SBI Insurance Update: कोरोना वायरस महामारी (Corona Pandemic) के बाद से लोगों में इंश्योरेंस और मेडिक्लेम को लेकर जागरुकता ज्यादा बढ़ गई है. अब लोग जीवन की अस्थिरता में बीमा का महत्व अच्छे से समझने लगे हैं. इसके अलावा सरकार भी हर किसी तक इंश्योरेंस की सुविधा को पहुंचाने के लिए कम प्रीमियम वाली पॉलिसी लेकर आ रही है.
ज्यादा से ज्यादा लोगों को बीमा की सुविधा देने के लिए सरकारी स्कीम प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) आपको 4 लाख रुपए तक का कवरेज दे रही हैं. इसमें सबसे खास बात यह है इसके लिए आपको मात्र 342 रुपए निवेश करने होंगे. आइए इस ऑफर के बारे में हम आपको डिटेल में बताते हैं.
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मिलेगा 4 लाख रुपए तक का बंपर फायदा
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी दी और इन दो स्कीम के बारे में बताया. एसबीआई ने अपने ट्वीट में बताया कि 'अपनी जरूरत के मुताबिक बीमा कराएं और चिंता मुक्त जीवन जिएं. ऑटो डेबिट सुविधा के माध्यम से बचत बैंक खाते के खाताधारकों से प्रीमियम की कटौती की जाएगी. व्यक्ति केवल एक बचत बैंक खाते के माध्यम से योजना में शामिल होने के लिए पात्र होगा.'
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के फायदे
बता दें कि इस स्कीम के तहत दुर्घटना में बीमाधारक की मृत्यु होने पर या पूरी तरह से विकलांग हो जाने पर 2 लाख रुपए तक का मुआवजा मिलता है. इस स्कीम के तहत अगर पॉलिसीधारक आंशिक तौर पर स्थाई रूप से विकलांग हो जाए तो उसे 1 लाख रुपए का कवरेज मिलता है. इस योजना का सालाना प्रीमियम 12 रुपए है.
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) के फायदे
इस स्कीम में कोई व्यक्ति निवेश करता है, तो उसे कई फायदे मिलते हैं. अगर बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को 2 लाख रुपए मिलते हैं. 18-50 की उम्र के बीच का कोई भी शख्स इसका फायदा उठा सकता है. इस स्कीम में निवेश के लिए आपको सालाना 330 रुपए प्रीमियम देना है. बता दें कि ये दोनों ही टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी हैं. ये बीमा सालभर के लिए ही होता है.
1 जून से 31 मई तक के लिए इंश्योरेंस कवर
बता दें कि इन स्कीम के तहत 1 जून से 31 मई तक के लिए ही इंश्योरेंस कवर मिलता है. इसके लिऐ आपके पास बैंक अकाउंट होना जरूरी है. अगर बैंक अकाउंट बंद हो जाता है या प्रीमियम कटने के समय खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं होता तो आपका बीमा रद्द भी हो सकता है.
