एक प्रयोग द्वारा दर्शाइए कि प्रकाश संश्लेषण के लिए क्लोरोफिल आवश्यक है - ek prayog dvaara darshaie ki prakaash sanshleshan ke lie klorophil aavashyak hai

Q.60: सिद्ध कीजिए कि प्रकाश-संश्लेषण के लिए पर्णहरिम (Chlorophyll) आवश्यक है।

उत्तर : प्रकाश-संश्लेषण के लिए पर्णहरिम आवश्यक होता है, इसकी पुष्टि के लिए निम्नलिखित प्रयोग किया जाता है-


एक क्रोटन पौधे के गमले को 24-48 घंटे के लिए अंधकार में रख दिया जाता है। फिर एक निश्चित अवधि (समय) के पश्चात इसकी एक पत्ती को तोड़कर उसका स्टार्च परीक्षण आयोडीन से किया जाता है। निरीक्षण करने पर यह देखा जाता है कि पत्ती का वह स्थान जो हरा था, वह नीला हो गया और पीले भाग पर आयोडीन का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। प्रयोग द्वारा यह स्पष्ट हो जाता है कि हरे भाग में पर्णहरिम उपस्थित होता है जिससे वहां प्रकाश संश्लेषण द्वारा स्टार्च का निर्माण हुआ अन्य स्थानों पर नहीं। अत: इससे सिद्ध होता है कि प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के लिए क्लोरोफिल आवश्यक है।

प्रकाश संश्लेषण के लिए क्लोरोफिल आवश्यक है कैसे?

प्रयोग द्वारा यह स्पष्ट हो जाता है कि हरे भाग में पर्णहरिम उपस्थित होता है जिससे वहां प्रकाश संश्लेषण द्वारा स्टार्च का निर्माण हुआ अन्य स्थानों पर नहीं। अत: इससे सिद्ध होता है कि प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के लिए क्लोरोफिल आवश्यक है।

प्रकाश संश्लेषण के लिए क्या आवश्यक है?

प्रकाश संश्लेषण के लिए वायु से कार्बन डाइऑक्साइड, सूर्य का प्रकाश, और मिट्टी से खनिज लवण की आवश्यकता होती है। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के उपरांत ग्लूकोज जल और प्राण दायिनी ऑक्सीजन गैस प्राप्त होती है।

प्रकाश संश्लेषण के लिए क्या आवश्यक नहीं है?

प्रकाश संश्लेषण के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है। प्रकाश संश्लेषण के दौरान ऑक्सीजन मुक्त होती है। प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हरे पौधे सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करके भोजन का निर्माण करते हैं।

प्रकाश संश्लेषण में क्लोरोफिल की क्या भूमिका है?

क्लोरोफिल के अणु सूर्य के प्रकाशीय ऊर्जा को अवशोषित कर उसे रासायनिक ऊर्जा में रूपान्तरित करते हैं। सूर्य के प्रकाशीय ऊर्जा को अवशोषित करके क्लोरोफिल का अणु उत्तेजित हो जाते हैं। ये सक्रिय अणु जल के अणुओं को H+ तथा OH- आयन में विघटित कर देते हैं।

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