अर्जुनलाल सेठी | Arjunlal Sethi | अर्जुनलाल सेठी का जन्म 9 सितंबर 1880 में हुआ था. इनका जन्म जयपुर में हुआ था. सेठी जी की मृत्यु 22 दिसंबर 1941 ई. में हो गई थी. इनकी जन्मभूमि जयपुर राजस्थान थी. सेठी जी का पूरा नाम अर्जुनलाल सेठी था.
अर्जुनलाल सेठी | Arjunlal Sethi
अर्जुनलाल सेठी का जन्म 9 सितंबर 1880 में हुआ था. इनका जन्म जयपुर में हुआ था. सेठी की मृत्यु 22 दिसंबर 1941 ई. में हो गई थी. इनकी जन्मभूमि जयपुर राजस्थान थी. सेठी जी का पूरा नाम अर्जुनलाल सेठी था.
प्रारंभिक काल में अर्जुनलाल सेठी चौमू ठिकाने के कामदार नियुक्त हुए थे. किन्तु देशभक्ति की भावना के कारण अपने पद से त्याग पत्र दे दिया व सेठी ने जयपुर में सन 1905 ई. में “जैन शिक्षा प्रचारक समिति” की स्थापना की व उसके तत्वाधान में “वर्धमान विद्यालय”, “वर्धमान छात्रावास” व “वर्धमान पुस्तकालय” चलाए जो क्रांतिकारियों के प्रशिक्षण केंद्र थे.
यह भी देखे :- 1857 ई. की महान क्रांतिराजस्थान में स्वंत्रता आन्दोलन के प्रसिद्द स्वतंत्रता सेनानी व क्रांतिकारी अर्जुनलाल की जन्मभूमि जयपुर थी. अर्जुनलाल ने राजस्थान में सशस्त्र क्रांति व जनजागृति का अलख जगाया था.
तत्कालीन जयपुर महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय ने उन्हें राज्य का प्रधानमंत्री बनाने की पेशकश की थी, परन्तु राष्ट्रप्रेम के कारण उन्होंने यह कहते हुए इंकार दिया की “अर्जुनलाल नौकरी करेगा, तो अंग्रेजों को भारत से कौन निकालेगा”.
प्रताप सिंह बारहठ | Pratap Singh Barath
अर्जुनलाल सेठी FAQ
Q 1. अर्जुनलाल सेठी का जन्म कब हुआ था?
Ans अर्जुनलाल सेठी का जन्म 9 सितंबर 1880 में हुआ था.
Q 2. सेठी का जन्म कहाँ हुआ था?
Ans सेठी का जन्म जयपुर में हुआ था.
Q 3. सेठी जी की मृत्यु कब हुई थी?
Ans सेठी जी की मृत्यु 22 दिसंबर 1941 ई. में हो गई थी.
Q 4. सेठी जी की जन्मभूमि कहाँ थी
Ans सेठी जी की जन्मभूमि जयपुर राजस्थान थी.
Q 5. सेठी जी का पूरा नाम क्या था?
Ans सेठी जी का पूरा नाम अर्जुनलाल सेठी था.
Q 6. अर्जुनलाल सेठी प्रारंभिक काल में कहाँ के कामदार नियुक्त हुए
Ans अर्जुनलाल सेठी प्रारंभिक काल में चौमू ठिकाने के कामदार नियुक्त हुए थे.
Q 7. जैन शिक्षा प्रचारक समिति की कब स्थापना की गई थी?
Ans 1906 ई. में जैन शिक्षा प्रचारक समिति की स्थापना की गई थी.
Q 8. जैन शिक्षा प्रचारक समिति की स्थापना किसने की थी?
Ans जैन शिक्षा प्रचारक समिति की स्थापना सेठी जी ने की थी.
Q 9. सेठी के विद्यालय से कौन-कौन जुड़े थे?
Ans जोरावर सिंह, प्रताप सिंह, माणिकचन्द्र, मोतीचंद, विष्णुदत्त आदि क्रांतिकारी सेठी के विद्यालय से जुड़े थे.
Q 10. अजमेर में रहते हुए सेठी जी ने कौन-कौनसी पुस्तकें लिखी थी?
