चेक बाउंस होने के बाद क्या होता है?
भारत में चेक बाउंस होने को एक अपराध माना जाता है. चेक बाउंस नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 के मुताबिक चेक बाउंस होने की स्थिति में व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है. उसे 2 साल तक की जेल या चेक में भरी राशि का दोगुना जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है.
चेक कितने दिन में बाउंस हो सकता है?
भेजना होता है लीगल नोटिस
अगर चेक बाउंस हो जाता है तो सबसे पहले एक महीने के अंदर चेक जारी करने वाले को लीगल नोटिस भेजना होता है. इस नोटिस में कहा जाता है कि उसने जो चेक दिया था वो बाउंस हो गया. अब वह 15 दिन के भीतर चेक की राशि का भुगतान करे.
चेक रिटर्न होने पर क्या करना चाहिए?
Cheque Bounce होने की स्थिति में 30 दिन के अंदर देनदार को एक लीगल नोटिस भेजना होता है। इसके लिए किसी वकील की भी मदद ली जा सकती है। इसके बाद भी यदि चेक जारी करने वाला देनदार आपको पैसे नहीं देता है। तो आप नोटिस भेजने के 15 दिन बाद जिले के कोर्ट में किसी वकील की मदद से केस दर्ज करा सकते हैं।
चेक बाउंस हो गया तो भारत में क्या होगा?
चेक बाउंस होने का मामला अदालत में दायर किया जा सकता है और यह एक दंडनीय अपराध है जिसमें चेक की राशि से दोगुना जुर्माना या दो वर्ष तक का कारावास या दोनों सजा हो सकती है।