मैंने ड्राइवर से कहा घर चलो।
टैक्सी ड्राइवर
ट्रक ड्राइवर
ड्राइवर है
एलईडी ड्राइवर
ड्राइवर लाइसेंस
कैब ड्राइवर
मैंने ड्राइवर से पूछा,
डिवाइस ड्राइवर
प्रमुख ड्राइवर
उबर ड्राइवर
रेसिंग ड्राइवर
अब एक ड्राइवर है।
टैक्सी ड्राइवर
taxi driver
ट्रक ड्राइवर
truck drivertruck drivers
ड्राइवर है
driver
एलईडी ड्राइवर
LED driver
ड्राइवर लाइसेंस
driver's licensedriver licence
कैब ड्राइवर
cab driver
डिवाइस ड्राइवर
device driverdevice drivers
प्रमुख ड्राइवर
key driversmajor driver
उबर ड्राइवर
uber driveruber drivers
रेसिंग ड्राइवर
racing driver
सुरक्षित ड्राइवर
safe driver
प्रिंटर ड्राइवर
printer driverprinter drivers
नए ड्राइवर
new drivernew drivers
अच्छे ड्राइवर
good driver
एक ड्राइवर
one driver
बस ड्राइवर
bus driver
ड्राइवर सीट
driver seat
कार ड्राइवर
car driver
ड्राइवर हो
drivers
दो ड्राइवर
two drivers
डिवाइस ड्राइवर (Device driver) एक तरह का सॉफ्टवेयर होता है, जो कम्प्यूटर से जुड़े किसी हार्डवेयर को चलाने में सहायता करता है। इसे आम तौर पर उपकरण का चालक या उपकरण को चलाने वाला भी कहा जा सकता है। यह हार्डवेयर डिवाइस के लिए सॉफ्टवेयर इंटरफेस प्रदान करता है, और ऑपरेटिंग सिस्टम को बिना हार्डवेयर की जानकारी के ही उसके कार्यों तक पहुँचने और उसे नियंत्रित करने देता है।
जब कम्प्यूटर में कोई नया उपकरण (हार्डवेयर) जोड़ा जाता है, जैसे प्रिंटर, स्कैनर, आदि तो उसी में उनका ड्राइवर भी होता है। कुछ कम्प्यूटर में ड्राइवर पहले से स्थापित रहता है तो कुछ में बाद में हमें स्थापित करना पड़ता है। यदि डिवाइस को चलाने के लिए कम्प्यूटर में कोई ड्राइवर न हो तो वह कार्य नहीं कर पाता है और हमें उसके लिए ड्राइवर ढूंढ कर स्थापित करना पड़ता है।
इसका मुख्य उपयोग हार्डवेयर डिवाइस और एप्लिकेशन या ऑपरेटिंग सिस्टम के मध्य अनुवादक का कार्य करता है। किसी हार्डवेयर के लिए प्रोग्रामर को उच्च-स्तर में कोड लिखना होता है, जिससे वह ड्राइवर उस हार्डवेयर के साथ काम कर सके। उदाहरण के लिए प्रिंटर आपका हार्डवेयर है, जिसमें आपको कम्प्युटर के किसी फ़ाइल का प्रिंट निकालना है, तो आप कम्प्युटर को प्रिंट करने का निर्देश देंगे और कम्प्युटर द्वारा यह निर्देश डिवाइस ड्राइवर द्वारा प्रिंटर तक जाएगा और प्रिंटर आपके फ़ाइल का प्रिंट निकाल देगा।
डिवाइस ड्राइवर बनाने के लिए आपको गहराई से अध्ययन करना होगा कि किस तरह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर काम करते हैं। ड्राइवर को हार्डवेयर चलाने के लिए निम्न-स्तर का अधिकार चाहिए होता है। यह बहुत अधिक अधिकारों के साथ काम करते हैं, इस कारण कोई भी त्रुटि हो जाती है तो कुछ न कुछ परेशानी उत्पन्न हो ही जाती है। कई नए ऑपरेटिंग सिस्टम के सॉफ्टवेयर पूरे सिस्टम को प्रभावित करने से पहले ही रुक जाते हैं। अगर डिवाइस के प्रोग्राम को सही ढंग से तैयार नहीं किया जाये तो केवल उपयोग करने वाले मोड में भी यह पूरे सिस्टम को बंद कर सकता है। इन सभी के कारण इसकी समस्या का पता लगाना और ठीक करना बहुत ही कठिन और खतरनाक है।