हम अपने Bishnoi Panth की बात करते है तो इसमें कई गोत्र है। जिनकी गणना की बात करे तो वो ३७०(370) है। बिश्नोई पंथ की सभी गोत्र जो जाम्भोजी भगवान द्वारा बिश्नोई बनी थी, वो आपको इस सूची में दी गई है :-
- अग्रवाल
- अभीर
- अडिंग
- अहीर
- अडोल
- अवतार
- अहोदिया
- अत्रि
- अतलि
- आंजणा
- आमरा
- आयस
- आसियां
- आनणा
- आखा
- अखिंड
- ईहराम
- ईसराम
- ईसारवा
- ईसरवाल
- ईनणिया
- ईयार
- ईडंग
- उत्कल
- उमराव
- ऊनिया
- ऐचरा
- ऐरण
- ऐरब
- ओऊ
- ओला
- ओदीया(अहोदिया)
- ओटिया
- ओरिया
- कडवासरा
- कुराडा
- कसवझ
- कांवा
- करीर
- कणेटा
- कसबी
- कबीरा
- कलवाणिया
- कलेडिया
- कमणिगारा
- करड
- कमेडिया
- कच्छ्वाया/कच्छ्याई
- कश्यप
- कलीराण(कल्याणा)
- काकड़
- कालडा
- कासणिया
- कामटा
- कांसल
- कांगड़ा
- किरवाला
- किकरं
- खदाब
- खडहड
- खेडी
- खोखर
- खाट
- खाती
- खावा
- खारा
- खिलेरी
- खिचड
- खुड्खुडिया
- खेरा
- खोखर
- खोत
- खोजा
- खोड
- गर्ग
- गावाल
- गायणा {भींवळ, बागड़िया{बांगड़वा}, चवाण, लटियाळ, गूजर{गूजर गौड़}, बावरा, अगरवाल, दंडक, तंवर, सींवर{सेंवर}, सोढा}
- गाट
- गीला
- गुरु
- गुजेला(उदावत)
- गुरुसर
- गुजर
- गुजर गौड़
- गुलेचा
- गुलेजा
- गुप्ता
- गुरुड़
- गुडल
- गेर
- गेहलोत
- गोदारा(सोनगरा,उदाणी,खिरंगिया,धोलिया,बनड,सिसोदिया,देवड़ा )
- गोरा
- गोयत
- गोयल (गोभिल,गोविल,गोहिल)
- गोगियां
- गौला
- गौड़
- घणघस
- घटियाल
- घांगु
- चंदेल
- चांगडा
- चैहान
- चौहान(चवाण)
- चमड़ा
- छीपा(दरजी)
- जंवर (जौहर)
- जांगू
- जाखड
- जायल
- जाजूदा
- जाला
- जाणी
- जांगड़ा
- जीवल
- झांस
- झांग
- झाझडा
- झाझण
- झाला
- झुरिया
- झोधकण (जोधकरण)
- झाडा
- झोरड
- टणडन
- टाडा
- टांडी(तांडी)
- टुसिया(टुहिया )
- टोकसिया
- ठकरवा
- ठोड
- डबोकिया
- डारा
- डागा
- डागर
- डिंगल
- डूडी
- डेहला
- डेलू
- ढाका
- ढहिया
- ढल {ढिल्लो, ढिल्लन,}
- तोड
- तरङ
- तंवर(तिंवर)
- थलवट
- थालोड
- थापण( गोदारा, वणियाळ, लोळ, माझू , बैरवाळ, पंवार, खोखर, टोकसिया, जाणी, तेतरवाळ)
- थोरी
- दडक(धडक)
- दरजी
- दासा
- दिलोहया (दुलोलिया)
- दुगसर
- देहडू
- दहिया
- देवड़ा (खेडेवाला)
- टोहरावाला
- लोढ़ा
- दोतड
- धतरवाल
- धधारी
- धारणिया
- धायल
- धामू
- धरिया
- धूमर
- नरूका
- नकोसिया
- नफरी
- नाडा
- नाईया
- नागर
- नाथ
- नाई
- निरबान
- निबिबागा
- नेहरा
- नैण
- परमार (पंवार ,पवार ,पुआर ,पुवार)
- पंवार (कुलडिया)
- पडियाल (पडिहार)
- पठान
- पराशर
- प्यारी
- पालाडिया
- पारस
- पाल
- पाटोदिया
- पारिक
- पिथरा
- पुरवार (पुरवाल,पोरवाल ,पैरवाल)
- पुड्या
- पुष्करणा (पोहकरण)
- पुनिया
- पोटलिया
- पंडवालिया (पवाडिया)
- फलावर
- बरड
- बदिता
- बड़ोला
- बडएड
- ब्रदाई
- बनगर
- बटेसर
- बलावत
- बेनीवाल (बेहानीवाल,बिणियाल)
- बेरवाल
- बळडिकिया
- बजाज
- बलोंइया
- बछियाल
- बलाई
