आज हम आपको गंगा नदी कहां से निकलती है?, गंगा नदी कहाँ से शुरू और समाप्त होती है?, गंगा जी की उत्पत्ति कैसे हुई?, गंगा नदी भारत के किन-किन राज्यों में बहती है? , गंगा नदी कौन-कौन से शहरों से होकर गुजरती है?, गंगा नदी के कितने नाम हैं?, गंगा का संगम कहाँ है?, गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियां के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
गंगा नदी की जो प्रधान शाखा है उसे भागीरथ कहते हैं. जो कि गढ़वाल से हिमालय के गोमुख नामक स्थान पर गंगोत्री हिमनद या ग्लेशियर से निकलती है, गंगा के इस उद्गम स्थल की ऊँचाई 3140 मीटर है. यहां गंगा जी के लिए एक मंदिर बनाया गया है. जो कि गंगोत्री तीर्थ के नाम से जाना जाता है, यह शहर से 19 कि॰मी॰ उत्तर की ओर 3,892 मी॰ (12,770 फीट) की ऊँचाई पर इस हिमनद का मुख है.
गंगा नदी कहाँ से शुरू और समाप्त होती है?
गंगा का उद्गम स्थान गंगोत्री हिमनद उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है, जहां से भागीरथ नामक नदी का भी उद्गम हुआ है. जो कि आगे जाकर देवप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिल जाती है. जहां इन दोनों के संगम से गंगा का निर्माण होता है, यहीं से गंगा नदी बहती है, और आगे जाकर बंगाल की खाड़ी में शामिल हो जाती है.
गंगा जी की उत्पत्ति कैसे हुई?
जैसा कि हमने अभी आपको बताया, कि गंगा जी का उद्गम स्थल उत्तराखंड में है, परंतु शास्त्रों के अनुसार यह माना जाता है, कि गंगा नदी स्वर्ग की सबसे पवित्र नदी मानी जाती थी, और यह भागीरथ जी की घोर तपस्या के कारण गंगा जी को धरती में प्रवाहित होना पड़ा.
गंगा नदी भारत के किन-किन राज्यों में बहती है?
जैसा कि हमने अभी आपको बताया कि गंगा नदी का उद्गम स्थल उत्तराखंड में स्थित है वहां से निकलने के बाद यह कुल 4 राज्य उत्तर- प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं.
गंगा नदी कौन-कौन से शहरों से होकर गुजरती है?
गंगा नदी का उद्गम स्थल उत्तराखंड है वहां से निकलने के बाद यह कुल आठ पवित्र स्थानों से होते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं वह पवित्र स्थान देवप्रयाग, ऋषिकेश, हरिद्वार, कानपुर, प्रयाग, वाराणसी, गया, पटना, कोलकाता है.
गंगा नदी के कितने नाम हैं?
गंगोत्री से गंगा सागर तक गंगा नदी को लगभग 108 अलग- अलग नामों से जाना जाता है. गंगा जी के इन सभी 108 नामों का पुराणों में वर्णन किया गया है परंतु इनमें से 11 नाम में ऐसे हैं जिससे गंगा नदी को आज भी भारत में अलग-अलग इलाकों में जाना जाता है, जो कि निम्न रूप से नीचे दिए गए हैं.
- जान्हवी
- शिवाया
- पंडिता
- मुख्या
- हुगली
- उत्तर वाहिनी
- मंदाकिनी
- दुर्गाय
- त्रिपथगा
- भागीरथी
गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ
गंगा नदी की मुख्य सहायक नदियाँ यमुना, रामगंगा, सरयू, कोसी, गंटक, महानदी और सोन नदी मानी जाती हैं. साथ ही इस की दो महत्वपूर्ण उप सहायक नदियां भी हैं जिनका नाम चंबल और बेतवा है, जो कि गंगा नदी से मिलने से पहले यमुना नदी में ही मिल जाती हैं.पद्मा और ब्रह्मपुत्र बांग्लादेश में गंगा नदी में मिलती हैं और पद्मा अथवा गंगा के रूप में बहती रहती है.
गंगा का संगम कहाँ है?
