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कवि का अभी न होगा मेरा अंत कहने से क्या तात्पर्य है?
इसे सुनेंरोकेंध्वनि कविता का भावार्थ (suryakant tripathi nirala poem dhwani in hindi): ध्वनि कविता की इन पंक्तियों में कवि निराला जी कहते हैं कि मैं सोये हुए फूलों यानि निराश लोगों को जीवन जीने की कला सिखा दूँगा। फिर, वो कभी उदास नहीं होंगे और अपना जीवन सुख से व्यतीत कर पाएंगे।
अंत से कवि का क्या आशय है?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: ‘अभी न होगा मेरा अंत’ कवि ने ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि वे बताना चाहते हैं कि अभी अंत नहीं होने वाला है। अभी अभी तो वसंत का आगमन हुआ है जिससे उसका जीवन खुशियों से भर गया है। वह उमंग से भरा हुआ है।
हरे हरे यह बात में हरे हरे शब्द क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकविता के ‘हरे-हरे ये पात’ वाक्यांश में ‘हरे-हरे’ शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ ‘पात’ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है। ऐसा प्रयोग भी होता है जब कर्ता या विशेष्य एक वचन में हो और कर्म या क्रिया या विशेषण बहुवचन में; जैसे- वह लंबी-चौड़ी बातें करने लगा।
तंद्रालस लालसा खींच लूँगा की पंक्ति से क्या भाव है?
इसे सुनेंरोकेंपंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। वह उनको चुस्त, प्राणवान, आभावान व पुष्पित करना चाहता है। यहाँ कलियाँ आलस्य में पड़े युवकों को दर्शाती है| कवि नींद में पड़े युवकों को प्रेरित करके उनमें नए उत्कर्ष के स्वप्न से जगह देगा, उनका आलस्य दूर भगा देगा तथा उनमें नये उत्साह का संचार करना चाहता है।
प्रत्येक पुष्प से कवि क्या खींच लेगा?
इसे सुनेंरोकेंप्रत्येक पुष्प से कवि क्या खींच लेगा? Answer: (c) तन्द्रा में डूबे हुए आलस्य को खींच कर उसे सक्रिय कर देगा। प्रत्येक पुष्प का आलस्य दूर करने के बाद कवि क्या करेगा? Answer: (a) उसे नए जीवन के अमृत से भी सींच देगा ताकि उसमें नया जोश भर जाए।
हरे हरे ये पात में हरे हरे शब्द कौन सा विशेषण है?
इसे सुनेंरोकेंविशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में गात, वसंत और पात शब्द विशेष्य हैं, क्योंकि इनकी विशेषता (विशेषण) क्रमश: कोमल, मृदुल और हरे-हरे शब्द बता रहे है।
कवि के अनुसार हरे हरे पात क्या है?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: कवि के अनुसार हरे-हरे पात, डालियाँ, कलियाँ और कोमल गात उसके कोमल भाव हैं। उसके मन में नए भाव दूसरों को सुख प्रदान कर सकते हैं; उन्हें खुशियाँ दे सकते हैं। ‘प्रत्यूष मनोहर’ से तात्पर्य है-मन को जीत लेने वाला प्रभात।
नव जीवन का अमृत से क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: ‘नवजीवन का अमृत’ से अर्थ है कि कवि ने अपने उत्साह के माध्यम से फूलों, पत्तियों व कलियों में नवजीवन की कल्पना की है अर्थात् वह फूलों की उनींदी आँखों से आलस्य हटाकर उन्हें चुस्त व जागरूक करना चाहता है अर्थात् अपने-आपको प्रत्येक कार्य हेतु सक्रिय बनाना चाहता है।