- बड़ोला
- बसोयाल
- बंसल
- बदिया
- बल्हाकिया
- बरूडिया
- बाबल
- बाणीछू
- बागडिया
- बाजरिया
- बाटेडा
- बणिया(बनिया)
- बावरी
- बांगडवा
- बाना
- बाजिया
- बाडंग
- बासत
- बागेशु
- बाकेला
- बाघेला
- बनारवाल (अहीर)
- बिच्छू
- बिडासर
- बिलाद
- बिडाल
- बिडग
- बिडियारा
- बिडार
- बिलोनिया
- बिलोडिया
- बुडिया
- भवाल
- भट्ट
- भलुडिया
- भांबू (भाम्भू )
- भादू
- भरवार
- भोडर
- भाडेर
- भारद्वाज
- भिलुमिया
- भींचर
- भोजावत
- भोडिसर
- भोछा
- भूरटा
- भूरंट
- भुट्टा
- भूल
- भूश्रण
- मंडा
- मतवाला
- महिया (मईया)
- मल्ला
- मारत
- मांजू
- माल
- माचरा
- मलपूआ
- मालपुरा
- मालीवाल
- माहेश्वरी
- मातवा
- मांदु
- माई
- मांगलिया
- मिश्र
- मितल
- मील
- मीठातगा
- मुरटा
- मुंडेल
- मुदगिल
- मुरिया (मावरिया)
- मुंढ
- मेहला
- मेवदा
- मोहिल
- मोगा
- रशा
- रंगा
- रघुवंशी
- राड (राहड़)
- रायल
- राव
- रायत
- राठौड़
- राणोत
- रिणवा
- रूबाबल
- खोडा
- रोहज
- रोझा
- रोड
- लटियाल
- लरियाल
- लाम्बा
- लुदरिया
- लागी
- लोल
- लोहमरोड़
- लुहार
- वरा
- व्यास
- वरासर
- वासनेय
- वात्सल्य
- विलाला
- विसु
- सराक
- सरावक्
- सहू (साहू,सोहू)
- सदु
- सगर
- साईं
- सान्वक
- सारन
- साहरण
- सांखल (सागर)
- सारस्वत
- साबण (शाबण)
- सियाक (सियाग,सियाख,सिहाग)
- सिसोदिया
- सिंघल (सिंगल,सिंगला सिंहला)
- सेंवर(सिंवर)
- सियोल (सिंवल)
- सिवरखिया
- सिरडक
- सिरोडिया
- सिंधल
- सिरडिया
- सीलक
- सिगड़
- सुथार(खाती,जांगड़ा, बढ़ई,तरवान)
- सुनार
- सूर
- सांखला
- सेरडिया
- सेवदा
- सेहर (शेर)
- सेधो (सेथो)
- सेंगडा
- सोढा
- सोलंकी
- सोनक (सुनार)
- शांक
- शाह
- शाणडलय
- शिव
- श्रीमाली
- शिढोला
- हरडु
- हरीजा
- हाडा (उदावत,बलावत,भोजावत)
- हरिया
- हरिवासिया
- हुमडा
- हुड्डा
बिश्नोई की कास्ट क्या है?
कई मान्यताओं के अनुसार श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान विष्णु के अवतार माने गए है इनसे बना 'विष्णोई' शब्द कालातंर में परिवर्तित होकर विश्नोई या बिश्नोई हो गया। अधिकांश बिश्नोई जाट राजपूत जाति से बिश्नोई बने है।
बिश्नोई कौन से धर्म में आते हैं?
बिश्नोई भारत का एक हिन्दू सम्प्रदाय है जो जिसके अनुयायी राजस्थान आदि प्रदेशों में पाये जाते हैं। श्रीगुरु जम्भेश्वर जी पंवार को बिश्नोई पंथ का संस्थापक माना जाता है।
भारत में बिश्नोई समाज की जनसंख्या कितनी है?
भारत में इनकी कुल जनसंख्या 10 लाख के करीब है. यह मुख्य रूप से राजस्थान में पाए जाते हैं. हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और गुजरात में भी इनकी आबादी है. यह हिंदू धर्म का पालन करते हैं.
बिश्नोई का मतलब क्या होता है?
'बिश्नोई' दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है: बीस + नो अर्थात [(२९)] ; अर्थात जो उनतीस नियमों का पालन करता है।