1 ड्राइंग बोर्ड कई प्रकार के होते हैं do नामित ड्राइंग बोर्ड का साइज क्या होगा - 1 draing bord kaee prakaar ke hote hain do naamit draing bord ka saij kya hoga

  • वैचारिक चरण
  • अभिकल्‍प चरण (डिजाइन)
  • रूपांतरण चरण
  • प्रतिकृति विकास चरण
  • प्रक्रिया और उत्पादन योजना
  • उत्पादन
  • निरीक्षण
  • विपणन
  • शोधन और अनुरक्षण, आदि

एक इंजीनियरिंग ड्राइंग में कौन सी जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए? ( engineering drawing pdf )

एक आदर्श इंजीनियरिंग ड्राइंग में निम्नलिखित जानकारी होनी चाहिए: ( engineering drawing pdf )

  • वस्तु का आकार
  • वस्तु के विभिन्न भागों का यथार्थ परिमाण और सहनशीलता
  • उत्पाद की पूर्णता
  • सामग्री का विवरण
  • कंपनी का नाम
  • उत्पाद का कैटलॉग नंबर
  • वह तारीख जिसमें ड्राइंग बनाई गई थी
  • वह व्यक्‍ति जिसने ड्राइंग बनाई थी

ड्राइंग दिशानिर्देश होते हैं जो दर्शाते हैं कि उत्पादों और संरचनाओं का निर्माण कैसे करना है। इंजीनियरिंग ड्राइंग के बिना किसी भी इंजीनियरिंग वस्तुओं (मानव निर्मित) का औद्योगिक स्तर पर निर्माण/उत्‍पादन संभव नहीं है। ( engineering drawing pdf )

ड्राइंग के लिए व्‍यवहार संहिता पर एक अंतर्राष्‍ट्रीय मानक है जिसे भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस) द्वारा अनुसरण और धारण किया जाता है। engineering drawing pdf

पैमाना (स्‍केल)

‘स्केल’ शब्द आमतौर पर एक सीधी रेखा के रेखांकन या लंबाई के मापन के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण के लिए प्रयुक्‍त होता है। यह उस सममिति को दर्शाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है जिसमें वस्तु के संदर्भ में ड्राइंग की जाती है। इसका उपयोग वस्‍तु और ड्राइंग शीट के आकार के आधार पर सुविधाजनक ढंग से पूर्ण आकार, कम आकार या अभिवर्धित आकार की ड्राइंग बनाने में किया जाता है। आम तौर पर, इंजीनियर स्‍केल कार्डबोर्ड से बना होता है और जैसा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस) द्वारा अनुशंसित है स्केल के आठ सेट होते हैं। engineering drawing pdf

ये M1 से M8 तक निर्दिष्‍ट हैं engineering drawing pdf

ड्राइंग पेंसिल

पेंसिल लीड में ग्रेफाइट और मिट्टी के मिश्रण के अनुपात के अनुसार विभिन्न ग्रेड की पेंसिल उपलब्ध हैं। engineering drawing pdf

HB – (मृदु ग्रेड) – हाशिए की रेखा खींचने, अभिलेखन और मुक्‍त हाथों से आरेखन में प्रयुक्‍त होती है।

H – (मध्यम ग्रेड) – दृश्य खाका, दृश्य किनारे और हाशिए की रेखा खींचने में प्रयुक्‍त होती है। engineering drawing pdf

2H – (कठोर ग्रेड) – निर्माण रेखाओं, आयाम रेखाओं, अग्र रेखाओं, विस्तार रेखाओं, मध्‍य रेखाओं, हैचिंग लाइन और प्रच्‍छन्‍न रेखाओं के लिए प्रयुक्‍त होती है।

एक ड्राइंग शीट का अभिन्‍यास

  • यह शीट के निचले दाएं कोने में ड्राइंग के स्‍थान में स्थित होती है। इसकी अधिकतम लंबाई 170 मिमी है। engineering drawing pdf

