1992 ब च क आईएएस अफसर

आईएएस जोड़ी की शादी होगी बेहद खूबसूरत आईएएस सृष्टि जयंत देशमुख का दिल साथी आईएएस अधिकारी डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा ने जीता है। ये दोनों अलग स्टेट के रहने वाले हैं, मगर शादी के चलते अब दोनों की पोस्टिंग भी समान कैडर में हो गई है।

आईएएस जोड़ी की शादी होगी बेहद खूबसूरत आईएएस सृष्टि जयंत देशमुख का दिल साथी आईएएस अधिकारी डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा ने जीता है। ये दोनों अलग स्टेट के रहने वाले हैं, मगर शादी के चलते अब दोनों की पोस्टिंग भी समान कैडर में हो गई है।

आईएएस सृष्टि देशमुख ने दी सगाई की सूचना अपनी सगाई की सूचना खुद आईएएस सृष्टि जयंत देशमुख ने दी है। इन्होंने अपने इंस्टग्राम पर तीन दिन पहले पोस्ट शेयर कर लिखा कि Choosing to Walk ahead with this Man by my side..! My Rock.. My Sunshine. सृष्टि ने यह पोस्ट करते हुए आईएएस अधिकारी नागार्जुन बी गौड़ा को टैग किया है। दिल के निशान के साथ ही engaged हैशटैग किया है।


आईएएस सृष्टि जयंत देशमुख की पोस्ट वायरल आईएएस सृष्टि जयंत देशमुख ने इस इंस्टाग्राम पोस्ट में खुद व नागार्जुन बी गौड़ा की एक तस्वीर भी शेयर की है। इस पोस्ट के बाद से सृष्टि देशमुख को खूब बधाई दी जा रही है। महज तीन दिन में ही इस पोस्ट को पांच लाख 22 हजार 961 लोगों ने लाइक किया है। 23 हजार 300 से ज्याा यूजर्स ने कमेंट किया है।

मणिपुर से मध्य प्रदेश आ गए गौड़ा बता दें कि सृष्टि जयंत देशमुख मध्य प्रदेश और नागार्जुन बी गौड़ा मणिपुर के साल 2019 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। सृष्टि देशमुख से शादी करने के लिए नागार्जुन गौड़ा ने अपना कैडर बदल लिया है। 16 जुलाई 2021 को डॉ. नागार्जुन गौड़ा को मणिपुर से मध्य प्रदेश कैडर में भेजने के आदेश जारी हुए हैं।

LBSNAA की दोस्ती प्यार में बदली दुनिया की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान कई अफसरों में दोस्ती होती है, जो बाद में प्यार में बदल जाती है। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि 2019 के बैच के आईएएस अधिकारी देशमुख व गौड़ा की लव स्टोरी की शुरुआत भी LBSNAA से हुई है।

आईएएस सृष्टि जयंत देशमुख की जीवनी बता दें कि आईएएस अधिकारी सृष्टि देशमुख मूलरूप से मध्य प्रदेश के भोपाल के कस्तूरबा नगर की रहने वाली हैं। कार्मेल कान्वेंट स्कूल भेल भोपाल से स्कूली शिक्षा पूरी की। लक्ष्मी नारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी भोपाल से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की।

आईएएस सृष्टि जयंत देशमुख का परिवार सृष्टि देशमुख का जन्म 28 मार्च 1996 को भोपाल के जयंत देशमुख व सुनीता देशमुख के घर हुआ। जयंत देशमुख एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर के पद पर काम रहे हैं जबकि सृष्टि की मां सुनिता निजी स्कूल में टीचर है। इनके एक छोटा भाई है। सृष्टि अपने परिवार से इकलौते आईएएस अधिकारी हैं।

पहले प्रयास में बन गईं टॉपर सृष्टि देशमुख के पास एनसीसी का ए सर्टिफिकेट है। इन्हें योगा भी पसंद है। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद सृष्टि देशमुख ने भोपाल में रहकर यूपीएससी की तैयारियां शुरू कर दी थी। यूपीएससी परीक्षा 2018 में भाग्य आजमाया और पहली ही बार में पांचवीं रैंक हासिल कर आईएएस बन गईं।

सृष्टि जयंत देशमुख का सर्विस रिकॉर्ड बता दें कि 2019 बैच की आईएएस अधिकारी सृष्टि जयंत देशमुख की पहली पोस्टिंग मध्य प्रदेश के डिंडौरी में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई थी। अब हाल ही सृष्टि देशमुख का तबादला मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में उपखंड अधिकारी पद पर किया गया है।

आईएएस नागार्जुन बी गौड़ा की जीवनी बता दें कि अुर्जन गोवड़ा का पूरा डॉ. नागार्जुन बी गोवड़ा है। ये मूलरूप से कनार्टक के एक गांव के रहने वाले हैं। कर्नाटक के सामान्य परिवार में 9 मई 1992 को नागार्जुन बी गोवड़ा का जन्म हुआ। अपने स्कूल के दिनों में नागार्जुन खेलों में भी रुचि रखते थे। अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक फोटो भी शेयर की थी, जिसमें इन्होंने नेशनल जूनियर लेवल की प्रतियोगिता में रजत जीता था। नागार्जुन ने साल 2016 में एमबीबीएस की डिग्री पूरी की। साल 2018 में 418वीं रैंक पाकर आईएएस अधिकारी बन गए


भोपाल। आईएएस गुप्ता केंद्रीय डेपुटेशन पर सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर पदस्थ थे। वे वर्ष 2017 से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ थे। बताते हैं कि कुछ समय पूर्व ही राज्य सरकार ने डीओपीटी को पत्र भेजकर उन्हें वापस भेजने को कहा था। इसके बाद डीओपीटी ने आदेश जारी किया है। दरअसल, मप्र में काफी दिनों से आयुक्त व सचिव स्तर के आईएएस अफसराें की कमी बनी हुई है। इस वजह से प्रमुख सचिव स्तर के अफसर को आयुक्त जैसे पदों पर पदस्थ किया गया है। बताते हैं कि वर्ष 2003 से लेकर 06 के बीच में केंद्र से मप्र कॉडर में काफी कम आईएएस अफसर मिले थे। उनकी वरिष्ठता के अनुसार पदों पर नियुक्त किया गया है, किंतु यह संख्या काफी कम है। ऐसे करीब 20 के आसपास अफसरों की कमी बनी हुई है। इससे सरकार का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। राज्य सरकार ने इन्हीं बातों का जिक्र करते हुए डीओपीटी को पत्र भेजा था।

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