Ans अजमेर में रहते हुए सेठी जी ने ‘शुद्र मुक्ति’, ‘स्त्री मुक्ति’, ‘महेंद्र कुमार’ आदि पुस्तकें लिखी थी.
Q 11. क्या, सेठी हार्डिंग बम कांड, आरा हत्याकांड व काकोरी करवाई से सम्बद्ध थे?
Ans हाँ, सेठी हार्डिंग बम कांड, आरा हत्याकांड व काकोरी करवाई से सम्बद्ध थे.
Q 12. सेठी जी के तत्कालीन जयपुर महाराजा कौन थे?
Ans सेठी जी के तत्कालीन जयपुर महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय थे.
Q 13. किसने सेठी जी को प्रधानमंत्री बनाने के पेशकश की थी?
Ans जयपुर महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय ने सेठी जी को प्रधानमंत्री बनाने के पेशकश की थी.
Q 14. प्रधानमंत्री बनने की पेशकश करने पर सेठी जी ने क्या कहा था?
Ans सेठी जी ने प्रधानमंत्री बनने की पेशकश पर कहा था की – “अर्जुनलाल नौकरी करेगा, तो अंग्रेजों को भारत से कौन निकालेगा”.
Q 15. रास बिहारी बॉस ने राजस्थान में सशस्त्र क्रांति की जिम्मेदारी किसको दी थी?
Ans रास बिहारी बॉस ने राजस्थान में सशस्त्र क्रांति की जिम्मेदारी अर्जुनलाल सेठी को दी थी.
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अर्जुन लाल सेठी (1880-1941 ई.) – अर्जुनलाल सेठी का जन्म जयपुर में एक जैन परिवार में हुआ था। 1902 ई. में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.ए. करने के बाद उसने चौमू ठाकुर देवीसिंह के निजी सचिव के रूप में कार्य किया, किनतु शीघ्र ही उसने यह पद त्याग दिया। 1907 ई. में उसने अजमेर में जैन शिक्षा सोसाइटी स्थापित की, जिसे 1908 में जयपुर स्थानान्तरित कर दिया तथा एक वर्धमान विद्यालय और छात्रावास भी जयपुर में खोला। वह दक्षिण भारत भी गया और अपनी शिक्षा संस्था के संबंध में जानकारी दी। जयपुर का वर्धमान विद्यालय प्रत्यक्ष में तो एक धार्मिक विद्यालय ही था, लेकिन वास्तव में यहाँ क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता था। उनके शिष्यों ने धन प्राप्त करने के लिए बिहार में मिनाज स्थिर जैन उपासरे को लूटने की योजना बनायी। 20 मार्च, 1913 ई. को उपासरे के महन्त व उसके नौकर की हत्या कर दी गयी, किन्तु इस लूट में कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ।
23 दिसंबर, 1912 ई. को कङी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद भारत के वायसराय लॉर्ड हार्डिंग्ज पर बम फेंका गया। इस संबंध में 13 व्यक्ति गिरफ्तार किया गये। सरकारी गवाह अमीरचंद ने अदालत को बताया कि इस बम काण्ड की योजना अर्जुनलाल सेठी के मस्तिष्क की देन थी। अतः सेठी को गिरफ्तार कर लिया गया। सबूत के अभाव में उन पर कोई मुकदमा नहीं बना तब अँग्रेजों के कहने पर जयपुर महाराजा ने सेठी को सार्वजनिक शांति के लिये खतरा बताकर पाँच वर्ष तक जेल में बंद रखा। 1920 ई. में उन्हें रिहा कर दिया गया और कुछ वर्षों बाद वह काँग्रेस में शामिल हो गये, लेकिन 10-12 वर्षों के बाद वे काँग्रेस से अलग हो गये। अपनी दयनीय आर्थिक स्थिति के कारण वे अजमेर में ख्वाजा की दरगाह में मुस्लिम बच्चों को अरबी-फारसी पढाकर जीवनयापन करने लगे। 1941 ई. में यहीं उनका देहान्त हो गया, तब दरगाह के लोगों ने उन्हें मुसलमान समझकर दफना दिया।