मध्‍य चिन्‍ह

  • माइक्रोफिल्‍म प्रतिकृति के लिए ड्राइंग के स्थापन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सभी ड्राइंग पर चार मध्‍य चिन्‍ह प्रदान किए जाते हैं।

अभिविन्यास चिन्‍ह

  • ड्राइंग के अभिविन्यास को दर्शाने के लिए अभिन्‍यास में दो अभिविन्यास चिन्‍ह प्रदान किए जाते हैं।

अभिन्‍यास की सीमा

  • यह काटी गई शीट के किनारों और ड्राइंग की जगह को सीमित करने वाले फ्रेम से घिरा होता है।

ग्रिड संकेत प्रणाली

  • विवरणों के चित्रण पर सहज स्थान खोजने के लिए और परिवर्धन एवं संशोधन कार्य आदि के लिए वस्तु स्थान खोजने हेतु सभी आकारों में इसका अभ्यास किया जाता है। engineering drawing pdf
  • एक ड्राइंग शीट के एक आदर्श अभिन्‍यास में पहचान चिह्न नहीं होता है।
  • एक ड्राइंग शीट पर ग्रिड संकेत निम्नलिखित जानकारी प्रदान करते हैं: ड्राइंग के विवरण, परिवर्धन, संशोधन, रूपांतरण आदि का स्थान।

अभिलेखन HB ग्रेड पेंसिल (शंक्‍वाकार नोक) का उपयोग करके मुक्‍त हाथों से किया जाना चाहिए। engineering drawing pdf

  1. ऊंचाई की श्रेणी के कारण टाइप B को टाइप A से अधिक प्राथमिकता दी जाती है।
  2. आसान निष्पादन के कारण सीधे अक्षरों को प्रवणता वाले अक्षरों से अधिक प्राथमिकता दी जाती है।
  3. टाइप A अभिलेखन में रेखा चौड़ाई टाइप B अभिलेखन की तुलना में हमेशा कम होती है।
  • सबसे पहले हमें हाशिया रेखा (बॉर्डर लाइन) और टाइटल बॉक्स खींचना होगा और फिर हमें ड्राइंग शुरू करनी होगी।

 

  • हमारे पास कई प्रकार और आकार की ड्राइंग शीट होती हैं .. जैसे A4,A3,A2,A1,A0 इत्यादि।

ड्राइंग के उपकरण और सहायक सामग्री

हाथ-संबंधी ड्राइंग में परिपूर्णता सुनिश्‍चित करने के लिए निम्नलिखित उपकरण सेट आवश्यक हैं:

  1. ड्राइंग बोर्ड

ड्राइंग बोर्ड लकड़ी के नरम तख्‍तों से बना होता है। ड्राइंग बोर्ड के कार्यकारी पृष्‍ठ की लगभग पूर्ण योजना सुनिश्‍चित की जानी चाहिए। कठोर आबनूस के किनारे का एक तख्‍ता बोर्ड के छोटे किनारे पर एक खांचे में फिट होता है और टी-स्क्वायर हेतु गाइड प्रदान करने के लिए अच्‍छी तरह से रेखि‍त होता है। ड्राइंग बोर्ड का मानक आकार नीचे तालिका 1.1 में दिखाया गया है। प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग छात्रों के लिए आम तौर पर D2 आकार का ड्राइंग बोर्ड अनुशंसित किया जाता है।

  1. ड्राइंग शीट

ड्राइंग शीट वह माध्यम है जिस पर पेंसिल या कलम के द्वारा चित्र (ड्राइंग) तैयार किए जाते हैं। तालिका 1.2 के अनुसार ड्राइंग शीट मानक आकार में उपलब्ध हैं। एक मानक A0 आकार शीट 1 वर्ग मीटर क्षेत्रफल और 1189 x 841 आयाम की होती है। इससे बड़ी प्रत्येक शीट (A1, A2, A3, इत्यादि क्रमानुसार) निकटतम संख्या वाली शीट के आकार की आधी होती है। प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग छात्रों के ड्राइंग अभ्यास के लिए, A2 आकार की ड्राइंग शीट पसंदीदा है। विभिन्न ड्राइंग शीट्स के अनुशंसित आकार नीचे दी गई तालिका में दिखाए गए हैं –

