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गबन का संदेश जितनी चादर उतने ही पैर पसारो
भास्कर संवाददाता| नरसिंहगढ़
साहित्यिक संस्था महादेवी वर्मा पाठक मंच की साप्ताहिक साहित्य चर्चा की श्रृंखला रविवार को नेहरू वाचनालय में शुरू हुई।
पहली चर्चा का विषय था हिंदी के महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद का क्लासिक उपन्यास गबन। मंच के सदस्यों ने उपन्यास के पात्रों की चरित्रगत खूबियों-कमजोरियों, आदर्शवाद पर आधारित विषयवस्तु और रोचक घटनाक्रमों पर विस्तार से चर्चा की। सभी ने एक राय होकर माना कि गबन का मूल संदेश है कि इंसान को अपनी हैसियत के मुताबिक ही अपनी जरूरतों को पूरा करना चाहिए। उसका एक गलत कदम कई जिंदगियों को प्रभावित करता है।
उपन्यास के नायक-नायिका रमानाथ, जालपा के साथ रतन, देवीदीन, जौहरा, वकील साहब आदि पात्रों का विश्लेषण भी किया गया। चर्चा में शामिल होने वालों में डॉ मनींद्र रघुवंशी, बीके गुप्ता, विश्वास शर्मा, आबकारी निरीक्षक सौरभ कुमार , शाहिद सैफी, अनिल व्यास, प्रह्लाद शर्मा, डॉ अनीशबरण बसु शामिल थे। गोष्ठी में प्रफुल्ल तोवर, सुरेश नागर, जगदीश शास्त्री, विवेक ठाकुर, प्रणपाल सिंह खीची, दीपेंद्र शर्मा, मनीष पटेल, हरिओम यादव, संतोष शर्मा, प्रणपाल सोलंकी, विनोद वर्मा, गोविंदा खत्री भी शामिल हुए।
महादेवी वर्मा पाठक मंच की बैठक में सदस्यों ने प्रेमचंद के उपन्यास गबन पर चर्चा की।
अगली गोष्ठी निराला पर
दुर्गाष्टमी की वजह से अगले रविवार 9 अक्टूबर को साहित्यिक मंच की गोष्ठी नहीं होगी। अगली गोष्ठी 16 अक्टूबर को सुबह 10 बजे नेहरू वाचनालय में होगी। जिसका विषय महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की अमर रचना राम की शक्ति पूजा है।
नए सदस्यों ने भी की भागीदारी
गोष्ठी में आबकारी निरीक्षक सौरभ कुमार पहली बार शामिल हुए। उन्होंने
प्रेमचंद को मानवीय उच्च आदर्शों का पैरोकार बताया और उपन्यास की व्याख्या भी की। कहा कि ऐसे साहित्य से मैंने भी जीवन में आदर्शवाद की प्रेरणा ली है। युवा कवि हरिओम यादव ने गांधी-शास्त्री जयंती के मौके पर किसानों को समर्पित लिखी अपनी कविता के साथ सैनिकों को भी भावांजलि दी। इसके अलावा संतोष शर्मा और प्रह्लाद शर्मा ने भी अपनी कविताएं सुनाईं।
साहित्यिक चर्चा