आसियान की स्थापना कब की गई थी? - aasiyaan kee sthaapana kab kee gaee thee?

भारत में ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाओं में एक common सवाल आता है। वो है कि आसियान क्या है Aashiyan ki sthapna kab hui?

यानि आसियान से जुड़ी हुईं हर चीज। तो आज हम इसी बारे में बात करेगें । इससे पहले हम आसियान के बारे में विस्तृत बात करे।

पहले आसियान को जानते है एक नजर में।

aashiyan ki sthapnaअगस्त 1967, बैंकॉकआसियान में कुल देशों की संख्या10 देशaashiyan ka mukhyalayजकार्ता (इंडोनेशिया की राजधानी)आसियान का सबसे बडा देशइंडोनेशियाआसियान full formAssociation of South East Asian Nationsआसियान के कुल सम्मेलन39 सम्मेलन

तो ये थी आसियान के बारे में कुछ सामान्य जानकारी। अब हम आसियान के बारे में विस्तृत में बात करते है।

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1 आसियान का पूरा नाम क्या है

2 aashiyan ki sthapna kab hui – आसियान की स्थापना

3 आसियान क्या है – aashiyan kya hai

4 आसियान के सदस्य देश

4.1 आसियान देश कौन कौन से है

4.2 आसियान का मुख्यालय कहां है

5 आसियान देशों की राजधानी और मुद्रा

5.1 ASEAN+3

5.2 ASEAN+1

5.3 EAS (East Asia Summit)

5.4 RCEP ( Regional Compressensive Eco Partnership)

5.5 Asean Regional Forum

5.6 आसियान के तीन स्तंभ ( Asean three pillars)

5.6.1 Asean Political Security Community (APSC)

5.6.2 आसियान आर्थिक समुदाय (econimic community)

5.6.3 Socio – Cultural community

6 आसियान शिखर सम्मेलन list

6.1 भारत आसियान शिखर सम्मेलन 2022

6.2 आसियान के उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए

7 भारत आसियान व्यापार तथा आर्थिक संबंध

7.1 प्रथम चरण

7.2 दूसरा चरण

7.3 Look East Policy के परिणाम

7.4 Act with Asean

8 भारत को आसियान से क्या लाभ है

8.1 आसियान विजन 2020 क्या है

8.2 आसियान का झंडा कैसा है

8.3 आसियान के कार्य एंव भूमिका

9 आसियान देशों की भौगोलिक स्थिति क्या है

10 आसियान क्या है : FAQ

11 उपसंहार

आसियान का पूरा नाम क्या है

सबसे पहले आपको बताते है आसियान full form के बारे में। तो इंग्लिश में आसियान (ASEAN) को कहते है Association of South East Asian Nations

वहीं हिंदी में आसियान को कहते है दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का संगठन। हालांकि इसमें सभी दक्षिण एशियाई देश शामिल नही है।

पूर्वी तिमोर एकमात्र ऐसा देश है जो दक्षिण पूर्वी एशिया में तो है। लेकिन वो आसियान कंट्री का हिस्सा नही है।

यह देश वर्ष 2002 में एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था। इस पर इंडोनेशिया का कब्जा था।

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aashiyan ki sthapna kab hui – आसियान की स्थापना

आसियान की स्थापना अगस्त 1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में हुई थीं।

बैंकोक घोषणापत्र के तहत इसकी स्थापना हुई थीं।

आसियान क्या है – aashiyan kya hai

ये तो आपको पता ही है की आसियान में दक्षिण पूर्वी एशियाई देश आते है जिन्होने यह संगठन बनाया था।

लेकिन आपको बता दे आसियान में सभी देश वो है जिन पर कभी ब्रिटेन और जापान का राज़ हुआ करता था। यानि आसियान देश पहले जापान और ब्रिटेन की कॉलोनी हुआ करती थीं।

आसियान को इसलिए बनाया गया ताकि दक्षिण पूर्वी एशिया के देश स्टैंडर्ड ऑफ लाइफ को उठा सकें। आर्थिक रूप से मजबूत हो सके।

वहीं आसियान बनाने का एक मुख्य लक्ष्य ये भी था कि आपस के सभी देशों में culture का आदान प्रदान बेहतर हो सके।

जिससे सभी आसियान देशों के मध्य अच्छे संबंध स्थापित हो सके और ये देश तरक्की कर सके।

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आसियान के सदस्य देश

अब बात करते है की आसियान में कितने देश है? इस समय आसियान देशों की कुल संख्या 10 है।