 

  1. मिनी-ड्राफ्टर

यह वह उपकरण है जिसका उपयोग समानांतर या झुकी हुई रेखाओं को बहुत आसानी से खींचने में किया जाता है। यह एक क्लैंप तंत्र के माध्यम से ड्राइंग बोर्ड के ऊपरी बाएं कोने पर लगाया जाता है जो उपकरण का एक अभिन्न भाग है। चित्र 2 में कॉलेज स्तर के आदर्श मिनी ड्राफ्टर का चित्र दर्शाया गया है। एक L-आकार का स्‍केल जिसमें मिलीमीटर के चिन्‍ह होते हैं मिनी ड्राफ्टर के कार्यकारी सिरे के रूप में कार्य करता है। L-आकार वाले स्‍केल में कोण की माप के लिए एक डिग्री स्‍केल भी होता है। कार्यकारी सिरे को ड्राइंग बोर्ड पर किसी भी वांछित स्थान पर ले जाया जा सकता है।

मिनी ड्राफ्टर को क्लैंप करने की प्रक्रिया

शून्य डिग्री के कोण के साथ चांदे (प्रोटेक्‍टर) के सिरे को सेट करें, फिर मिनी ड्राफ्टर के क्‍लैंप को या तो बोर्ड के ऊपरी क्षैतिज किनारे के साथ या बोर्ड के बाएं लंबवत किनारे के साथ ऊपरी बाएं कोने में स्‍थापित करें। मिनी ड्राफ्टर के स्‍केल के निचले भाग में रखी गई ड्राइंग शीट के साथ, ड्राइंग शीट के ऊर्ध्वाधर या क्षैतिज सिरों पर संरेखित मिनी-ड्राफ्टर के स्‍केल के साथ ड्राइंग बोर्ड को ड्रॉइंग शीट में स्‍थापित करें।

  1. सेट स्‍क्‍वायर (गुनिया)

सेट स्‍क्‍वायर नीचे दिए गए चित्र के अनुसार 45° सेट स्‍क्‍वायर और 30°-60° सेट-स्क्वायर का सेट होता है। इन्हें एक-दूसरे और T-स्क्वायर के साथ संयोजन में समानांतर, झुकी हुई (आनत) और लंबवत रेखाएं खींचने में उपयोग किया जाता है। ये पारदर्शी ऐक्रिलिक से बने होते हैं। प्रत्येक में मिलीमीटर या इंच के उत्कीर्ण अंकन के साथ असमकोणित सिरे होते हैं। 45° वाले सेट स्क्वायर में आमतौर पर एक चांदा (प्रोटेक्टर) होता है, वहीं 30°-60° सेट-स्क्वायर में फ्रेंच वक्र होता है।

  1. कंपास (परकार)

इनका उपयोग चाप या वृत्‍त बनाने के लिए किया जाता है। आम तौर पर, दो आकार के परकार होते हैं: पहला बड़ा परकार और दूसरा छोटा स्‍प्रिंग बो परकार। प्रत्येक परकार में एक सुई और एक पेंसिल प्‍वाइंट होता है। बहुत बड़ी त्रिज्या का चाप बनाने के लिए, पेंसिल प्वाइंट वाले पाए को जोड़ के स्‍थान से हटाया जा सकता है और चाप की त्रिज्या को बढ़ाने के लिए एक लंबी छड़ लगाई जा सकती है। नीचे दिया गया चित्र 4 एक परकार का चित्र दर्शाता है।

  1. डिवाइडर:

डिवाइडर का उपयोग या तो स्‍केल से या स्‍वयं ड्राइंग से चित्रों तक लंबाई का विस्‍तार करने के लिए किया जाता है। परकार के समान, तकनीकी ड्राइंग में दो आकार के डिवाइडर का उपयोग किया जाता है। एक बड़ा डिवाइडर और दूसरा छोटा स्‍प्रिंग बो डिवाइडर।

  1. पेंसिल/लीड स्टिक्स/पेंसिल शार्पनर/रबर आदि:

तकनीकी ड्राइंग में उपयोग किया जाने वाला प्राथमिक उपकरण पेंसिल या लीड स्टिक है। आम तौर पर, तकनीकी ड्राइंग के लिए, पेंसिल के तीन ग्रेड HB, H और 2H उपयोग किए जाते हैं। विभिन्न उद्देश्यों के लिए, विभिन्न ग्रेड की पेंसिल का उपयोग किया जाता है। पेंसिल शार्पनर का उपयोग पेंसिल को ठीक करने के लिए किया जाता है। रबर का उपयोग पेंसिल ड्राइंग के अनावश्यक भाग को मिटाने में किया जाता है।

  1. फ्रेंच वक्र/लोचदार वक्र

फ्रेंच वक्र ऐक्रिलिक से बने सांचे से मुक्‍त होता है और इसका उपयोग कई बिंदुओं से गुजरने वाले सरल वक्र को बनाने में किया जाता है। फ्रेंच वक्र की बाह्य रूप-रेखा को इस प्रकार समायोजित किया जाता है जैसे सरल वक्र तीन से अधिक बिंदुओं से होकर जाता है और इन रेखाओं से होकर जाने वाला एक वक्र खींचा जाता है। वक्र का अगला भाग पिछले वक्र के अंतिम दो बिंदुओं के जोड़ के साथ अगले तीन बिंदुओं का उपयोग करके खींचा जाता है। नीचे दिए गए चित्र में एक आदर्श फ्रेंच वक्र दर्शाया गया है।

एक लोचदार वक्र में लचीलापन होता है, जो आमतौर पर एक मोटे रबर के पदार्थ से लेपित धातु के तार से बना होता है। इसे किसी भी आकार में मोड़ा जा सकता है ताकि इसके कार्यकारी सिरों को कई बिंदुओं से मिलाया जा सके और एक सरल बन सके।

ड्राइंग शीट का अभिन्‍यास

किसी भी इंजीनियरिंग ड्राइंग को एक मानक प्रारूप का अनुसरण करना होता है। ड्राइंग शीट में ड्राइंग स्पेस, टाइटल ब्लॉक और पर्याप्त मार्जिन शामिल होते हैं। ड्राइंग बोर्ड पर ड्राइंग शीट को लगाने के बाद मार्जिन खींचे जाने चाहिए। अभिन्‍यास में महत्वपूर्ण विवरणों को त्वरित पढ़ने की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। विभिन्न स्थानों पर चित्र बनाए जाने चाहिए और उन्‍हें साझा किया जाना चाहिए और उनके त्वरित संदर्भों का आसानी से पता लगाना चाहिए।

एक आदर्श ड्राइंग शीट को चित्र 4 में दर्शाया गया है और इसमें निम्नलिखित शामिल हैं: engineering drawing pdf

