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देश भर में फसलों के त्योहार कब से कब तक मनाए जाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंअलग-अलग जनजातियाँ इसे अलग-अलग समय में मनाती हैं। संथाल लोग फरवरी-मार्च में, तो ओरांव लोग इसे मार्च-अप्रैल में मनाते हैं। आदिवासी आमतौर पर प्रकृति की पूजा करते हैं। सरहुल के दिन विशेष रूप ‘साल’ के पेड़ की पूजा की जाती है।
फसलों के त्योहार कब और क्यों मनाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंकृषि आधारित हर समाज या देश में फसल पकने और अनाज घर आने के उपलक्ष्य में कई तरह के पर्व मनाये जाते हैं। विभिन्न फसलों पर विभिन्न तरह के पर्व मनाये जाते हैं। किसान फसलों को अपनी मेहनत के साथ साथ प्रकृति का वरदान और उपहार भी मानता है। उसे लगता है कि प्रकृति ने उसकी मेहनत से प्रसन्न होकर फसल का उपहार उसे प्रदान किया है।
भारत में फसलों से जुड़े त्योहार कब मनाये जाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंमकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल और भोगाली बिहू, देश के विभिन्न राज्यों में इन त्योहारों को मनाने के पीछे का उद्देश्य सूर्य देवता का आभार प्रकट करना है, क्योंकि फसलों के पकने में सूर्य की भूमिका अहम होती है। लोहड़ी पौष माह के अंतिम दिन, सूर्यास्त के बाद माघ संक्रांति से पहली रात मनाया जाता है।
फसलों के त्यौहार कौन से महीने में मनाए जाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: यह प्राय: 12 या 13 जनवरी को पड़ता है। लोहड़ी के आस-पास ही 14 या 15 जनवरी को भारत के कई राज्यों में मकर संक्रांति या खिचड़ी और तमिलनाडु में पोंगल मनाया जाता है। इन त्योहारों का केवल कृषि और धार्मिक महत्व ही नहीं है, बल्कि इनका संबंध स्वास्थ्य से भी जुड़ा है।
भारत में फसलों से जुड़े कौन कौन से त्योहार मनाए जाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंपोंगल, बिहू, लोहड़ी, खिचड़ी, मकर संक्रांति जैसे त्योहार इस मौसम में तैयार होने वाली अच्छी फसल की खुशी में मनाए जाते हैं। फसल से जुड़े बाकी सारे त्योहारों की तरह ये त्योहार भी खाने के इर्द – गिर्द घूमते हैं।
त्योहार आने पर बच्चे खुश क्यों होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंत्यौहार, उत्सव आने पर सबसे पहले बच्चे इसलिए खुश होते हैं, क्योंकि त्यौहार उमंग एवं उत्साह तथा हर्षोल्लास का प्रतीक होते हैं। बच्चे उमंग एवं उत्साह से भरे होते हैं। त्यौहार उत्सव के माध्यम से उन्हें हंसने-खेलने, खिलखिलाने तथा खुशी मनाने का पूरा अवसर मिलता है।
फसलों के त्योहार कौन कौन से होते हैं?
भारत में मनाए जाने वाले फसल उत्सव ( त्योहार ) की पूरी सूची
- मकर संक्रांति
- वंगाला
- विषु
- लोहड़ी
- गुड़ी पड़वा
- बिहु त्योहार
- बैसाखी
- होली
फसलों का त्योहार कौन सा है?
त्योहार क्यों बनाए जाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंत्योहार क्यों मनाए जाते हैं? अगर नेक भाव से विवेक का उपयोग करें, तो त्योहार बनाने के पीछे ऊर्जावान बनाने का लक्षय हो सकता है। जब व्यक्ति सब तरफ से हार जाता है, तो थकान का खुमार निकालने के लिए त्योहार द्वारा आत्मशक्ति के साकार हेतु इसकी नींव डाली होगी।
त्योहार मनाने का क्या महत्व है?
