Falgun Maas 2022: फाल्गुन माह वैदिक पंचांग का 12वां महीना है. धार्मिक रूप से इस महीने कई प्रमुख व्रत एवं त्योहार पड़ते हैं. फाल्गुन मास की शुरुआत 17 फरवरी यानि आज से हो चुकी है. इसका समापन 18 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा के दिन पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा. आइए जानते हैं इस महीने क्या करें क्या न करें और प्रमुख व्रत-त्योहार...
फाल्गुन में क्या करें क्या न करें
1-इस महीने में प्रयास करके शीतल या सामान्य जल से स्नान करें.
2- भोजन में अनाज का प्रयोग कम से कम करें, अधिक से अधिक फल खाएं.
3- कपड़े ज्यादा रंगीन और सुन्दर धारण करें. सुगंध का प्रयोग करें.
4- नियमित रूप से भगवान कृष्ण की उपासना करें. पूजा में फूलों का खूब प्रयोग करें.
5- इस महीने में नशीली चीज़ों और मांस-मछली के सेवन से परहेज करें.
फाल्गुन माह में व्रत-त्योहार
फाल्गुन मास में भगवान विष्णु और शिव दोनों की साधना से जुड़े दो प्रमुख पर्व हैं. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि का पर्व आता है. वहीं फाल्गुन शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु की आराधना का पर्व आमलकी एकादशी का व्रत आता है. फाल्गुन में ही चन्द्रमा का जन्म भी हुआ था, अतः इस महीने में चन्द्रमा की भी उपासना होती है. फाल्गुन में प्रेम और आध्यात्म का पर्व होली भी मनाई जाती है. इसी महीने में दक्षिण भारत में उत्तिर नामक मंदिरोत्सव भी मनाया जाता है.
कृष्ण की करें आराधना
फाल्गुन महीने में श्री कृष्ण की पूजा उपासना विशेष फलदायी होती है. इस महीने में बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण तीनों ही स्वरूपों की उपासना की जा सकती है. संतान के लिए बाल कृष्ण की पूजा करें. प्रेम और आनंद के लिए युवा कृष्ण की उपासना करें. ज्ञान और वैराग्य के लिए गुरु कृष्ण की उपासना करें.
एक वर्ष में बारह महीने होते हैं | प्रत्येक महीने का एक निश्चित नाम व निर्धारित कर्म होता है | आइए, अब हिंदी कैलेंडर के अनुसार महीनों के हिंदी नाम जानें | हिंदी कैलेंडर का पहला महीना चैत्र (अप्रैल) होता है | यानी हमारा नया साल अप्रैल माह से आरंभ होता है |
क्रमहिंदी महीनों के नाम1चैत्र / चैत 2वैशाख / बैसाख 3ज्येष्ठ / जेठ 4आषाढ़ / आसाढ़ 5श्रावण / सावन 6भाद्रपद / भादों7अश्विन / क्वार 8कार्तिक / कातिक 9मार्गशीर्ष 10पौष / पूस11माघ 12फाल्गुन / फागुन
इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार हिंदी महीने के नाम जाने साथ ही उस महीने में आने वाले त्यौहार भी जाने |
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हिंदू पंचाग का आखिरी महीना होता है फाल्गुन, इसके बाद हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। हिंदू पंचाग के अनुसार चैत्र पहला माह होता है और फाल्गुन आखिरी माह माना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष 1 फरवरी से लेकर 2 मार्च तक फाल्गुन माह रहेगा। इस माह में दो महत्वपूर्ण पर्व आते हैं जो हिंदू धर्म में अपना खास महत्व रखते हैं। महाशिवरात्रि, इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है और होली, इस दिन होलिका दहन किया जाता है और अगली सुबह रंगों से होली खेली जाती है। फाल्गुन माह में ही चंद्र देव का जन्म माना जाता है, इस कारण से फाल्गुन में चंद्र देव का पूजन शुभ माना जाता है। इस माह में ऋतु में बड़ा परिवर्तन हो रहा होता, बसंत ऋतु के समय नए फूल आ रहे होते हैं जो प्रकृति को खूबसूरत बनाते हैं।
फाल्गुन माह के व्रत और त्योहार-
जानकी जयंती- फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माता सीता जयंती के रुप में मनाया जाता है। इस दिन माता सीता का जन्म मानकर उनकी पूजा आराधना की जाती है।
विजया एकादशी- फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन एकादशी के व्रत का महत्व होता है और भगवान विष्णु को आराध्य मानकर पूजा जाता है। इस दिन व्रत करने की महत्वता है।
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महाशिवरात्रि- फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान भोलेनाथ की आराधना की जाती है, इस दिन लोग व्रत करके शिव-पार्वती का ब्याह रचाते हैं।
फाल्गुनी अमावस्या- इस दिन को धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, इस दिन लोग अपने पूर्वजों के लिए दान-तर्पण करते हैं। इस अमावस्या को श्राद्ध पूजन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
आमलकी एकादशी- फाल्गुन की शुक्ल एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है। इस उपवास को करना शुभ माना जाता है। सुख-समृद्धि और मोक्ष की कामना हेतु इस दिन उपवास करने का महत्व है।
होली- फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन होली का पर्व मनाया जाता है और होलिका पूजन करके शाम के समय दहन किया जाता है। होली दहन के अगले दिन रंगों से होली खेली जाती है। इस पर्व का एक अपना धार्मिक महत्व माना जाता है।