  1. बार्डर- शीट के सुव्‍यवस्थित किनारों के मध्‍य के चारो ओर न्‍यूनतम 10 मि.मी. का खाली स्‍थान छोड़ा जाना चाहिए।
  2. मार्जिन भरना- बांयी ओर बार्डर के साथ न्‍यूनतम 20 मि.मी. का मार्जिन होना चाहिए। यह छिद्रण लेने के लिए प्रदान किया जाता है।
  3. ग्रिड संदर्भ प्रणाली- फ्रेम के भीतर ड्राइंग के आसान स्थान के लिए ड्राइंग शीट के सभी आकारों के लिए फ्रेम की लंबाई और चौड़ाई को सम संख्‍या के भागों में विभाजित किया जाता है। किसी विशेष शीट के लिए भागों की संख्या ड्राइंग की जटिलता पर निर्भर करती है। ड्रॉइंग शीट आकार के आधार पर ग्रिड की लंबाई 25 मि.मी. से 75 मि.मी. के मध्‍य होती है। ऊर्ध्वाधर किनारों के साथ की ग्रिड को कैपिटल अक्षरों द्वारा नामित किया जाता है जब कि क्षैतिज किनारों के साथ की ग्रिड को अंकों द्वारा नामित किया जाता है। नंबरिंग और लेटरिंग, टाइटल बॉक्स के विपरीत शीट के कोने से शुरू होती है और विपरीत भुजाओं पर दोहराई जाती है। संख्याओं और अक्षरों को सीधा लिखा जाता है। वर्णमाला की संख्‍या से अधिक होने की स्थिति में अक्षरों अथवा संख्‍याओं के दोहराव का अभ्‍यास AA, BB आदि के रूप में किया जाता है।
  4. टाइटल बॉक्स- यह प्रत्‍येक ड्राइंग शीट में अनिवार्य रूप से उपलब्‍ध होने वाली एक महत्वपूर्ण विशेषता है। प्रत्येक ड्राइंग शीट के निचले दाहिने कोने पर टाइटल बॉक्‍स बनाया जाता है और यह ड्राइंग/ घटक के संदर्भ में तकनीकी और प्रशासनिक विवरण प्रदान करता है। अत: यहां पर टाइटल बॉक्‍स के लिए विभिन्न विमाएं उनलब्‍ध हैं, इंजीनियरिंग के छात्रों को 170 मि.मी. x 65 मि.मी. आकार के टाइटल बॉक्स का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

टाइटल बॉक्स को दो क्षेत्रों: (a) भाग पहचान क्षेत्र और (b) अतिरिक्त जानकारी क्षेत्र में विभाजित किया गया है। भाग पहचान क्षेत्र में, घटक पहचान संख्या, भाग का नाम, ड्राइंग के कानूनी मालिक (अर्थात फर्म/ घटक/ आदि का नाम हाइलाइट किया जाएगा), जब कि अतिरिक्त जानकारी क्षेत्र में, तकनीकी जानकारी जैसे प्रतीकों का संकेत मिलता है प्रक्षेपण प्रणाली, ड्राइंग का स्तर, संकेतक सतह बनावट की विधि, ज्यामितीय सहनशीलता इत्यादि का संकेत देने वाले प्रतीको जैसी तकनीकि जानकारी को हाइलाइट किया जाएगा। engineering drawing pdf

डायमेंशनिंग [आई.एस. 11669: 1986]

बी.आई.एस. (भारतीय मानक बोर्ड एस.पी. 46: 2003), एक माप को मापन की उपयुक्‍त इकाइयों में व्यक्त किए गए संख्यात्मक मान और रेखाचित्रों, प्रतीकों और नोटों के साथ तकनीकी चित्रों पर ग्राफ के माध्‍यम से संकेत देने से परिभाषित करता है।

  • केंद्र रेखाओं को लंबी-डैशदार डॉटेड पतली रेखाओं के रूप में खींचा जाता हैं।
  • एक लंबी-डैशदार डॉटेड पतली रेखा का प्रयोग, रेखा समरूपता, केंद्र रेखा, उपकरण और छिद्रों के पिच सर्कल का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जाता है। engineering drawing pdf
  • बी.आई.एस. द्वारा अनुशंसित अक्षरों का झुकाव 75 डिग्री है।
  • विमाएं निर्धारित करने की दो अनुसंशित प्रणालियां दिशाहीन और श्रेणीबद्ध प्रणाली हैं।
  • एक गोलाकार आंतरिक कोने को एक फिलेट (पट्टिका) कहा जाता है।
  • बेलन के अक्ष, छिद्र की केंद्र रेखा, अक्ष की समरूपता को सांकेतिक करने हेतु केंद्र रेखा का उपयोग किया जाता है।
  • एकसमान अनुप्रस्‍थ काट के लंबे भाग को सांकेतिक करने हेतु एक छोटी अंतराल रेखा का प्रयोग किया जाता है।
  • एक काटे गए समतल को सां‍केतिक करने हेतु एक लंबी डैशदार डॉटेड रेखा का प्रयोग करते हैं।
  • समानांतर अथवा प्रगतिशील विमाओं में, एक छोर पर स्थित एक सामान्य आयाम रेखा से शुरू होने वाली एक-दूसरे के समानांतर कई एकल विमा रेखाओं का स्‍थानन किया जाता है। छोटी विमाएं हमेशा दृश्य के करीब रखी जाती हैं।