इसे सुनेंरोकेंत्योहारों के अवसर पर दान देने, सत्कर्म करने की जो परंपरा है, उससे सामाजिक ताने-बाने को बनाए रखने में मदद मिलती है । ये त्योहार मनुष्य के जीवन को हर्षोल्लास से भर देते हैं । इन त्योहारों से उसके जीवन की नीरसता समाप्त होती है तथा उसमें एक नवीनता व सरसता का संचार होता है ।
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भारत में फसलों से संबंधित कौन कौन से त्योहार मनाए जाते हैं?
भारत में मनाए जाने वाले फसल उत्सव ( त्योहार ) की पूरी सूची
- मकर संक्रांति
- वंगाला
- विषु
- लोहड़ी
- गुड़ी पड़वा
- बिहु त्योहार
- बैसाखी
- होली
खेती और फसलों से जुड़े कौन कौन से त्योहार किन किन प्रांतों में मनाए जाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति या तिल संक्रांति, असम में बीहू, केरल में ओणम, तमिलनाडु में पोंगल, पंजाब में लोहड़ी, झारखंड मे सरहुल, गुजरात में पतंग का पर्व सभी खेती और फसलों से जुड़े त्योहार हैं।
भारत में फसलों से जुड़े त्योहार कब मनाये जाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंमकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल और भोगाली बिहू, देश के विभिन्न राज्यों में इन त्योहारों को मनाने के पीछे का उद्देश्य सूर्य देवता का आभार प्रकट करना है, क्योंकि फसलों के पकने में सूर्य की भूमिका अहम होती है। लोहड़ी पौष माह के अंतिम दिन, सूर्यास्त के बाद माघ संक्रांति से पहली रात मनाया जाता है।
निम्न में से कौन सा त्योहार झूम खेती से जुड़ा है?
इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार की स्थानांतरणशील कृषि को श्रीलंका में चेना, हिन्देसिया में लदांग और रोडेशिया में मिल्पा कहते हैं।
फसलों के त्योहार कौन से महीनों में मनाए जाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: यह प्राय: 12 या 13 जनवरी को पड़ता है। लोहड़ी के आस-पास ही 14 या 15 जनवरी को भारत के कई राज्यों में मकर संक्रांति या खिचड़ी और तमिलनाडु में पोंगल मनाया जाता है। इन त्योहारों का केवल कृषि और धार्मिक महत्व ही नहीं है, बल्कि इनका संबंध स्वास्थ्य से भी जुड़ा है।
फसलों के त्योहार क्यों मनाए जाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंकिसान फसलों को अपनी मेहनत के साथ साथ प्रकृति का वरदान और उपहार भी मानता है। उसे लगता है कि प्रकृति ने उसकी मेहनत से प्रसन्न होकर फसल का उपहार उसे प्रदान किया है। प्रकृति देवता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए हर फसल की पैदावार के बाद कोई न कोई पर्व मनाया जाता है।
गुजरात में फसलों के त्योहार को क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंयह प्रति वर्ष 14-15 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी तुलना नवान्न से की जा सकती है जो फसल की कटाई का उत्सव होता है (शस्योत्सव)। पोंगल का तमिल में अर्थ उफान या विप्लव होता है। पारम्परिक रूप से ये सम्पन्नता को समर्पित त्यौहार है जिसमें समृद्धि लाने के लिए वर्षा, धूप तथा खेतिहर मवेशियों की आराधना की जाती है।
फसलों के त्योहार कौन से महीने में मनाए जाते हैं?
छत्तीसगढ़ में झूम खेती कहाँ होती है?
इसे सुनेंरोकेंसूजरपुर जिले के रविन्द्रनगर में किसान परंपरागत खेती के अलावा फूल और सब्जियों की खेती बड़ी मात्रा में करते हैं यही कारण है कि यहां के किसान अब आर्थिक रूप से भी मजबूत हो रहे हैं और ये सब संभव हूआ है प्रदेश की सरकार के हार्टिकल्चर को सकारात्मक उर्जा प्रदान करने से।