक्स्ट्रा पानी निकल जाए। 

2. दूसरी परत, सूखे पत्तों की बनाएं। 

3. अब मिट्टी, जैविक खाद और कोकोपीट को बराबर मात्रा में मिलाएं। इस मिश्रण में आप नीमखली भी मिला लें। अच्छे से मिलाने के बाद तैयार मिश्रण को सूखे पत्तों की परत के ऊपर डालें और गमले को भर दें। 

4. मिट्टी से गमले को भरने के बाद, इसके ऊपर आप फिर से एक परत सूखे पत्तों की बिछाएं। 

5. अब इस गमलें में तैयार मिट्टी पर ऊपर से आप जैविक तरल खाद का छिड़काव करें, जो आप प्याज या केले के छिलकों को एक हफ्ते तक पानी में भिगोकर तैयार कर सकते हैं। 

6. अब 4-5 दिन तक इस गमले को अलग रख दें। 

Soil Mix

लगभग पांच दिन बाद, आपका गमला बीज बोने के लिए एकदम तैयार हो जाता है। अतिथि कहती हैं कि इस तरह से मिट्टी तैयार करके पौधे लगाने पर आपको अलग से कोई रासायनिक खाद या स्प्रे करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे आप गमलों में भी अच्छे से पौधे लगा सकते हैं। यह मिट्टी लगभग सभी तरह के पेड़-पौधों के लिए उपयुक्त है। 

बागवानी के साथ-साथ, अतिथि अब जैविक खेती भी शुरू करने जा रही हैं। उनका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों, खासकर कि युवाओं को जैविक और गौ-आधारित खेती से जोड़ना है। 

तो देर किस बात की, आज से ही शुरू करें मिट्टी तैयार करना ताकि बारिश के मौसम में आप गमलों में आसानी से उगा सकें ढेर सारे पेड़-पौधे। 

संपादन- जी एन झा

यह भी पढ़ें: एक्सपर्ट से सीखें, केले के छिलके से बेहतरीन खाद बनाना

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गमले की मिट्टी कैसे तैयार की जाती है?

गमले की मिट्टी तैयार करने की विधि मिट्टी के गमले में पानी की जलधारण को बनाये रखने तथा मिट्टी को soft (मुलायम) रखने के लिए उसमें 20% बालू तथा 10% Cocopeat मिला दें. 10% सरसों की खली की खाद मिला दें. इन सभी का अच्छी तरह से मिश्रण तैयार करने के बाद इन्हें गमलों में भरकर किसी भी प्रकार का पौधा लगाया जा सकता है.

गमले में कौन सी मिट्टी डालें?

1-गमलों की मिट्टी में बलुई मिट्टी /बालू मिट्टी का प्रयोग जरूर करें। 2-गमलों की मिट्टी साफ और गंदगी रहित होनी चाहिये। 3-हर गमले में मिट्टी की समान मात्रा होनी चाहिये। जैसे गोबर खाद और मिट्टी का अनुपात सही रखें।

मिट्टी तैयार कैसे करते हैं?

मिट्टी की तैयारी हो सके तो इसे 2-3 दिनों तक धूप में खुला छोड़ दें। इससे मिट्टी में मौजूद कीड़े-मकोड़े और फफूंद खत्म हो जाएंगे। फिर मिट्टी में कंपोस्ट खाद या गोबर की खाद अच्छी तरह मिलाकर गमलों में भर दें। गमलों को ऊपर से करीब एक-तिहाई खाली रखें ताकि पानी डालने पर मिट्टी और खाद बहकर बाहर न निकले।

पौधे उगाने के लिए मिट्टी में क्या मिलाना चाहिए?

गार्डनिंग के लिए वर्मी कम्पोस्ट (Vermicompost) खाद बहुत लाभदायक होती है। मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए पौधे लगाने से पहले मिट्टी में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करना आवश्यक होता है।

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