भारत में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आयु सीमा क्या है? - bhaarat mein draiving laisens ke lie aayu seema kya hai?

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

फोर व्हीलर ड्राइविंग लाइसेंस 18 साल की उम्र के बाद बनता है और इसके लिए मैक्सिमम एज लिमिट नहीं होती है

four wheeler driving license 18 saal ki umr ke baad banta hai aur iske liye maximum age limit nahi hoti hai

फोर व्हीलर ड्राइविंग लाइसेंस 18 साल की उम्र के बाद बनता है और इसके लिए मैक्सिमम एज लिमिट न

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अगर आपकी उम्र 16 साल है और आप दो-पहिया गाड़ी चलाना चाहते हैं तो ये आपके लिए गुड न्यूज है. दरअसल केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की उम्र 18 साल से घटाकर 16 साल कर दी है. इसके लिए अधिसूचना भी जारी की गई है. जिसके मुताबिक 16 साल के लड़के-लड़कियां टू-व्हीलर ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकेंगे, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें लागू होंगी. क्या है ये शर्तें, जानने के लिए देखें ये वीडियो.

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अब प्रदेश में 16 साल की उम्र में ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन पाएंगे। परिवहन आयुक्त ने कहा है कि ये लाइसेंस 50 सीसी तक की गाड़ियों को चलाने के लिए वैध होते हैं, लेकिन ऐसी गाड़ियां अब नहीं बन रही हैं, इसलिए आदेश जारी किए जा रहे हैं कि ये लाइसेंस तब ही दिए जाएंगे जब खुद आवेदक को ऐसी गाड़ी लाकर आरटीओ में ट्रायल देकर टेस्ट पास करना होगा, साथ ही उन्हें बताना होगा कि लाइसेंस बनने पर वे ऐसी कौन सी गाड़ी चलाएंगे। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यह व्यवस्था लागू होने के बाद इस तरह के लाइसेंस ही नहीं बन पाएंगे।

उल्लेखनीय है कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 4 में मोटरयान चलाने के संबंध में आयु सीमा बताई गई है। इसके पहले नियम के मुताबिक कोई भी 18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर यान नहीं चलाएगा। हालांकि कोई भी युवा 16 वर्ष की आयु का होने पर लाइसेंस बनवाकर 50 सीसी से कम इंजन क्षमता का मोटरयान चला सकता है। इस नियम के मुताबिक पूरे देश में 16 साल की आयु के आवेदकों के लाइसेंस बनाए जाते हैं। इन्हें विदाउट गियर व्हीकल के लाइसेंस भी कहा जाता है। इसी नाम के कारण आरटीओ के अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी जानकारी के अभाव में स्कूटी और एक्टिवा जैसी गाड़ियों के लिए इस लाइसेंस को वैध समझते हैं। इसी कारण ऐसी ही गाड़ियों पर ट्रायल देने के बाद युवा लाइसेंस बनवा लेते हैं और ऐसी ही गाड़ियां चलाते भी हैं, जबकि ये गाड़ियां 100 सीसी से ज्यादा की होती हैं, जो नियमानुसार ऐसे आवेदक नहीं चला सकते हैं। नियमों की इन्हीं अनदेखी के कारण वर्ष 2002 से अब तक इंदौर आरटीओ से ही एक लाख से ज्यादा ऐसे लाइसेंस जारी हो चुके हैं।

गाजियाबाद. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) निर्देश पर परिवहन विभाग (Transport Department) ने ऑनलाइन (Online) प्रावधानों के तहत सारथी सॉफ्टवेयर (Sarathi parivahan software) में बड़ा बदलाव किया है. अब 40 साल के कम उम्र वालों को डीएल (Driving License) बनाने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट (Medical Certificate) को अपलोड करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश. राजस्थान, उत्तराखंड और झारखंड जैसे राज्यों ने 40 साल के कम उम्र वाले के लिए यह सुविधा अपने यहां शुरू कर दी है. फिलहाल यह सुविधा सिर्फ केवल 40 साल के कम उम्र वालों के लिए ही है. इस सुविधा के तहत 40 साल से कम उम्र वालों को अब मेडिकल सर्टिफिकेट की जगह सेल्फ डेक्लरेशन देना अनिवार्य होगा. आवेदक को सेल्फ डेक्लरेशन में बताना होगा कि वह किसी भी प्रकार की गाड़ी चलाने के लिए पूरी तरह से स्वस्थ हैं. वहीं, 40 से अधिक उम्र वालों के लिए अब भी मेडिकल सर्टिफिकेट अपलोड करना पहले की तरह अनिवार्य रहेगा. इसके साथ ही आपको रेन्यूअल के लिए भी मेडिकल सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा.