ज्‍यामितीय निर्माण

  • जब दो ग्राफिक इकाइयां, लंबाई के साथ एक निश्चित दूरी पर स्थित होती हैं तो इसे सामान्‍यत: समांतरता के रूप में जाना जाता है।
  • यदि एक रेखा, एक वृत्‍त को दो बिंदुओं पर काटती है और केंद्र से होकर नहीं गुजरती है तो वृत्‍त के भीतर रेखा खंड को जीवा के रूप में संदर्भित किया जाता है।
  • जब एक वृत्‍त, दिए गए तीन बिंदुओं से होकर गुज़रता है तो इसका केंद्र, इन बिंदुओं को मिलाने वाली रेखाओं के लंबवत समद्विभाजकों के कटान बिंदु पर स्थित होता है।
  • एक बड़े वृत्‍त में समान आकार के तीन छोटे वृत्‍त बनाए गए हैं। प्रत्‍येक छोटा वृत्‍त, बड़े वृत्‍त और अन्‍य दो वृत्‍तों को स्‍पर्श करता है। छोटे वृत्‍तों के केंद्र, एक समबाहु त्रिभुज के किनारों पर स्थित होते हैं। engineering drawing pdf
  • वस्तु पर विशिष्ट प्रोफाइल डिजाइन करने में ज्यामितीय निर्माण का ज्ञान होना आवश्यक है। एक सामान्‍य बहुभुज के लिए, प्रत्येक आंतरिक कोण (N-2)x180 /(N), होना चाहिए, जहां n एक सामान्‍य बहुभुज की भुजाओं की कुल संख्‍या है। यहां पर, n = 5 (पंचभुज के लिए) 80, प्रत्‍येक आंतरिक कोण 108° है। अत: कथन II गलत है।
  • प्रत्येक बाह्य कोण = 360 डिग्री/ N
  • बाह्य कोणों का योग = 360 डिग्री
  • आंतरिक कोणों का योग = 180 डिग्री × (N -2)

एक चाप/ वृत्‍त की जीवा का लंबवत समद्विभाजक हमेशा चाप/ वृत्‍त के केंद्र से होकर गुज़रता है। दिए गए वृत्‍त के भीतर एक सामान्‍य पंचभुज को स्‍पष्‍ट रूप से बनाया जा सकता है।

पैमाना

नमूना (आर.एफ.): किसी वस्तु के ड्राइंग आकार और उसके वास्तविक आकार के अनुपात को नमूने के रूप में जाना जाता है।

साधारण पैमाना: एक साधारण पैमाने का उपयोग दो क्रमागत इकाइयों अर्थात एक इकाई और इसके उप-विभाजन का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जाता है।

विकर्ण पैमाना: एक विकर्ण पैमाने का उपयोग तीन इकाइयों अर्थात मुख्य इकाई, इसकी उप इकाई और उप इकाई के उपखंड का प्रतिनिधित्‍व करने के लिए किया जाता है। विकर्ण पैमाने का निर्माण, त्रिभुजों की समरूपता के सिद्धांत पर किया जाता है।

जीवाओं का पैमाना: चांदा उपलब्ध नहीं होने पर कोणों को मापने अथवा बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। engineering drawing pdf