ऐसा माना जाता है, कि प्रयागराज में त्रिवेणी का संगम होता है, त्रिवेणी का अर्थ तीन नदियों से है, जैसे कि गंगा यमुना और सरस्वती जहां यह तीनों नदियां आपस में मिलती है, उसको त्रिवेणी संगम का जाता है.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको गंगा नदी कहां से निकलती है?, गंगा नदी कहाँ से शुरू और समाप्त होती है?, गंगा जी की उत्पत्ति कैसे हुई?, गंगा नदी भारत के किन-किन राज्यों में बहती है? , गंगा नदी कौन-कौन से शहरों से होकर गुजरती है?, गंगा नदी के कितने नाम हैं?, गंगा का संगम कहाँ है?, गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियां की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
गंगा नदी को पूजनीय और पवित्र माना जाता है. गंगा, भारत और बांग्लादेश में मिलकर 2,510 किलोमीटर की दूरी तय करती है. यह सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है. कि भारत की चार सबसे लम्बी नदियों में गंगा नाम शामिल है. क्या आप जानते हैं की गंगा का उद्गम कहां से हुआ है, उस जगह को क्या कहते है, इसका क्या महत्व है इत्यादि के बारे में आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.
What is the origin of holy river Ganga?
भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है गंगा नदी. हम सब जानते हैं की यह उत्तर भारत के मैदानों की विशाल नदी है. इसको उत्तर भारत की अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड भी कहा गया है. क्या आप जानते हैं कि गंगा, भारत और बांग्लादेश में मिलकर 2,510 किलोमीटर की दूरी तय करती है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गंगा नदी का अन्ग्रेज़ीक्र्त नाम 'द गैंगिज़' है. यह शताब्दियों से हिन्दुओं की पवित्र तथा पूजनीय नदी रही है. यह विश्व के सबसे उपजाऊ और घनी आबादी वाले क्षेत्रों से होकर बहती है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि गंगा नदी का उद्गम कहां से हुआ है.
गंगा नदी का उद्गम कहां से होता है?
हम सब जानते हैं कि भारत की चार सबसे लम्बी नदियों में गंगा नाम शामिल है. ये चार नदियां हैं: सिंधु, ब्रह्मपुत्र, गंगा और गोदावरी. गंगा पानी निर्वाहन के आधार पर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी नदी है और इसको सबसे पवित्र माना जाता है. भागीरथी नदी, गंगा नदी की एक महत्व.पूर्ण सहायक नदी है, जो गोमुख स्थान से 25 कि.मी. लम्बे गंगोत्री हिमनद से निकलती है. यह स्थान उत्तराखण्ड राज्य में उत्तरकाशी जिले में है. यह समुद्रतल से 618 मीटर की ऊँचाई पर, ऋषिकेश से 70 किमी दूरी पर स्थित हैं.
यह एक हिमालय नदी है, जिसे हिंदुओं में पवित्र नदी माना जाता है. इस नदी का नाम प्राचीन राजा भागीरथी के नाम पर पड़ा. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भागीरथी के 60000 पूर्वज, ऋषि कपिला के शाप के कारण भस्मस हो गए थे, जिनकी मुक्ति के लिए गंगाजल का होना आवश्यवक था, इसीलिए भागीरथी ने कड़ी तपस्याम की और स्वजर्ग में भगवान ब्रह्मा के कमंडल में बैठी गंगा जी को धरती पर बुला लिया.
टिहरी बाँध, भागीरथी नदी पर बनाया गया है. भारत में ये बाँध, टेहरी विकास परियोजना का एक प्राथमिक बाँध है. यह उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी में स्थित है. टिहरी बाँध की ऊँचाई 261 मीटर है, जो इसे विश्व का पाँचवा सबसे ऊँचा बाँध बनाती है. इस बाँध से 2400 मेगा वाट विद्युत उत्पादन, 270,000 हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवँ उत्तराखण्ड को उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित किया गया है.
भागीरथी नदी, देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलकर गंगा का निर्माण करती है. इसी संगम स्थल के बाद से नदी को 'गंगा' के नाम से जाना जाता है.
गंगा हिमालय से यमुना, घाघरा, गंडक और कोसी नदियों जैसे कई नदियों से जुड़ती है. यमुना नदी यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है, लेकिन इलाहाबाद में गंगा नदी में शामिल हो जाती है. प्रायद्वीपीय उपनगरों से आने वाली मुख्य सहायक नदियां चंबल, बेतवा और सोन हैं.
