बांस क्या है?
बांस जिसे बैम्बू भी कहते हैं घास के परिवार का सदस्य है और इसके पौधे बेहद कॉमन हैं, जिन्हें हम सभी ने कभी न कभी जरूर देखा होता है। ये देखने में किसी बड़ी लकड़ी या गन्ने जैसा होता है तो ज्यादातर जंगली इलाकों में पाया जाता है। बांस के पौधे का हर एक हिस्सा- बीज, जड़, पत्ती, कली या अंकुर- हमारी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है क्योंकि यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है। लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि लकड़ी जैसा दिखने वाला इस सख्त बांस को खाएंगे कैसे और यह बीमारियां दूर करने में हमारी मदद कैसे कर सकता है, तो इस बारे में ही हम आपको इस लेख में बता रहे हैं। आखिर बांस होता क्या है, इसके इस्तेमाल का तरीका क्या है और इसे खाने के फायदे-नुकसान क्या हो सकते हैं।
(और पढ़ें- बांस की चाय के फायदे और नुकसान)
बांस से जुड़े कुछ तथ्य
- वानस्पतिक नाम : बैम्बूसा वल्गरिस
- वैज्ञानिक नाम : बैम्बू सोडिया
- सामान्य नाम : बैम्बू या बांस
- अन्य नाम : बंसलोचन, वंसकपूर, बैम्बूसा अरुणडिनासिया, बनसमिथा
- वंश : पोएसी फैमिली (Poaceae)
- भौगोलिक विवरण : बांस की 1450 से भी ज्यादा वरायटी है और यह मुख्य रूप से एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में पाया जाता है। भारत की बात करें तो ऊत्तर पूर्वी राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्कम आदि के अलावा बंगाल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी बांस को उगाया जाता है। यह दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ने वाले पौधों में से एक है और एक दिन में करीब 60 सेंटीमीटर तक बढ़ने की क्षमता रखता है।
बांस (Bamboo) के आयुर्वेदिक गुण कमाल हैं। बांस की पत्ती, फूल, कोंपल, तना का प्रयोग कई रोगों में फायदेमंद हैं। आमतौर पर बांस मकान बनाने में प्रयोग होता है क्योंकि बांस सड़ता नहीं और नमी में भी सालों साल चलता है।
1) बांस की कोंपलों में काफी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है अतः इसे खाने से हड्डियाँ मजबूत होती है, बच्चों की लम्बाई भी बढ़ती है।
2) बांस के रस में अदरक का रस, शहद मिलाकर पीने से खांसी शांत होती है। बांस के फूल का 2-3 बूँद रस दिन में 3-4 बार कान में डालने से बहरेपन के रोगी को आराम मिलता है और धीरे धीरे सुनाई देने लगता है।
3) बांस की पतली टहनी से दातुन करने से दन्त-रोग, मुख की दुर्गन्ध, दांतों का दर्द दूर होते हैं।
हाइट बढ़ाने के लिए बांस का मुरब्बा खाने के फायदे | Bamboo Murabba Benefits in hindi – Bans ka Murabba for Height
4) बांस का मुरब्बा खाने से हाइट बढ़ती है। बढ़ते हुए बच्चों को बांस का मुरब्बा खिलाने से उनकी लंबाई अच्छी बढ़ती है, सही शारीरिक विकास होता है और दिमाग भी तेज होता है। अगर सही एक्सर्साइज़ करें व उचित डाइट लिया जाए और साथ में बांस का मुरब्बा खायें तो 21 की उम्र तक हाइट बढ़ने के चांस होते हैं।
5) बांस मुरब्बा खाने से पेट की पाचन संबंधी दिक्कतें ठीक होती है। इसके अलावा ये मोटापा घटाने में भी मदद करता है।
6) ये Bamboo Murabba खून साफ करता है, कोलेस्ट्रॉल कम करता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है। इसे डायबिटीज में भी खा सकते हैं। यह हार्ट के लिए भी अच्छा है।
7) बांस के मुरब्बे का सेवन कई तरह की ऐलर्जी से बचाता है और हैवी एक्सरसाइज़ के बाद होने वाली थकान को भी कम करता है। ये कैंसर से बचाव, पेट के कीड़े मारने में कारगर है और शरीर की (Immunity) रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
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Bamboo Murabba
Q: बांस का मुरब्बा कब खाना चाहिए
A: सुबह के समय खाली पेट खाना बेस्ट है। या फिर ऐसे टाइम खायें जब आपने 2-3 घंटे कुछ न खाया हो और इसे खाने के बाद 2-3 घंटे तक कुछ न खायें।
Q: बांस का मुरब्बा कैसे खाएं
A: कम से कम 1 या 2 चम्मच खायें यानि करीब 30-40 ग्राम। इसे खाली ही खाना होता है, इसके साथ कुछ और नहीं खाना है। मीठा ज्यादा लगे तो पानी से हल्का धोकर खायें।
Q: बांस का मुरब्बा कहाँ मिलेगा
A: किसी अचार, मुरब्बे की दुकान पर पता करें या आप ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से भी खरीद सकते हैं।
वंशोलोचन क्या है, वंशलोचन के फायदे | What is Banshlochan in hindi
8) पुराने और मोटी बांस की गांठो में सफ़ेद क्रिस्टल जैसा पदार्थ पाया जाता है, जिसे वंशलोचन (Bamboo Manna) कहा जाता है। शीतल प्रवृत्ति वाले इस पदार्थ के कई फायदे हैं। वंशलोचन का प्रयोग शरीर को बलवान, ह्रदय और पेट को मजबूत बनाता है.
9) वंशलोचन पेट के अल्सर, बालों बढ़ाने और मजबूत करने, खांसी-जुकाम, रक्त-विकार, Skin problem, Asthma, गठिया रोग में काफी असरकारक माना जाता है। वंशलोचन कई आयुर्वेदिक दवाओं जैसे कायाकल्प वटी, चन्द्रप्रभा वटी, सितोपलादि चूर्ण आदि बनाने में प्रयोग होता है.
10) बांस (Bamboo) के बने भोज्य पदार्थ जैसे बांस की सब्जी, बांस मुरब्बा, अचार खाने से वजन और कोलेस्ट्रोल घटता है, ब्लड शुगर काबू में रहता है।
पढ़ें> विटामिन डी की कमी से शरीर में कैल्शियम की कमी क्यों होती है
11) बांस की कच्ची शाखाओं (Bamboo shoots) व कोंपलों में प्रोटीन, विटामिन A, विटामिन E, विटामिन B6, कैल्शियम, पोषक तत्व और मैगनिशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, आयरन, पोटैशियम, फॉस्फोरस, सेलेनियम जैसे खनिज तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा बांस में 19 प्रकार के एमिनो एसिड्स पाए जाते हैं, जोकि सेहत के लिए लाभकारी होते हैं।
12) बांस की शाखाओं (Bamboo shoots) में फेनोलिक एसिड होता है जोकि एंटीओक्सिडेंट का कार्य करता है. माना जाता है कि बांस की इन नर्म शाखाओं में पाए जाने वाले Phytochemical कैंसर से बचाव करते हैं और हृदय की धमनियों को स्वस्थ रखते हैं.