लेकिन जब अगस्त 1967 में यह संगठन बना था। तब आसियान के संस्थापक देशों की संख्या 5 थीं। जिन्होने मिलकर आसियान की स्थापना की थी।

इंडोनेशिया , सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया और फिलिपींस आसियान के संस्थापक देश है।

आसियान देश कौन कौन से है

अब बात करते हैं आसियान देश के नाम की। तो आसियान के दस सदस्य देश इस प्रकार है।

  • इंडोनेशिया
  • थाईलैंड
  • मलेशिया
  • सिंगापुर
  • फिलिपींस
  • म्यांमार
  • ब्रूनेई
  • कंबोडिया
  • लाओस
  • वियतनाम
  • 1984 में ब्रुनेई इसका सदस्य बना
  • वियतनाम और लाओस को 1995 में आसियान देशों की सदस्यता दी गई।
  • म्यांमार को 1997 में इसकी सदस्यता दी गई।
  • कंबोडिया आसियान का सदस्य 1999 में बना।

शुरु में म्यांमार और लाओस को आसियान में शामिल करने को लेकर एक राय नहीं बनी।

इसकी वजह थी इन दोनो देशों में सैन्य शासन था। जिस वजह से आसियान के बाकी देश इन्हें सदस्यता देने से हिचक रहे थे।

आसियान का मुख्यालय कहां है

आसियान का मुख्यालय (headquarter) इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है।

यहीं से आसियान ऑपरेट करता है।

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आसियान देशों की राजधानी और मुद्रा

देशराजधानीमुद्राइंडोनेशियाजकार्ताइंडोनेसियन रुपयाफिलीपींसमनीलाफिलिपीन पैसोंसिंगापुरसिंगापुर सिटीसिंगापुर डॉलरथाईलैंडबैंकॉकबहतमलेशियाकुआलालंपुरमलेशियाई रिंग्गीतलाओसवियनतियानेलाओ कीपब्रुनेईबंदर सेरी बेगवानब्रुनेई डॉलरवियतनामहनोईदोंगम्यांमारनाएप्यीडॉक्यातकंबोडियानामपेन्हकम्बोडियन रीएल

ASEAN+3

आसियान के दस देश as a यूनिट 3 देशों से बात करते है| वो तीन देश है चीन, जापान, और दक्षिण कोरिया। जब ये दस देश और तीन देश आपस में मीटिंग करते है तो इसे ASEAN+3 कहते है।

ASEAN+1

आसियान के सभी देश भारत से अलग से बातचीत करते है इसी को ASEAN+1 कहते है। आगे हम आपको बताएँगे भारत आसियान व्यापार तथा आर्थिक संबंधो के बारे में।

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EAS (East Asia Summit)

यह भी आसियान का ही भाग है। हिंदी में इसे हम पूर्वी एशिया सम्मेलन भी कहते है। पहली बार यह सम्मेलन वर्ष 2005 में हुआ।

EAS हमेशा आसियान सम्मेलन के साथ होता है। इसमें दस आसियान कंट्री के अलावा और भी countries भाग लेती है।

जिसमें दक्षिण कोरिया, जापान, चीन, भारत, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल है।

कुल मिलाकर 18 देश EAS के सम्मेलन में भाग लेते है। बिहार में जो आधुनिक नालंदा यूनिवर्सिटी बन रही है वो EAS के तहत ही बनाई जा रही है।

RCEP ( Regional Compressensive Eco Partnership)

आसियान के दस देश और एशिया प्रशांत के छह देश (भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और चीन) के बीच प्रस्तावित व्यापक व्यापार समझौता।

Aashiyan के 33वे सम्मेलन में लगभग इस पर असहमति बनी। अगर यह समझौता होता है आसियान दुनिया का सबसे बडा आर्थिक समूह बन जाएगा।

Asean Regional Forum

आसियान रीजनल फोरम को हम (ARF) के नाम से भी जानते है। ARF को 1994 में स्थापित किया गया था। इसमें कुल 27 देश है।

जिसमें से 10 आसियान देश है और बाकी और 17 देश है। जिनमे यूरोपीयन यूनियन, अमेरिका, भारत और आस्ट्रेलिया भी शामिल है।

आस्ट्रेलिया ARF के founding member में से एक है। एआरएफ क्षेत्रीय सुरक्षा और indo-Pacific रीजन में समरसता की बात करता है।