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सभी पॉलिसीधारकों को बोनस मिलता है कुछ ऐसी पॉलिसी भी होती हैं, जिन्हें विद-प्रॉफिट (With-Profit) पॉलिसी कहा जाता है। इस पॉलिसी में पॉलिसीधारक को 'गारंटीड एडिशन' (Guaranteed Addition) मिलता है। बोनस का मिलना पक्का नहीं होता है। यह कंपनी की इच्छा पर निर्भर करता है। इससे उलट गारंटीड एडिशन पक्का होता है। पॉलिसी खरीदने के वक्त ही पॉलिसीधारक को इसके बारे में बता दिया जाता है।
बोनस का मतलब
क्या है
आम तौर पर बीमा कंपनी का एसेट (Asset) उसकी लाइबिलिटी (Liability) से ज्यादा होता है। दरअसल, बीमा कंपनी प्रीमियम के रूप में मिलने वाले पैसे का निवेश कई तरह की सिक्योरिटी में करती है। इससे उसे इनकम होती है। साथ ही बीमा कंपनी को पॉलिसीधारकों के नॉमनी की तरफ से किए जाने वाले दावों का भुगतान करना पड़ता है। इसे बीमा कंपनी की लाइबिलिटी कहा जाता है। जब लाइबिलिटी के मुकाबले उसकी आय (मुनाफा) ज्यादा होती है तो उसे उसका ज्यादातर हिस्सा पॉलिसीधारकों को बांटना पड़ता है। इसे सरप्लस (Surplus)
कहा जाता है। कंपनी इस सरप्लस रकम को हर वित्त वर्ष के अंत में पॉलिसीधारकों को बांट देती है।
सभी पॉलिसीधारक (Policyholders) बोनस के हकदार नहीं होते हैं। आपको बोनस मिलेगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कौन सी पॉलिसी खरीदी है। एन्डॉमेंट (Endowment) या मनी-बैक प्लान 'पार्टसिपेटरी' (Participatory) या 'नॉन-पार्टसिपेटरी' (Non-participatory) हो सकता है। सिर्फ पार्टसिपेटरी प्लान पर बोनस मिलता है। नॉन-पार्टसिपेटरी प्लान पर बोनस नहीं मिलता है। यही वजह है कि पार्टसिपेटरी प्लान के मुकाबले नॉन-पार्टसिपेटरी प्लान का प्रीमियम कम होता है।
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कैसे होता है बोनस का कैलकुलेशन
बोनस
का ऐलान या तो प्रति 1000 रुपये की बीमित राशि (Sum Assured) पर किया जाता है या बीमित राशि के फीसदी के रूप में किया जाता है। उदाहरण के लिए कंपनी प्रति 1000 रुपये की बीमित राशि पर 40 रुपये के बोनस का एलान कर सकती है। इस तरह अगर पॉलिसी की बीमित राशि 1 लाख रुपये है तो बोनस 4,000 रुपये होगा। इस उदाहरण में अगर पॉलिसी की अवधि 10 साल है तो मैच्योरिटी पर बोनस की कुल रकम 40,000 रुपये होगी। अगर पॉलिसी की अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मौत हो जाती है तो नॉमिनी को बीमित राशि के साथ तब तक इकट्ठा हुआ बोनस दिया
जाता है।
कितने तरह के होते हैं बोनस
1. सिंपल रिवर्सनरी बोनस (Simple Reversionary Bonus)
ज्यादातर ट्रेडिशनल पॉलिसी में बोनस की रकम पॉलिसी में जुड़ती रहती है। यह सिलसिला पॉलिसी मैच्योर होने तक चलता रहता है। उपर्युक्त उदाहरण में 40,000 रुपये का बोनस सिंपल रिवर्सनरी बोनस का उदाहरण है।
2. कंपाउंड रिवर्सनरी बोनस (Compound Reversionary Bonus)
इसमें हर साल मिलने वाला बोनस बीमित राशि में जोड़ दिया जाता है। फिर, अगले साल का बोनस उस
बढ़ी हुई बीमित राशि पर दिया जाता है। इस तरह बोनस की रकम चक्रवृद्धि दर से बढ़ती है। इसे भी पॉलिसी मैच्योर होने या पॉलिसीधारक की मौत होने पर दिया जाता है।
3. अंतरिम बोनस (Interim Bonus)
बोनस का एलान वित्त वर्ष के अंत में होता है। लेकिन, अगर इस तिथि से पहले ही पॉलिसीधारक की मौत हो जाए या पॉलिसी मैच्योर हो जाए तो उस स्थिति में अंतरिम बोनस दिया जाता है। ऐसा पॉलिसीधारक को नुकसान से बचाने के लिए किया जाता है। इसकी रकम वित्त वर्ष की बाकी अवधि पर निर्भर करती है।
4.
टर्मिनल बोनस (Terminal Bonus)
यह बोनस तब दिया जाता है जब पॉलिसी मैच्योर हो जाती है या पॉलिसीधारक की मौत हो जाती है। यह सिर्फ एक बार दिया जाता है। पॉलिसी को पूरी अवधि तक चलाने के एवज में पॉलिसीधारक को यह बोनस दिया जाता है। यह बोनस पेड-अप वैल्यू या सरेंडर पॉलिसी के मामले में नहीं दिया जाता है।
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