भारत में खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता क्यों है कारण सहित विवरण दें? - bhaarat mein khanijon ke sanrakshan kee aavashyakata kyon hai kaaran sahit vivaran den?

हमें खनिजों के संरक्षण की क्यों आवश्यकता होती है?

हमें खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि उद्योग और कृषि दोनों ही खनिजों पर निर्भर करते है। खनिजों का प्रयोग लाखों वर्षों से होता रहा है। उन खनिजों का बहुत महत्व है जो कार्य योग्य होते है। खनिज निर्माण की भूगर्भिय प्रक्रियाएँ इतनी धीमी है कि उसके वर्तमान उपभोग की दर की तुलना में उनके पुनर्भरण की दर अपरिमित रूप से थोड़ी है। हमारे देश में मूल्वान खनिज पाए जाते है परन्तु कम समय के लिए। खनिज संसाधन सीमित तथा अनवीकरण योग्य है। अयस्क के निरंतर खनन से लागत बढ़ती है क्योंकि उत्खनन की गहराई बढ़ने के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता घटती जाती है।

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भारत में कोयले के वितरण का वर्णन कीजिए।

(i) भारत में कोयले दो मुख्य भू-गर्भीय युगों के शैल क्रम में पाया जाता है, एक गोंडवाना निक्षेप जिसकी आयु 200 लाख वर्ष से अधिक है और दूसरा टरशियरी निक्षेप जो लगभग 55 लाख वर्ष पुराने है।
(ii) गोंडवाना कोयला, जो धातु शोधन कोयला हैं, के प्रमुख संसाधन दामोदर घाटी, झरिया, रानीगंज, बोकारो में स्थित है ये महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्र है।
(iii) गोदावरी, महानदी, सोना और वर्धा नदी घाटियों में भी इस प्रकार के कोयले के जमाव पाये जाते है।
(iv) टरशरी कोयला के निक्षेप उत्तर-पूर्वी राज्यों मेघालय, असम, अरुणांचल प्रदेश और नागालैंड में पाए जाते है।
(v) कोयला शूल प्रदार्थ है जिसका प्रयोग करने पर इसका भार घटता है क्योंकि यह राख में परिवर्तित हो जाता है।

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झारखंड में स्थित कोडरमा निम्नलिखित में से किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है?

  • बॉक्साइट

  • अभ्रक

  • लौहा अयस्क

  • लौहा अयस्क

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निम्नलिखित चट्टानों में से किस चट्टान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण और संचयन होता है?

  • तलछटी चट्टानें

  • आग्नेय चट्टानें

  • कायांतरित चट्टानें

  • कायांतरित चट्टानें

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निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज अपक्षयित पदार्थ के अवशिष्ट भर को त्यागता हुआ चट्टानों के अपघटन से बनता है?

  • कोयला

  • बॉक्साइट

  • सोना

  • सोना

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मोनाजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज पाया जाता है?

  • खनिज तेल

  • यूरेनियम

  • थोरियम

  • थोरियम

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खनिजों के संरक्षण की कौन सी विधि सही है?

कुल मिलाकर लगभग 288 खनन पट्टे हैं जिनकी अवधि वर्ष 2020 में समाप्‍त होगी। इनमें से 59 कार्यरत पट्टे (लीज) हैं जिनके तहत प्रमुख खनिजों यथा लौह अयस्‍क, मैगनीज एवं क्रोमाइट अयस्‍क इत्‍यादि का व्‍यापक उत्‍पादन होता है।

भारत में कोयला खनिज के संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?

ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयला अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। कुल प्रयुक्त ऊर्जा का 35% से 40% भाग कोयलें से प्राप्त होता हैं। कोयले से अन्य दहनशील तथा उपयोगी पदार्थ भी प्राप्त किए जाते हैं। ऊर्जा के अन्य स्रोतों में पेट्रोलियम तथा उसके उत्पाद का नाम सर्वोपरि है।

खनिज संरक्षण क्या है?

ऐसे संसाधन जो उपयोग करने के लिए परोक्ष रूप से प्रकृति से प्राप्त होते हों, प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं, जिनमें वायु, पानी जो वर्षा, झीलों, नदियों और कुँओं द्वारा मृदा, भूमि, वन, जैवविविधता, खनिज, जीवाश्मीय ईंधन इत्यादि शामिल हैं। इस प्रकार प्राकृतिक संसाधन हमें पर्यावरण से प्राप्त होते हैं।

हमें खनिजों का संरक्षण की क्यों आवश्यकता है?

आपने पढ़ा है कि भू-पर्पटी ( पृथ्वी की ऊपरी परत ) विभिन्न खनिजों के योग से बनी चट्टानों से निर्मित है। इन खनिजों का उपयुक्त शोधन करके ही ये धातुएँ निकाली जाती हैं।

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