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आसियान के तीन स्तंभ ( Asean three pillars)

आसियान क्या है ये आप अच्छी तरह समझ गए होंगे। लेकिन इसके अलावा भी आसियान के तीन ऐसे भाग कहे या स्तंभ कहे जिन पर वो खड़ा है।

तो आइए उनको भी जानते है ।

Asean Political Security Community (APSC)

यह ग्रुप स्थापित करने का लक्ष्य था कि आसियान क्षेत्र में सभी देश शान्ति से रहे और अपने राजनैतिक सुरक्षा से जुड़े विवादो को शांति से सुलझाए।

इसमें सभी आसियान देशों की यह जिम्मेदारी है कि वह शांति, सुरक्षा का वातावरण बनाएं रखने में सहयोग करे।

आसियान आर्थिक समुदाय (econimic community)

यह समुदाय आसियान देशों के बीच single market और product की बात करता है। जैसे यूरोपीयन यूनियन में कोई भी आर्थिक बाधा नहीं है।

वैसे भी आसियान भी इस पर जोर देता है कि आपस व्यापार सुगम तरीके से हो सके और कोई भी आर्थिक बाधा ना उत्पन्न हो ।

आसियान देशों की market size कुल मिलाकर 2.3 ट्रिलियन डॉलर है। ऐसे में economic community को इसलिए भी स्थापित किया गया है।

ताकि आर्थिक मामलों को आसानी से और शांतिपूर्ण तरीके से निपटाया जा सके।

Socio – Cultural community

यह समुदाय आसियान countries के नागरिकों की पूरी क्षमता को साकार करने के बारे में है।

इसमें जो आसियान देश है वो cultural and arts, Education, youth, sports, social welfare, gender rights, labour से जुडे मामलों पर सहयोग करते है।

नागरिकों की human social development कैसे बढ़ाई जाए, जॉब्स कैसे दी जाए उस पर इसमें चर्चा होती है।

आसियान शिखर सम्मेलन list

अब बात करते है आसियान के शिखर सम्मेलन की। जैसा कि आपको ऊपर बताया था कि अब तक इसके कुल 39 सम्मेलन हो चुके है।

लेकिन आपको अवगत करा दे की आसियान का पहला सम्मेलन 1976 में इंडोनेशिया के बाली में हुआ था। आसियान बनने के 9 साल बाद इसका पहला सम्मेलन हुआ था।

अब विगत वार देखते है आसियान सम्मेलन की सूची

सम्मेलनदेशपहला सम्मेलनइंडोनेशिया (1976)2nd Summitमलेशिया (1977)3rd सम्मेलनफिलिपींस (1987)4th Summitसिंगापुर (1992)5th सम्मेलनथाईलैंड (1995)6th Summitवियतनाम (1998)7th सम्मेलनब्रुनेई (2001)8th summitकंबोडिया (2002)9th सम्मेलनइंडोनेशिया (2003)10th summitलाओस (2004)11th सम्मेलनमलेशिया (2005)12th summitफिलिपींस (2007)13th सम्मेलनसिंगापुर (2007)14th summit
15th summitथाईलैंड (2009)16th सम्मेलन
17th सम्मेलनवियतनाम (2010)18th summit
19th summitइंडोनेशिया (2011)20th सम्मेलन
21th सम्मेलनकंबोडिया (2012)22th summit
23th summitब्रुनेई 2013)24th सम्मेलन
25th सम्मेलनम्यांमार (2014)26th summit
27th summitमलेशिया (2015)28th सम्मेलन
29th सम्मेलनलाओस (2016)30th summit
31st summitफिलीपींस (2017)32nd सम्मेलन
33rd सम्मेलनसिंगापुर (2018)34th summit
35th summit
थाईलैंड (2019)36th सम्मेलन
37th सम्मेलनवियतनाम (2020, वर्चुअल)38th summit
39th summitकंबोडिया 2021, वर्चुअल)

आपको बता दे 11वे शिखर सम्मेलन के बाद से आसियान की बैठक वर्ष में दो बार होने लगी। आसियान शिखर सम्मेलन kya hai ये आप समझ गए होगें।

आपको बता दे 2022 के नवंबर में आसियान का सम्मेलन होगा। यह सम्मेलन कंबोडिया में होगा। इसकी थीम है stronger together

भारत आसियान शिखर सम्मेलन 2022

भारत और आसियान का शिखर सम्मेलन 2022 में जून के महीने में हुआ था। जिसमें भारत की ओर से एस जयशंकर ने भाग लिया था।