अगर भाखड़ा नांगल बांध टूट जाए तो भारत पर इसका क्या असर पड़ेगा?
गंगोत्री हिमनद कहां पर स्थित है?
गंगोत्री हिमनद उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है, जहां से भागीरथी नदी निकलती है और देवप्रयाग में अलकनंदा से मिल जाती है. इस संगम के बाद गंगा का निर्माण होता है. यहां से गंगा नदी बहती है और बंगाल की खाड़ी में शामिल हो जाती है. गंगोत्री हिन्दुओं का एक तीर्थ स्थान है. यहां गंगा जी को समर्पित एक मंदिर भी है. लंबाई के आधार पर गंगा का भारत में तीसरा स्थान है.
हम आपको बता दें कि देवप्रयाग समुद्र की सतह से 830 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इसका सबसे निकटतम शहर ऋषिकेश है, जो यहाँ से 70 किलोमीटर दूर है. यह स्थान उत्तराखण्ड राज्य के पंच प्रयागों में से एक माना जाता है.
क्या आप जानते हैं कि देवप्रयाग नाम कैसे पड़ा. इसके पीछे भी प्राचीन कथा है. ये हम सब जानते हैं कि देवप्रयाग भगवान श्रीराम से जुड़ा तीर्थ है. प्राचीन कथा के अनुसार सत युग में देव शर्मा नामक एक ब्राह्मण ने यहां बड़ा कठोर तप किया, इससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उसे वरदान दिया कि यह स्थान कालान्तर में तुम्हारे नाम से प्रसिद्ध होगा. तभी से इसे 'देव प्रयाग' कहा जाने लगा.
उत्तर की और से गंगा में मिलने वाली सहायक नदियां: यमुना, रामगंगा, करनाली (घाघरा), ताप्ती, गंडक, कोसी.
दक्षिण की ओर से गंगा मिलने वाली सहायक नदियां: चम्बल, सोन, बेतवा, केन, दक्षिणी टोंस.
गंगा नदी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
- क्या आप जानते हैं कि गंगा नदी दुनिया की पांचवी सबसे दूषित नदी है.
- अन्य नदियों की तुलना में गंगा नदी में 25% ऑक्सीजन का लेवल ज्यादा है.
- कहा जाता है कि गंगा के पानी में बैक्टीरिया से लड़ने की विशेष शक्ति होती है.
- गंगा का पानी कभी सड़ता नहीं है.
- दिल्ली के रिसर्च सेंटर के एक विशेष शोध में पाया गया है कि गंगा के पानी में मच्छर पैदा नहीं हो सकते.
- ब्रिटिश की प्रयोगशाला में पाया गया कि अगर गंगा के पानी में बैक्टीरिया मिला दिया जाएं तो सारे बैक्टीरिया केवल 3 घंटे के अंदर मर जाते हैं.
- एक पर्यावरण अभियंता रुड़की के डीएस भार्गव विश्वविद्यालय ने अध्ययन किया और पाया कि गंगा दुनिया की एकमात्र नदी है जो पूरी दुनिया में अन्य नदियों की तुलना में कार्बनिक कचरे को 15 से 25 गुना तेज विघटित कर सकती है.
- गंगा डेल्टा नदियों के तलछट समृद्ध प्रवाह द्वारा गंगा और ब्रह्मपुत्र दुनिया में सबसे बड़ा नदी डेल्टा है, जो 59,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है.
- पिछले कुछ दशकों में हरिद्वार में गंगा अपने मूल पाठ्यक्रम से 500 मीटर तक स्थानांतरित हो गई है. बिहार में भी नदी के कुछ हिस्से 1990 से 2.5 किमी से अधिक स्थानांतरित हो गए हैं.
अब आपको ज्ञात हो गया होगा कि गंगा नदी की महत्वपूर्ण सहायक नदियों में से भागीरथी और अलकनंदा हैं. जब ये दोनों नदियां देवप्रयाग में मिलती हैं तो गंगा नदी का निर्माण होता है और ये स्थान देवप्रयाग संगम नाम से प्रसिद्ध है. इस तीर्थ स्थल की अपनी ही अहमियत है.