इस आयु वर्ग के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की आनिवार्यता हुई खत्म
बता दें कि ड्राइविंग लाइसेंस ऑनलाइन अप्लाई करने के दौरान आवेदक को जन्म प्रमाण पत्र, स्थानीय प्रमाण, आधार कार्ड के अलावा मेडिकल प्रमाण पत्र अपलोड करना होता था. अब परिवहन विभाग ने ऑनलाइन प्रावधानों के तहत सारथी सॉफ्टवेयर में बदलाव कर दिया है. जिसके बाद अब लाइसेंस बनवाने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट को अपलोड करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. यह सुविधा केवल 40 से कम उम्र वालों के लिए है.

अब परिवहन विभाग ने सारथी सॉफ्टवेयर को अपडेट कर इसे पूरी तरह से हटा दिया है.

सारथी पोर्टल पर यह सेवा अब शुरू
दरअसल पिछले दिनों केंद्र सरकार ने 40 से कम उम्र वालों के लिए लाइसेंस बनवाने में मेडिकल सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने का प्रवाधान हटा दिया था, पर इसे सारथी पॉर्टल पर लागू नहीं किया था. अब परिवहन विभाग ने सारथी सॉफ्टवेयर को अपडेट कर इसे पूरी तरह से हटा दिया है. वहीं, 40 से अधिक उम्र होने पर लाइसेंस के लिए अप्लाई करने या रेन्यूअल के लिए यह सर्टिफिकेट उपलब्ध होगा. जिसे डाउनलोड कर आपको डॉक्टर से अप्रूव करवाना होगा.

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केंद्र सरकार ड्राइविंग लाइसेंस और इससे जुड़ी 100 प्रतिशत सेवाओं को ऑनलाइन करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है. ट्रांसपोर्ट अथॉरिटीज की ज्यादातर सेवाएं अब ऑनलाइन शुरू की जा चुकी हैं. देश के हर आरटीओ के कामकाज को तकरीबन अब ऑनलाइन कर दिया गया है. परिवहन विभाग कोशिश कर रहा है कि लाइसेंस रिन्युअल, डुप्लीकेट लाइसेंस, एड्रेस चेंज और आरसी बनवाने के लिए लोगों को अब आना न पड़े. घर बैठे ही लोगों को ये डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने की सुविधा मिले. ऑनलाइन सिस्टम के बाद सिर्फ ड्राइविंग टेस्ट और फिटनेस के लिए ही लोगों को आरटीओ आना होगा.

भारत में ड्राइविंग लाइसेंस की अधिकतम आयु सीमा क्या है?

यह संशोधित ड्राफ्ट लागू होने के बाद जहां 21 साल की उम्र में कॉमर्शियल वाहन चलाने का लाइसेंस मिल जाएगा, वहीं 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस पांच साल के लिए ही मिलेगा।

भारत में लाइसेंस प्राप्त करने की आयु क्या है उत्तर 18 साल?

अब 16 से 18 साल के युवा भी दो पहिया वाहनों का ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवा सकेंगे। वर्तमान में 18 साल अथवा इससे अधिक उम्र के युवा ही डीएल बनवा सकते हैं।

सबसे बड़ा ड्राइविंग लाइसेंस कौन सा होता है?

परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस यह सबसे ज्यादा बनने वाला ड्राइविंग लाइसेंस है. लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के बाद परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकता है.

भारत का ड्राइविंग लाइसेंस कितने देशों में मान्य है?

अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन सहित दुनिया के 15 देशों में भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस (IDL) स्वीकार किए जाते हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका में अधिकांश राज्य आपको भारतीय डीएल के साथ किराए की कार चलाने की अनुमति देते हैं.

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