इस सम्मेलन को asean+1 भी कहा जाता है। जिसके बारे में हमने आपको ऊपर आर्टिकल में बताया है।

आसियान के उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए

आसियान के इस समय निम्नलिखित उद्देश्य है।

  • आसियान connectivity पर मास्टर प्लान (2025) यानि देशों के बीच बेहतर infrastructure का निर्माण करना या उन्हें विकसित करना।
  • आसियान work plan on education शिक्षा के क्षेत्र में आसियान को ऊपर उठाना।
  • दक्षिण चीन सागर में आपसी परस्पर सहयोग।
  • आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त अभियान।

भारत आसियान व्यापार तथा आर्थिक संबंध

अब बात करते है भारत और आसियान के संबंध की तथा उनके आर्थिक उत्थान की। तो यहां हम भारत आसियान के संबंधों को दो चरणों में बाटेंगे।

प्रथम चरण

यहां हम बात करेगें 1967 से लेकर 1990 तक की। यानि जब आसियान बना और जब शीत युद्ध खत्म हुआ। इस अवधि में भारत और आसियान के संबंध इतने विशेष नही रहे।

इसका कारण था cold war (शीत युद्ध) क्योंकि दुनिया उस समय दो हिस्सो मे बंटी हुई थीं। एक खेमा USA का था वहीं दूसरा खेमा सोवियत संघ का था।

भारत और आसियान वैसे तो गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य थे। लेकिन वास्तव में भारत का झुकाव सोवियत संघ की तरफ था। वहीं आसियान का झुकाव USA की तरफ था।

आसियान को पूरी तरह अपने पक्ष में करने के लिए USA ने SEATO नामक संगठन भी बनाया जिसमें आसियान के देशों को सम्मिलित किया गया।

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दूसरा चरण

1990 के बाद जब शीत युद्ध खत्म हो गया तो भारत का झुकाव आसियान की तरफ होने लगा। ये वो समय था जब पूरी दुनिया globalization की तरफ अग्रसर थीं।

वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था भी दुनिया के बाकी देशों के लिए खोली जा रही थीं। आसियान उस समय एशियन टाइगर बन गया था।

क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था लगातार मज़बूत हो रही थीं। आर्थिक संकट से मुकाबला करने के लिए भारत ने look east policy अपनाई।

Look East Policy के परिणाम

हिंदी में इस पॉलिसी को कहते है पूर्व की ओर देखो। भारत ने यह पॉलिसी 1990 के दशक में अपनाई। क्योंकि भारत इसके जरिए पूर्वी एशियाई देशों को साधना चाहता था।

शुरु में आसियान ने भारत को महत्व नही दिया। लेकिन जब भारत लगातार इस पॉलिसी पर कायम रहा तब जाकर इसका एक परिणाम आया।

1992 में आसियान ने भारत को वार्ताकार का दर्जा दिया। इसका सीधा सा मतलब था कि जब भी आसियान का सम्मेलन होता था तब ही भारत को dialogue partner के रूप में बुलाया जाता था।

भारत आसियान संबंधों की शुरुआत 1992 से ही होती है। 1996 में आसियान ने भारत को full time dialogue partner का दर्जा दिया।

इसका मतलब था की आसियान का चाहे क्षेत्रीय सम्मेलन हो या EAS का भारत को बुलाया ही जाएगा।

2001 में आसियान ने भारत को ASEAN+1 का दर्जा दिया। ASEAN+1 का पहला सम्मेलन 2001 में हुआ था।

सार्क क्या है, कब हुई इसकी स्थापना और क्या है इसके उद्देश्य

भारत और आसियान के मध्य वर्ष 2009 में मुक्त व्यापार समझौता भी हुआ था। जिसे BAFTA के नाम से जानते है (Bharat Asean Free Trade Agreement)

Act with Asean

यह नीति मोदी सरकार ने 2016 में अपनाई थी या कहे घोषित की थी। इसका मतलब था आसियान के साथ लगातार काम करते रहो।

यह पॉलिसी Look East Policy का ही एक दूसरा रुप है। इसका उद्देश्य है कि आसियान के साथ connectivity और बढ़ाई जाए।

भारत को आसियान से क्या लाभ है

तो आइए अब बात करते है की भारत को आसियान से क्या फायदा है?

