फागुन की तेरस कितनी तारीख की है? - phaagun kee teras kitanee taareekh kee hai?

हिंदू पंचाग के अनुसार, 12 महीनों में पहला महीना चैत्र और आखिरी माह फाल्गुन होता है. फाल्गुन माह (Falgun Maas) को फागुन के नाम से भी जाता है. माना जाता है कि फाल्गुन हिंदू पंचांग (Hindu Calendar) का आखिरी महीना होता है. इस महीने के आखिरी दिन पूर्णिमा होती है, इसलिए इस मास का धार्मिक (Religious) और सांस्कृतिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है. इस वर्ष फाल्गुन मास 17 फरवरी (17th February) से प्रारंभ हो रहा है, जो कि 18 मार्च (18th March) तक रहेगा.

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इस पावन मास में दान (Daan) करने का विशेष महत्व है. कहते हैं कि इस माह में अपनी क्षमता के अनुसार, गरीबों या जरूरतमंदों को दान और पितरों के निमित्त तर्पण आदि अवश्य करना चाहिए. फाल्‍गुन मास में शुद्ध घी (Pure Ghee), तिल (Sesame), सरसों का तेल (Mustard Oil), मौसमी फल (Seasonal Fruits) आदि का दान अत्यंत ही पुण्य फल प्रदान करने वाला माना गया है.

फाल्गुन मास का धार्मिक महत्व | Falgun Maas Ka Dharmik Mahatva

कई बड़े तीज-त्योहार को अपने भीतर समेटे फाल्गुन मास (Falgun Month 2022) 17 फरवरी से प्रारंभ हो रहा है, जो कि 18 मार्च तक रहेगा. इस दौरान पूजा, जप, तप और दान का खास महत्व (Falgun Month Significance) होता है. पवित्र फाल्गुन मास में भगवान श्री हरि विष्णु (Lord Shri Hari Vishnu) के साथ-साथ भगवान शिव (Lord Shia) की साधना से जुड़े दो बड़े पर्व आते हैं, जिन्हें भक्त बड़े ही विधि-विधान और उमंग-उत्साह से मनाते हैं.

बता दें कि फाल्गुन शुक्ल एकादशी (Falgun Shukla Ekadashi) को भगवान श्री हरि विष्णु (Lord Vishnu) को प्रसन्न करने के लिए भक्त आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi Vrat) पर पूजा और व्रत करते हैं. इसी प्रकार फाल्गुन मास (Falgun Maas) में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का पर्व बड़े ही धूमधाम से मानाया जाता है. इस दौरान भोलेनाथ (Bholenath Ki Puja) की पूजा रात्रि के समय एक से चार बार तक और हर प्रहर में भी की जाती है.

फाल्गुन मास में दान का महत्व | Falgun Maas Mein Daan Ka Mahatv

इस पावन फाल्गुन मास (Falgun Maas) में दान (Daan) करने का विशेष महत्व है. कहते हैं कि इस माह में अपनी क्षमता के अनुसार, गरीबों या जरूरतमंदों को दान और पितरों के निमित्त तर्पण आदि अवश्य करना चाहिए. श्री हरि विष्णु, मत्स्य, ब्रह्म और नारद पुराण के मुताबिक, इसे मन्वादि तिथि भी कहा जाता है, यानि इस दिन दिया गया दान बहुत ही खास माना जाता है.

कहते हैं कि इस दिन किए गए दान से अक्षय पुण्य फल मिलता है, इसलिए इस दिन तीर्थ स्नान और श्रद्धा के मुताबिक अन्न, जल, स्वर्ण या कपड़े का दान देने की परंपरा है. फाल्‍गुन मास में शुद्ध घी, तिल, सरसों का तेल, मौसमी फल आदि का दान अत्यंत ही पुण्य फल प्रदान करने वाला माना गया है.

फाल्गुन मास के प्रमुख पर्व | Falgun Maas Mein Pramukh Parv

  • फाल्गुन मास के प्रमुख पर्व विजया एकादशी- 26 फरवरी 2022.
  • महाशिवरात्रि- 01 मार्च 2022.
  • फाल्गुन अमावस्या- 02 मार्च 2022.
  • फुलैरा दूज- 04 मार्च 2022.
  • आमलकी एकादशी- 14 मार्च 2022.
  • होलिका दहन- 17 मार्च 2022.
  • होली- 18 मार्च 2022.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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रिलिजन डेस्क. हिन्दू कैलेण्डर का आखिरी महीना फाल्गुन 20 फरवरी से शुरू हो गया है। इस महीने में महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े त्योहार मनाए जाते हैं। इस बार महाशिवरात्रि 4 मार्च को मनाई जाएगी। वहीं होलिका दहन 20 मार्च को होगा और 21 मार्च को होली खेली जाएगी। इसकी के साथ फाल्गुन महीना खत्म हो जाएगा और हिन्दू कैलेण्डर का पहला महीना चैत्र शुरू हो जाएगा। 

  • 14 मार्च से शुरू होगा होलाष्टक, वैवाहिक कार्याें पर रहेगा विराम 

आगामी 14 मार्च से होलाष्टक शुरू हो जाएगा। वहीं मीन संक्रांति होनेे के कारण यानी सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने से विवाह और अन्य मांगलिक काम नहीं किए जाएंगे। 20 मार्च को होलिका दहन के साथ होलाष्टक तो खत्म हो जाएगा लेकिन मीन संक्रांति के कारण 14 अप्रैल के बाद ही मांगलिक कामों की शुरुआत हो पाएगी। 

  • 12 मार्च तक है शादी के लग्न 

ज्योतिष गणना के अनुसार फरवरी-मार्च में 5 दिन विवाह के लग्न मुहूर्त हैं। इसी कड़ी में 21 फरवरी, 7, 8, 9 और 12 मार्च को विवाह मुहूर्त है। इस दौरान 8 मार्च को फुलेरा दूज होने कारण विवाह आदी मांगलिक कामों के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दिन बड़ी संख्या में शादी समारोह होंगे। कुछ विद्वानों के अनुसार इसमें सूर्य, गुरु आदि का बल देखने की आवश्यकता नहीं रहती, इसे स्वयंसिद्ध मुहूर्त कहा गया है। 

फागुन की तेरस कब है 2022 में?

बसंत का प्रभाव होने से इस महीने में प्रेम और रिश्तों में बेहतरी आती है. इस साल फाल्गुन मास 17 फरवरी 2022 से शुरु होकर 18 मार्च तक रहेगा.

फाल्गुन तेरस कब है?

हिन्दू कैलेण्डर का आखिरी महीना फाल्गुन 20 फरवरी से शुरू हो गया है। इस महीने में महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े त्योहार मनाए जाते हैं। इस बार महाशिवरात्रि 4 मार्च को मनाई जाएगी। वहीं होलिका दहन 20 मार्च को होगा और 21 मार्च को होली खेली जाएगी।

फागुन का पूर्णिमा कब है 2023?

मंगलवार, 07 मार्च 2023 फाल्गुन पूर्णिमा का दिन हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है।

फाल्गुन मास की पूर्णिमा व्रत कब है?

फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत Tuesday 7 मार्च, 2023 को रखा जाएगा।

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