अफीम छोड़ने के लिए आयुर्वेदिक दवा - apheem chhodane ke lie aayurvedik dava

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अफीम एक औषधीय पौधा है, जिसका इस्तेमाल दवाइयों को तैयार करने के लिए किया जाता है. वहीं, नशे के रूप में इसका इस्तेमाल करने से मतली, चक्कर आना, ब्लड प्रेशर कम होना व उल्टी जैसे नुकसान हो सकते हैं.

अफीम की लत को छुड़ाने के लिए जिनसेंग जैसी चीनी दवाइयां और तरल पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है. इस लत को छोड़ने के बाद शारीरिक व मानसिक रूप से काफी लाभ मिलता है.

आज इस लेख में अफीम के नुकसान, छोड़ने के उपाय और फायदे के बारे में विस्तार से जानेंगे -

(और पढ़ें - कोकीन से होने वाले नुकसान)

  1. अफीम क्या है?
  2. अफीम के नुकसान
  3. अफीम की लत छोड़ने के तरीके
  4. अफीम की लत छोड़ने के फायदे
  5. सारांश

अफीम क्या है?

अफीम एक प्रकार की औषधि है, जिसे खसखस यानी पोस्ता के कच्चे बीजों की फलियों से प्राप्त किया जाता है. यह पैपेवरेसी परिवार का पौधा है. इसे खसखस के बीज से हल्का काटकर निकाला जाता है, जो दूधिया लैटेक्स के रूप में बाहर निकालता है.

यह दूधिया लैटेक्स हवा के संपर्क में आने पर गोंद के रूप में बदल जाता है. इस कच्ची अफीम को पीसकर पाउडर के रूप में तैयार किया जाता है, जिससे आयुर्वेदिक दवाइयां तैयार की जाती हैं. वहीं, कुछ लोग इसका इस्तेमाल नशे के रूप में करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

अफीम के नुकसान

अफीम का सेवन दवाई के तौर पर करना ही फायदेमंद है. अगर इसे नशे के तौर पर लिया जाए, तो इससे कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं -

  • आंखों में धुंधलापन महसूस होना.
  • होंठ और नाखून नीले पड़ना.
  • सीने में दर्द या बेचैनी जैसा अनुभव होना.
  • ठंड लगना.
  • ठंड लगने के साथ-साथ पसीना आना.  
  • उलझन और बेहोशी जैसा महसूस होना. 
  • स्किन पर चिपचिपापन महसूस होना.
  • खांसी के साथ गुलाबी झागदार थूक निकलना.
  • डिप्रेशन से ग्रसित होना.
  • तेज-तेज सांस लेना.
  • सोने में कठिनाई. 
  • लेटने या बैठने के बाद अचानक उठने पर चक्कर आना या बेहोशी आना. 
  • दिल की धड़कन तेज होना.
  • सिरदर्द बने रहना. 
  • ज्यादा भूख लगना.
  • ब्लड प्रेशर अनियंत्रित रहना.

शरीर में अफीम का ओवरडोज होने से यह परेशानी उन लोगों में देखी जाती है, जो दवा के अलावा अलग-अलग रूप में अफीम का सेवन करते हैं. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

(और पढ़ें - नशे की लत कैसे छुड़ाएं)

अफीम की लत छोड़ने के तरीके

अफीम की लत को छोड़ना थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन असंभव नहीं. इसके लिए मजबूत इच्छा शक्ति को मन में रखते हुए इसे छोड़ने के लिए निम्न तरीकों को आजमाना चाहिए -

  • एकदम से अफीम को छोड़ना असंभव है, इसमें धीरे-धीरे करके कमी लानी चाहिए. बेहतर होगा कि शुरुआत में नशे की लत में ग्रस्त व्यक्ति को कभी अकेला न छोड़ा जाए. हमेशा परिवार का सदस्य उसके साथ रहे.
  • डॉक्टर की सलाह पर मेथाडोन, बूप्रेनोरफिन, क्लोनिडीन व नलट्रेक्सोन जैसी दवाओं का सेवन किया जा सकता है. जब तक डॉक्टर न कहें, इन दवाओं का सेवन बंद नहीं करना चाहिए.
  • ऐसी कई संस्थाएं व ग्रुप बने हुए हैं, जो किसी भी तरह के नशे की लत से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं. इन ग्रुप के साथ जुड़ने भी फायदा होता है.
  • बीच-बीच में काउंसलिंग करवाने से भी रोगी को फायदा होता है. इसके लिए रोगी को नियमित रूप से काउंसलर के पास लेकर जाने की जरूरत होती है. जरूरत महसूस होने पर काउंसलर एंटी-डिप्रेशन की दवा भी दे सकते हैं.
  • इसके अलावा, नियमित रूप से व्यायाम, योग, मेडिटेशन, स्वस्थ आहार व संतुलित जीवनशैली का पालन करने से भी लाभ होता है.

अफीम की लत छोड़ने के फायदे

अफीम की लत छोड़ने से शारीरिक और मानसिक रूप से काफी लाभ होता है. इससे व्यक्ति की आत्मनिर्भरता बढ़ती है. आइए, ऐसे ही कुछ अन्य फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

  • इच्छा शक्ति को मिलती है मजबूती.
  • मानसिक समस्याओं से दूरी.
  • चक्कर आना व मतली से राहत.
  • नींद न आने की समस्या से राहत.
  • ब्लड प्रेशर कंट्रोल.

(और पढ़ें - हाई बीपी के घरेलू उपाय)

सारांश

अफीम के इस्तेमाल से कई दवाइयां बनाई जाती हैं. यदि इसका सीधे सेवन किया जाए, तो चक्कर आना, उल्टी, घबराहट जैसी समस्याएं हो सकती हैं. अफीम की लत को छुड़ाने के लिए व्यक्ति को अपनी इच्छा शक्ति पर काबू पाने की जरूरत होती है. यदि परिवार में किसी सदस्य को अफीम की लत है, तो तुरंत एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए.

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अफीम की लत को कैसे छोड़े?

अफीम की लत छोड़ने के तरीके डॉक्टर की सलाह पर मेथाडोन, बूप्रेनोरफिन, क्लोनिडीन व नलट्रेक्सोन जैसी दवाओं का सेवन किया जा सकता है. जब तक डॉक्टर न कहें, इन दवाओं का सेवन बंद नहीं करना चाहिए. ऐसी कई संस्थाएं व ग्रुप बने हुए हैं, जो किसी भी तरह के नशे की लत से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं.

अफीम का नशा कितने दिन तक रहता है?

आप जानते हैं कि एक बार ड्रग्स लेने के बाद अधिकतम 14 दिनों तक इंसान के खून में ड्रग्स की मौजूदगी रहती है.

अफीम खाने से क्या होता है शरीर में?

अक्सर अफीम के सेवन से उत्पन्न कब्ज के कारण, यह हैजा, पेचिश और दस्त के लिए सबसे प्रभावी उपचारों में से एक था। कफ सप्रेसेंट के रूप में, अफीम का उपयोग ब्रोंकाइटिस, तपेदिक और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता था। अफीम को गठिया और अनिद्रा के लिए भी निर्धारित किया गया था।

अफीम से कौन कौन सी दवाई बनती है?

हेरोइन में मार्फिन भी होता है, जो मेडिकल क्षेत्र में पेनकिलर दवा के रूप में काम में लिया जाता है। अफीम और एसिटिक मिलाकर हेरोइन तैयार की जाती है। इसका केमिकल फार्मूला है डाई एसिटिल। हेरोइन शारीरिक और मानसिक क्षमता को कम कर देती है।

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