गेहूं पीली क्यों पड़ रही है? - gehoon peelee kyon pad rahee hai?

पीली पड़ रही गेहूं फसल की पत्तियां

Publish Date: Wed, 14 Jan 2015 04:58 PM (IST)Updated Date: Wed, 14 Jan 2015 04:58 PM (IST)

मोहम्मद हारून, हथीन : क्षेत्र के विभिन्न गांवों की सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल पीली पत्ती रोग की चपेट

मोहम्मद हारून, हथीन : क्षेत्र के विभिन्न गांवों की सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल पीली पत्ती रोग की चपेट में है। फसल में फैल रहे इस रोग से किसान ¨चतित हैं। बताया गया है कि गेहूं में बुआई के समय ¨जक नहीं डालने से गेहूं में पीली पत्ती का रोग जोर पकड़ने लगा है। किसान पीली पत्ती की रोकथाम के लिए उपायों की तलाश कर रहे हैं।

इस वक्त गेहूं की फसल के आसार अच्छे दिखाई दे रहे हैं। यूं तो किसानों को खाद की कमी खल रही है। चालू सीजन में क्षेत्र में लगभग 33 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल बोई गई थी। गेहूं की फसल में इस वक्त दूसरा व तीसरा पानी लगाया जा रहा है। क्षेत्र के कई गांवों में गेहूं की फसल की पत्तियां पीली पड़ने लगी है। इसे लेकर किसान परेशान हैं। किसान कहते हैं कि उन्होंने समय पर बिजाई की, पानी दिया उपयुक्त खाद डाला बावजूद इसके गेहूं के पत्ते पीले पड़ने से उनके होश उड़ गए हैं। किसानों को यह ¨चता सता रही है कि कहीं आगे चलकर यह रोग ज्यादा न फैल जाए।

पीली पत्ती को कम करने के उपाय

गेहूं में पीली पत्ती का रोग कोई रोग नहीं। बल्कि यह ¨जक की कमी के कारण पेड़ में पूरे पौष्टिक तत्व नहीं मिलने के कारण होता है। इसके लिए प्रति एकड़ में बुआई के समय दस किलो ¨जक डालनी चाहिए। वहीं फिलहाल आधा किलो ¨जक व ढाई किलो यूरिया का घोल को 100 लीटर पानी में डालकर पंप से गेहूं की फसल पर छिड़काव करना चाहिए। इससे पीली पत्ती का पीलापन खत्म हो जाएगा।

''मैने समय पर खाद बीज डाला। बावजूद इसके गेहूं की फसल में पीली पत्ती का रोग बढ़ता ही जा रहा है। इससे फसल को लेकर मुझे ¨चता है।''

-दिनेश शर्मा, किसान घर्रोट।

''गेहूं की फसल में कई खरपतवार दवाओं का छिड़काव किया। फिर भी पीली पत्ती का रोग खत्म नहीं हो रहा।''

-अलीशेर, किसान टोंका।

''हालांकि बुआई के समय मैने ¨जक का प्रयोग भी किया था, बावजूद फिर भी कई एकड़ में गेहूं की फसल पीली हो चली है।''

-इसराईल, किसान चिल्ली।

''पीली पत्ती का कोई रोग नहीं। यह ¨जक की कमी के कारण होता है। किसान को चाहिए कि वे पौधे को ¨जक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए। किसान कार्यालय में भी आकर सलाह ले सकता है।''

-डा. याकूब खां, कृषि विशेषज्ञ हथीन।

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गेहूं का पीलापन कैसे खत्म होगा?

इसके लिए किसानों को चाहिए कि गेहूं की फसल पर तीन प्रतिशत यूरिया और 0.5 प्रतिशत जिंक सल्फेट का स्प्रे करें। एक एकड़ के लिए छह किलो यूरिया और 1.0 किलो जिंक सल्फेट (33 प्रतिशत ) को 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। इससे फसल का पीलापन लगभग ठीक हो जाएगा।

गेहूं में पीलापन का क्या कारण है?

विशेषज्ञों की मानें तो गेहूं की फसल में पीलापन आने की वजह जिंक सल्फ़ेट है. अगर किसान अपने गेहूं की फसल में जिंक सल्फ़ेट का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो इसकी वजह से ऐसा हो सकता है. इसके साथ ही फसल में अगर इसका इस्तेमाल नहीं किया गया हो, तो फसल का विकास एक सामान नहीं होता है.

गेहूं में कौन सा जिंक डालना चाहिए?

उन्होंने बताया कि गेहूं फसल कि 45 दिन की अवस्था में फुटाव होने पर 500 ग्राम जिंक सल्फेट 21 प्रतिशत 2.5 किग्रा यूरिया को 100 लीटर पानी में मिला कर एक एकड़ में स्प्रे करें।

गेहूं में कौन सी दवा लेनी चाहिए?

इन खरपतवारों के कारण गेहूं की फसल में 30-45 प्रतिशत की हानि हो सकती है। इसलिए कृषकगण 2-4 डी सोडियम लवण 80 प्रतिशत डब्ल्यूपी 01 लीटर दवा 500-600 लीटर पानी में मिलाकर पहली सिंचाई के बाद स्प्रे करें।

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