  • आसियान के सभी देशों की जनसंख्या मिलाकर 60 करोड यानि भारत के लिए एक अच्छी मार्केट।
  • आसियान में कई मज़बूत अर्थव्यवस्था वाले देश जिनसे भारत को भी हो रहा फायदा।
  • चीन को संतुलित करने के लिए आसियान से अच्छे रिश्ते जरूरी।
  • हिंद महासागर की सुरक्षा के लिए आसियान आवश्यक।
  • आतंकवाद के खिलाफ अभियान के लिए Asean का साथ जरुरी।

आसियान विजन 2020 क्या है

अब जानते है aashiyan vision 2020 ki mukhya baten kya hai? तो इसकी मुख्य बाते थी।

दक्षिण पूर्वी एशिया में शान्ति और सौहार्द स्थापित करना। सभी आसियान देशों के बीच बाजार का एकीकरण करना।

आसियान के तीनों पिलर्स को मज़बूत करना और लोकतंत्र को बढ़ावा देना।

आसियान का झंडा कैसा है

तो आइए अब आपको दिखाते है आसियान का झंडा।

अगर आसियान झंडे की बात करे तो ये दर्शाता है शान्ति, समृद्धि, एकता और सुरक्षा।

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आसियान के कार्य एंव भूमिका

आसियान को बने हुए 55 साल हो गए है। इन पचपन सालो में दुनिया ने बहुत से उतार चढ़ाव देखे। लेकिन आसियान ने इस दौरान जबर्दस्त कार्य किया है

Asean ने पूर्वी देशों को एकजुट करने का कार्य किया है। दक्षिण पूर्वी देशों की मज़बूत अर्थव्यवस्था के पीछे आसियान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

आपसी विवादो में ना उलझकर आसियान ने सभी देशों को मिलाकर रखने का एक बडा कार्य किया है।

आज सिंगापुर, मलेशिया समेत जितने भी बेहतरीन इकोनॉमी वाले देश है दक्षिण पूर्वी एशिया के उनको यहां तक पहुंचाने में आसियान की अहम भूमिका रही है।

आसियान देशों की भौगोलिक स्थिति क्या है

अब बात करते है आसियान देशों की geographical स्थिति की। तो आसियान के देश म्यांमार से शुरू होते है और नीचे पूर्व तक है।

आसियान देशों का मैप आप देखिए। जिससे आपको इनकी भागौलिक स्थिति का आसानी से पता चल जाएगा।

आसियान क्या है : FAQ

आसियान का सचिवालय कहां है?

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के दक्षिणी भाग में इसका सचिवालय है।

आसियान के वर्तमान अध्यक्ष कौन है?

ब्रूनेई के ‘लिम जॉक होई‘ आसियान के वर्तमान अध्यक्ष (महासचिव) है।

आसियान क्या है और इसकी स्थापना कब हुई?

आसियान दक्षिण पूर्वी देशों का एक संगठन है इसकी स्थापना 1967 को हुई।

उपसंहार

तो आपने आज जाना आसियान का इतिहास और आसियान क्या है। आसियान का वैश्विक स्तर पर भी बहुत अधिक महत्व है।

क्योंकि ये बडी इकोनॉमी वाले देशों का संगठन है। शीत युद्ध में भी यह संगठन संतुलित रहा। जो कि आसियान उपलब्धियां में से एक है।

प्रत्येक वर्ष 8 अगस्त को आसियान दिवस मनाया जाता है। क्योंकि 8 अगस्त 1967 को ही आसियान की स्थापना हुई थी।

आसियान की स्थापना कब और किसने की?

आसियान की स्थापना ८ अगस्त, १९६७ को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी। इसके संस्थापक सदस्य थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे। ब्रूनेई इस संगठन में १९८४ में शामिल हुआ और १९९५ में वियतनाम।

आसियान की स्थापना कब हुई 1965 1966 1957 1985?

आसियान की स्थापना 8 अगस्त 1967 में पाँच सदस्यों के साथ की गयी थी: इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपीन्स, सिंगापुर तथा थाईलैंड।

आसियान में कुल कितने देश हैं?

Ans. 5 सदस्यों में थाईलैंड, सिंगापुर, वियतनाम, लाओस, इंडोनेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और कंबोडिया शामिल हैं

10 आसियान देश कौन हैं?

सदस्य देश: इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपीन्स, वियतनाम, म्यांमार, कंबोडिया, ब्रूनेई और लाओस इसके सदस्य देश हैं. थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर इसके संस्थापक सदस्य थे.

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