  • एक साधारण पैमाने का उपयोग दूरी को इकाईयों और इसके निकटतम उपखंड में सांकेतिक करने हेतु किया जाता है, जब कि वर्नियर कैलिपर्स और विकर्ण पैमाने दूरी को एक इकाई और इसके निकटतम दो उपखंडों में सांकेतिक करते हैं।
  • एक विकर्ण पैमाना, त्रिभुजों की समरूपता पर आधारित होता है। अत: कथन । सत्‍य है। वर्नियर पैमाना एक पिछड़ा हुआ पैमाना है और इसका लीस्‍ट काउंट, एल.सी. = वी.एस.डी. – एम.एस.डी. द्वारा दिया गया है। engineering drawing pdf
  • जीवाओं के पैमाने के आधार पर सभी खंड बराबर नहीं होते हैं लेकिन एक छोर से अन्‍य छोर की ओर धीरे-धीरे घटते जाते हैं।
  • वर्नियर पैमाने की तुलना में विकर्ण पैमाने में दूरी की माप करना आसान है।
  • यदि विकर्ण पैमाने में, क्षैतिज उपखंड को y से.मी. से दर्शाया जाता है तो पैमाने का लीस्‍ट काउंट ज्ञात करने के लिए इसे n बराबर भागों में इस प्रकार विभाजित करना होगा कि एल.सी. = y/ n से.मी. हो।
  • इन्हे भी पढ़ें – इंजीनियरिंग ड्राइंग से पूछे गए प्रश्न उत्तर
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What are the three types of views in Blueprints & engineering drawings?

In essence, there are three basic types of perspective drawings that are commonly used in architectural design and construction: one-point perspective, two-point perspective, and three-point perspective. (engineering drawing pdf)

How are engineering drawings used?

An engineering drawing is a type of technical drawing used to define the requirements for engineering products or components. … It may also describe the process of making the item, may be used to convey engineering ideas during the design process, or may provide a record of an existing item. (engineering drawing pdf)

What is projection in engineering drawing?

projection is perpendicular to the parallel line of sight. ▪ Orthographic projection technique can produce either. pictorial drawings that show all three dimensions of an. object in one view, or multi-views that show only two. dimensions of an object in a single view. (engineering drawing pdf)

What is the top view?

Top View. What you see when you look at something from directly above. Here is a top view of a camera. Also called a Plan View. (engineering drawing pdf)

What is first angle method?

First angle projection is a method of creating a 2D drawing of a 3D object. It is mainly used in Europe and Asia and has not been officially used in Australia for many years. … Note the symbol for first angle orthographic projection. (engineering drawing pdf)

What is basic drawing?

Drawing is a form of visual art in which a person uses various drawing instruments to mark paper or another two-dimensional medium. … It is one of the simplest and most efficient means of communicating visual ideas. (engineering drawing pdf)

ड्राइंग बोर्ड कई प्रकार के होते हैं दो नामित ड्राइंग बोर्ड का साइज क्या होगा?

चिह्न D1 के ड्राइंग बोर्ड का मानक आकार क्या है? (mm में).
1000 × 700 × 25..
100 × 75 × 25..
1500 × 750 × 25..
1500 × 700 × 25..

ड्राइंग बोर्ड का आकार क्या होता है?

ड्राइंग बोर्ड का आकार आयताकार होता है।

ड्राइंग बोर्ड क्या है इन हिंदी?

⇰ लकड़ी का चिकना तख्ता जिसपर कागज रखकर चित्र खीचा जाता है।

ड्राइंग बोर्ड किसका बना होता है?

1- ड्राइंग बोर्ड (Drawing Board) : ड्राइंग बोर्ड अच्छी सीजन की उत्तम गुणवत्ता वाली नर्म लकड़ी से बनाए जाते हैं ताकि ड्राइंग पिन सुगमता से लगाए व बाहर निकाला जा सके। इसकी सतह पूर्णतया चिकनी, समतल व किनारे सीधे तथा आपस में समकोण होने चाहिए। जो कि पूर्णरूप में समतल व बोर्ड के साथ समकोण पर लगी होती है।

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